tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post6941394881539450173..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: लंबा क़द और लंबी ज़ुबानअजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-5050416226019853562009-12-25T04:32:31.321+05:302009-12-25T04:32:31.321+05:30@बलजीत बासी
शुक्रिया बलजीत भाई,
मैने कई संदर्भों...@बलजीत बासी <br />शुक्रिया बलजीत भाई, <br />मैने कई संदर्भों को टटोलने के बाद ही ऐसा लिखा है जिसमें प्लैट्स महोदय भी हैं। कुछ अन्य कोश भी इसकी व्युत्पत्ति ड्राअर से बताते हैं। समयाभाव के चलते कई बार मैं संदर्भों का उल्लेख नहीं कर पाता हूं। पुरानी कई पोस्टों में ऐसा हुआ है और अभी भी होता है। इनका संदर्भ रह गया लगता है। अग्रेजी के ड्राअर से दराज शब्द का बनना तार्किक तो लगता है, पर खण्ड या खाना के अर्थ में फारसी में दरजः शब्द पहले से मौजूद है। ये ठीक है कि आगे खींच कर बाहर निकालने के लिए अंग्रेजी के ड्राअर शब्द से इसकी समानता कई लोगों को नजर आती है। पर मूलतः यह है तो खण्ड या आला ही। और मेज, आलमारी में भी इसकी कई मंजिलें यानी दरजे होते हैं। यह मान लेना कुछ मुश्किल लगता है कि यूरोपीयों के आने से पहले अरब, फारस या भारत के लोग टेबल या मेजनुमा किसी देशी व्यवस्था के बिना गुजारा करते थे। खास कर तब, जब प्रायः सभी सभ्यताओं-समाजों में काष्ठकला सर्वाधिक प्रारम्भिक कलाओं में रही है। बहरहाल, सारा मामला संभवतः शब्द न लगाने से उभरता है। मुझे पोस्ट का यह हिस्सा फिर सम्पादित करना होगा। इसी सोच के तहत जब मैने मुहम्मद मुस्तफा खां मद्दाह के कोश में संदर्भ टटोला तो वहां अपनी धारणा को पुष्ट करता हुआ उदाहरण मिला। इसी तरह सीरियक अरबी में भी सीधे सीधे इसका अर्थ मेज की दराज दिया हुआ है। मैं भी यही मानता हूं कि यह अंग्रजी से नहीं बल्कि फारसी-अरबी मूल का ही शब्द है। यूं ड्राअर भी इंडो-यूरोपीय भाषा परिवार से ही ताल्लुक रखता है। फिर भी आपको शंका हुई तो औरों को भी हो सकती है। कुछ सुधार करूंगा। अलबत्ता संभवतः शब्द का इस्तेमाल करना ज्यादा सुविधाजनक रहता। <br />अभी दफ्तर में हूं।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-15671258900594456152009-12-24T19:53:01.567+05:302009-12-24T19:53:01.567+05:30मेज वाले दराज को आपने अरबी के दरजः (दर्जः) से बना ...मेज वाले दराज को आपने अरबी के दरजः (दर्जः) से बना बतलाया है, लेकिन मैं तो इसको अंग्रेजी के 'चेस्ट ऑफ़ डरार्ज' का बिगड़ा रूप समझता हूँ . प्लेट्स भी ऐसा ही कहता है :<br /><br />H دراز darāz (corr. fr. the English), s.f. Drawers (of a chest, &c.).<br /><br />शंका दूर करें .Baljit Basihttps://www.blogger.com/profile/11378291148982269202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-78533391190538388142009-06-30T14:33:32.931+05:302009-06-30T14:33:32.931+05:30ज्ञानवर्धक यात्रा पड़ाव....
दराज शब्द का प्रयोग
हम...ज्ञानवर्धक यात्रा पड़ाव....<br />दराज शब्द का प्रयोग <br />हम भी इसी खंड रूप में किया करते हैं....शब्द विवेचना बड़ी ही अच्छी लगी.आभाररंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-16519861155917029202009-06-29T08:53:48.490+05:302009-06-29T08:53:48.490+05:30तेरी जुल्फे दराज़ याद आई,
बढ़ गयी और शामे तन्हाई.
