tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post661075483475426383..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: [नाम पुराण-5] सावधानी हटी, दुर्घटना घटीअजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-85203139618340871972010-03-30T09:58:55.757+05:302010-03-30T09:58:55.757+05:30नामो का ये पुराण तो घट घट के भी बढ़ा,
जमघट ज़मीन प...नामो का ये पुराण तो घट घट के भी बढ़ा,<br />जमघट ज़मीन पर तो फलक पर हुआ घटा,<br />घाटी की सैर में तो अटक ही गए थे हम,<br />इतने में 'कर' वसूलने 'घट्पाल' आ गया.Mansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-80717364242281314102010-03-29T19:31:09.300+05:302010-03-29T19:31:09.300+05:30आप बेहतर लिख रहे/रहीं हैं .आपकी हर पोस्ट यह निशान...आप बेहतर लिख रहे/रहीं हैं .आपकी हर पोस्ट यह निशानदेही करती है कि आप एक जागरूक और प्रतिबद्ध रचनाकार हैं जिसे रोज़ रोज़ क्षरित होती इंसानियत उद्वेलित कर देती है.वरना ब्लॉग-जगत में आज हर कहीं फ़ासीवाद परवरिश पाता दिखाई देता है.<br />हम साथी दिनों से ऐसे अग्रीग्रटर की तलाश में थे.जहां सिर्फ हमख्याल और हमज़बाँ लोग शामिल हों.तो आज यह मंच बन गया.इसका पता है http://hamzabaan.feedcluster.com/شہروزhttps://www.blogger.com/profile/02215125834694758270noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-87139844634242913322010-03-29T16:11:29.091+05:302010-03-29T16:11:29.091+05:30शब्दों का सफर - बढ़ता रहे, कभी घटे न ।शब्दों का सफर - बढ़ता रहे, कभी घटे न ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-8713135322439961772010-03-29T12:36:14.223+05:302010-03-29T12:36:14.223+05:30आपको साधुवाद। आपने इंटरनेट को सार्थक कर दिया है।आपको साधुवाद। आपने इंटरनेट को सार्थक कर दिया है।RAJMOHAN CHAUHANnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-10377884779031616702010-03-29T10:44:48.532+05:302010-03-29T10:44:48.532+05:30बढ़िया और उपयोगी जानकारी .बढ़िया और उपयोगी जानकारी .किरण राजपुरोहित नितिलाhttps://www.blogger.com/profile/13893981409993606519noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-18895877471351290562010-03-29T07:59:25.538+05:302010-03-29T07:59:25.538+05:30रोचक ! कभी दरी और दर्रे का फर्क बताएं !रोचक ! कभी दरी और दर्रे का फर्क बताएं !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-45150527599228265272010-03-29T04:39:49.671+05:302010-03-29T04:39:49.671+05:30अजित सर, इस निरंतर ज्ञानवर्धन के लिए आपको नमन करता...अजित सर, इस निरंतर ज्ञानवर्धन के लिए आपको नमन करता हूँ.दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-63792011310648721162010-03-29T00:50:43.411+05:302010-03-29T00:50:43.411+05:30संघटन किन्ही घटकों से मिल कर बनता है। घटक पृथक हों...संघटन किन्ही घटकों से मिल कर बनता है। घटक पृथक हों तो विघटन कहलाते हैं। यहाँ घट में एक इकाई का भाव है जो मिल कर बड़ी इकाई बना सकते हैं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-77152053009195174052010-03-29T00:21:19.446+05:302010-03-29T00:21:19.446+05:30उदयपुर याद आ गया बड़े भाई। हल्दीघाटी, झाड़ोल घाटा...उदयपुर याद आ गया बड़े भाई। हल्दीघाटी, झाड़ोल घाटा... पुराने दिनों की यादें ताजा हो गईं। जब पहले पहल वहां गया था तो चौराया और घाटा जैसे शब्दों को सुनकर कई बार कनफ्यूज हो जाता था। बाद में मतलब समझने लगा तो मजा आने लगा। नाम पुराण बढि़या चल रहा है।Sanjay Kareerhttp://sanjayuvach.dailyhindinews.comnoreply@blogger.com