tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post6590395387555882931..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: कातिबे-तक़दीर कुछ तो बता दे...अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-8462735597244409382008-10-22T23:50:00.000+05:302008-10-22T23:50:00.000+05:30परिश्रम आपका, फायदा हमारा । सलाम ।परिश्रम आपका, फायदा हमारा । सलाम ।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-67511120361860097832008-10-22T23:46:00.000+05:302008-10-22T23:46:00.000+05:30शब्दों के सफर के सल्तनत के आप हो गए हैं सुलतान ......शब्दों के सफर के सल्तनत के आप हो गए हैं सुलतान ... कुतुब-उद्दीन और आपने इस सफर को कुतुब-मीनार की ऊंचाई देने का प्रयास किया है. सुभान अल्लाह....!!! आमीन.समीर यादवhttps://www.blogger.com/profile/07228489907932952843noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-38626016195045438812008-10-22T18:17:00.000+05:302008-10-22T18:17:00.000+05:30खुत्बा और ख़त सुना था लेकिन इस रास्ते किताब तक कह...खुत्बा और ख़त सुना था लेकिन इस रास्ते किताब तक कहाँ जा पाये थे. कुतुब को तो कुतुबद्दीन ऐबक और कुतुबमीनार तक ही सुना था.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-7405363261377598172008-10-22T18:14:00.000+05:302008-10-22T18:14:00.000+05:30सुलेखन का काम किताबत कहलाता है। क्या किताबत से ही ...सुलेखन का काम किताबत कहलाता है। क्या किताबत से ही अग्रेंजी का शब्द कैलिग्राफ़ी आया, वो भी तो शब्दों को सुन्दर शैली में लिखने की कला के लिए है।Anita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-76209928939645636042008-10-22T13:01:00.000+05:302008-10-22T13:01:00.000+05:30वाकई ....शब्दों के रखवाले है आप !शब्दों के संग्रहक...वाकई ....शब्दों के रखवाले है आप !शब्दों के संग्रहकर्ता कहूँ तो ज्यादा फिट बैठेगाडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-16319911755448582992008-10-22T03:38:00.000+05:302008-10-22T03:38:00.000+05:30किताब और पुस्तक और ख़त सारे ही पसंदीदा हैं !किताब और पुस्तक और ख़त सारे ही पसंदीदा हैं !लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-86259347602194412592008-10-22T01:01:00.000+05:302008-10-22T01:01:00.000+05:30कुतुब पर खानाबैठकरचढ़करउसके उपरअब दिल्ली वालों का...कुतुब पर खाना<BR/><BR/>बैठकर<BR/><BR/>चढ़कर<BR/><BR/>उसके उपर<BR/><BR/>अब दिल्ली वालों का<BR/><BR/>भी नसीब कहां ?<BR/><BR/>वैसे पुस्तक मेले को<BR/><BR/>किताबखाना भी तो<BR/><BR/>कह सकते हैं ?<BR/>बात दीगर है<BR/><BR/>कि पुस्तक<BR/> से<BR/>आंखों और मन <BR/>के माध्यम से<BR/><BR/>दिमाग की आग<BR/><BR/>बुझाई जाती है।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-13507304989081332292008-10-21T23:06:00.000+05:302008-10-21T23:06:00.000+05:30हम तो कुतुब मीनार से ज्यादा कुछ नहीं जानते थे लेक...हम तो कुतुब मीनार से ज्यादा कुछ नहीं जानते थे लेकिन आपके कुतुबखाने से बहुत कुछ जाना।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-55858677392578795902008-10-21T22:32:00.000+05:302008-10-21T22:32:00.000+05:30कातिब कब कालान्तर में कातिल से जुड़ा, उसका कोई आख्य...कातिब कब कालान्तर में कातिल से जुड़ा, उसका कोई आख्यान है। या वह मेरे मन की शुद्ध उड़ान है अरब सागर पर।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-30105459440859094992008-10-21T22:29:00.000+05:302008-10-21T22:29:00.000+05:30वाह! क्या किताबी पोस्ट है।वाह! क्या किताबी पोस्ट है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-66704900937792138172008-10-21T22:15:00.000+05:302008-10-21T22:15:00.000+05:30वाह.. एक और बहुत खूब वाला पोस्ट.. अभी कुछ ही दिन प...वाह.. एक और बहुत खूब वाला पोस्ट.. अभी कुछ ही दिन पहले मैं अपने किसी पोस्ट में खत कि खूबियों को गिना रहा था और आपने उसका पूरा चिट्ठा-खाता खोल कर रख दिया..<BR/><BR/>अरे वाह हम तो अलंकार से भी अलंकॄत हैं.. मुझे पता ही नहीं था.. :)PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com