...तेरी जुल्फे दराज़ याद आई,<br />बढ़ गयी और शामे तन्हाई. <br /><br />ये मशहूर शेर याद आ गया आपकी पोस्ट पर. इसी ग़ज़ल का ये शेर भी लिखने को मन कर रहा है:-<br />क्यों मुझे बज्म से उठाते हो,<br />है तुम्हारी भी इसमें रुसवाई.Mansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-78508304487215649762009-06-28T23:56:46.239+05:302009-06-28T23:56:46.239+05:30वाह ! छोटा सा दराज-ए-सफ़र पसंद आया.वाह ! छोटा सा दराज-ए-सफ़र पसंद आया.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-80604973211260338422009-06-28T21:49:33.583+05:302009-06-28T21:49:33.583+05:30सही है ,अच्छी पोस्ट .सही है ,अच्छी पोस्ट .डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-86547296305008426762009-06-28T21:36:51.838+05:302009-06-28T21:36:51.838+05:30बहुत बढ़िया ....बहुत बढ़िया ....समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-45693777500844192302009-06-28T19:50:48.667+05:302009-06-28T19:50:48.667+05:30वाह! दीर्घ से दर्जी तक सटासट चले आये हम यह पोस्ट प...वाह! दीर्घ से दर्जी तक सटासट चले आये हम यह पोस्ट पढ़ कर!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-40456196741639825322009-06-28T18:07:20.334+05:302009-06-28T18:07:20.334+05:30नमस्कार सर,
एक सवाल आया है के हम कई बार एक जैसे शब...नमस्कार सर,<br />एक सवाल आया है के हम कई बार एक जैसे शब्दों को जोड़कर क्यों लिखे हैं . <br />जैसे दूर-दराज एक उद्धरण है ,<br />धन्यवाद,<br />मयूरMAYURhttps://www.blogger.com/profile/07342867687077320304noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-21646831813942833602009-06-28T17:58:29.701+05:302009-06-28T17:58:29.701+05:30दराज तो मेज़ में लगी बकसिया को भी कहते है. क्यों ...दराज तो मेज़ में लगी बकसिया को भी कहते है. क्यों -पता नहीं . <br />लेकिन आप जैसे दीर्घदर्शी का साथ कुछ तो बदलेगा हमको भीdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-30985596045970351512009-06-28T10:46:38.865+05:302009-06-28T10:46:38.865+05:30दराज का राज़ खोलने का शुक्रिया।दराज का राज़ खोलने का शुक्रिया।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-20289025228056250262009-06-28T09:58:14.459+05:302009-06-28T09:58:14.459+05:30वाह!आपकी पोस्ट तो हमेशा अव्व्ल दर्ज़े की रहती है।भा...वाह!आपकी पोस्ट तो हमेशा अव्व्ल दर्ज़े की रहती है।भाऊ निकल रहा हूं थोड़ी देर मे लांग ड्राईव पर बरसात का मज़ा लेने।भांजा गर्मियों की छुट्टियों मे आया हुया था उसे छोड़ भी आऊंगा और मामा के घर भी हो आऊंगा।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-48917034017640073162009-06-28T09:39:50.193+05:302009-06-28T09:39:50.193+05:30जानकारी से भरी पोस्ट है येजानकारी से भरी पोस्ट है येअनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-43270789100367621042009-06-28T08:24:13.189+05:302009-06-28T08:24:13.189+05:30sada kli bhanti shaandaar.......sada kli bhanti shaandaar.......Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-64101257807391269342009-06-28T07:52:20.869+05:302009-06-28T07:52:20.869+05:30ये दराजें बहुत परेशान करती हैं। वे मेज की हों, अलम...ये दराजें बहुत परेशान करती हैं। वे मेज की हों, अलमारी की या उम्र की। कहीं का सामान कहीं घुस लेता है और फिर उन्हें तलाश करते रहें।<br />अच्छा आलेख।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-15344481101569566202009-06-28T07:24:00.935+05:302009-06-28T07:24:00.935+05:30दराज के राज खोलने के लिए धन्यवाद। मेरा एक बॉस ऐसा ...दराज के राज खोलने के लिए धन्यवाद। मेरा एक बॉस ऐसा था कि एक बार अनजाने ही बस दराज खींच देने पर ही बुरी तरह से झाड़ दिया था। :)<br /><br /><br />हाँ, अब ग़लती से भी 'वज्र बुजुर्ग' टाइप के प्रयोग नहीं करूँगा। भोजपूरी में एक प्रयोग है 'बजर ढीठ'। ढीठ व्यक्ति को बजर का टोप पहना कर और खतरनाक बना दिया जाता है. . .गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-84490119876873802222009-06-28T07:20:23.279+05:302009-06-28T07:20:23.279+05:30जानकारी भरी पोस्ट बहुत पहले गाँव व बुर्जुग जो पूछ...जानकारी भरी पोस्ट बहुत पहले गाँव व बुर्जुग जो पूछते थे बेटवा कौने दर्जा में हौ ?Pramendra Pratap Singhhttps://www.blogger.com/profile/17276636873316507159noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-44286668322390175762009-06-28T07:05:29.997+05:302009-06-28T07:05:29.997+05:30सही है !सही है !विवेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-67817070645078871122009-06-28T05:38:36.876+05:302009-06-28T05:38:36.876+05:30जुबानदराजी मतलब ज्यादा बोलना - हम समझ गये । आभार ।...जुबानदराजी मतलब ज्यादा बोलना - हम समझ गये । आभार ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-65367048187280258162009-06-28T05:08:27.457+05:302009-06-28T05:08:27.457+05:30शंका के साथ दीर्घ लगना कबसे शुरू हुआ और इस कार्य व...शंका के साथ दीर्घ लगना कबसे शुरू हुआ और इस कार्य विशेष के लिये इसका प्रयोग कबसे शुरू हुआ कृपया मेरी यह छोटी सी शंका दूर करें.शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-91015676429916688322009-06-28T04:44:08.979+05:302009-06-28T04:44:08.979+05:30फारसी से हमारी दूरदराज़ की रिश्तेदारी है..फारसी से हमारी दूरदराज़ की रिश्तेदारी है..शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.com