tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post6850159011750068051..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: दोस्ती का पुल पुख्ता करे बकलमखुद...आमीनअजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-43086987131901466102008-08-31T18:32:00.000+05:302008-08-31T18:32:00.000+05:30मैंने काफी लेट से ये स्तंभ पढ़ना शुरु किया है..मुझ...मैंने काफी लेट से ये स्तंभ पढ़ना शुरु किया है..मुझे इसका अफसोस है-अलवत्ता मै ब्लॉग को काफी निहारता रहता हूं-लेकिन पता नहीं कभी ध्यान ही नहीं गया या अपने स्वार्थ के वस दूसरे चीजों में उलझा रहा।sushant jhahttps://www.blogger.com/profile/10780857463309576614noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-35410372287036136332008-05-22T22:22:00.000+05:302008-05-22T22:22:00.000+05:30बहुत दिलचस्प रहा बेजी जी का स्वकथन. इस स्तर को बना...बहुत दिलचस्प रहा बेजी जी का स्वकथन. इस स्तर को बनाये रखना आगे आने वालों के लिए सचमुच एक चुनौती साबित हो सकता है.Ghost Busterhttps://www.blogger.com/profile/02298445921360730184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-29140543323250739972008-05-22T19:40:00.000+05:302008-05-22T19:40:00.000+05:30बेजी जी का बकलम खत्म हो गया लेकिन मन नहीं भरा, आशा...बेजी जी का बकलम खत्म हो गया लेकिन मन नहीं भरा, आशा है वो आगे का हाल अपने चिठ्ठे पर जारी रखेगीं। खुशी से फ़ूली नहीं समा रही कि बेजी जी ने हमारा दोस्त बनना स्वीकार किया है। मुझे इंतजार है उनसे बात करने का।<BR/>संजीत हमारा साधारण लिखा भी बकलम पर आ कर अलग रंगत मे खिल गया अजीत जी की एडिटिंग के कमाल से। काफ़ी श्रेय उन्ह जाता है।Anita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-59241598986759038702008-05-22T13:56:00.000+05:302008-05-22T13:56:00.000+05:30जारी रखिये अब आदत बिगड़ गई है...जारी रखिये अब आदत बिगड़ गई है...डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-74575978079749371492008-05-22T13:05:00.000+05:302008-05-22T13:05:00.000+05:30सच कहूं तो बकलमखुद में हर किसी का हर पन्ना पढ़ते हु...सच कहूं तो बकलमखुद में हर किसी का हर पन्ना पढ़ते हुए यही महसूस होता है कि शायद यही बेहतरीन लिखा गया है और इससे अच्छा पढ़ने को नही मिलेगा लेकिन……फ़िर से अगला पन्ना यही एहसास दिलाता है कि यह बेहतरीन है।<BR/>इसका कारण शायद यह है कि शब्दों का सफ़र में आकर हर किसी का बकलमखुद एक अलग एहसास बन जाता है और संवर सा जाता है।<BR/>यह सही कहा बेजी ने कि यह कोई महान लोगों की कहानी नही है पर आम लोग जो हमारे आसपास से ही उठे से लगते हैं उनके जीवन सफर को ही शब्दों का जामा पहना कर पेश किया जा रहा है, वाकई यह एक पुल ही है।<BR/><BR/>शुक्रिया बकलमखुद लिखने वालों का और अजित जी का भी जिनका यह क्रिएटिव आईडिया जबरदस्त साबित हुआ।Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-4899508107491387142008-05-22T12:11:00.000+05:302008-05-22T12:11:00.000+05:30संघर्ष से हर्ष तकनित नये उत्कर्ष तक पलों से सौ वर्...संघर्ष से हर्ष तक<BR/>नित नये उत्कर्ष तक <BR/>पलों से सौ वर्ष तक <BR/>कथन से विमर्श तक <BR/>=================<BR/>चल पड़ा ये सिलसिला <BR/>जो जीया सबको मिला <BR/>=================<BR/>अनकही को कहने की<BR/>ली अजित जी ने सुध <BR/>सफ़र की ये दास्तां <BR/>बन गई बकलमख़ुद.<BR/><BR/>सबसे मिलते हुए चलने के <BR/>अंदाज़ को बधाई.......!<BR/>डा.चंद्रकुमार जैनDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-54222588498529529382008-05-22T08:23:00.001+05:302008-05-22T08:23:00.001+05:30इतिहास में दर्ज हो गई यह बकलम खुद. बहुत बधाई अजीत ...इतिहास में दर्ज हो गई यह बकलम खुद. बहुत बधाई अजीत भाई ऐसी जबरदस्त प्रस्तुति प्रस्तुत करने के लिए. यह आपके ही बस की बात है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-39003515978609332392008-05-22T08:23:00.000+05:302008-05-22T08:23:00.000+05:30इतिहास में दर्ज हो गई यह बकलम खुद. बहुत बधाई अजीत ...इतिहास में दर्ज हो गई यह बकलम खुद. बहुत बधाई अजीत भाई ऐसी जबरदस्त प्रस्तुति प्रस्तुत करने के लिए. यह आपके ही बस की बात है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-51801690144819348492008-05-22T07:15:00.000+05:302008-05-22T07:15:00.000+05:30बेहतरीन प्रस्तुति रही अभी तक के बकलमखुद की। आगे और...बेहतरीन प्रस्तुति रही अभी तक के बकलमखुद की। आगे और इंतजार है।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.com