tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post7962925399899294709..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: फुलका भी एक फूल है ....अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-42619040520807642172007-09-01T23:32:00.000+05:302007-09-01T23:32:00.000+05:30चपाती और चांटे में एक समानता और है - दोनों ही गरम ...चपाती और चांटे में एक समानता और है - दोनों ही गरम होते हैं । <BR/><BR/>तीन-चार दिन पहले आप 'चेट' पर आए थे । मेरे सिस्टम में कोई गडबडी थी । मैं सन्देश लिख कर 'एण्टर' मार रहा था लेकिन सन्देश आप तक नहीं पहुंच पा रहा था । आपको ई-मेल किया तो 'फेल्यूअर नोटिस' आ गया ।<BR/><BR/>मैं नौसिखिया हूं, जरा मुझे सिखाइएगा कि क्या करूं ।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-22057698352598667312007-09-01T17:15:00.000+05:302007-09-01T17:15:00.000+05:30आज इत्तफाक से सुबह - सुबह नेट लगाया तो फुलका पढ़न...आज इत्तफाक से सुबह - सुबह नेट लगाया तो फुलका पढ़ने को मिल गया। अच्छा काम हो रहा है। कथादेश में बजरबट्टå को लेकर विवाद भी पढ़ा था। ऐसे विवाद तो इस तरह के किसी भी काम में होते ही रहते हैं। कई बार इनसे सुधार का मौका भी मिल जाता है। मेरी शुभकामनाएं ।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-53946355368610611422007-09-01T16:35:00.000+05:302007-09-01T16:35:00.000+05:30गहरी खोजके लाते हैं आप भी। कमाल है।गहरी खोजके लाते हैं आप भी। कमाल है।ALOK PURANIKhttps://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-58000735578270275732007-09-01T14:36:00.000+05:302007-09-01T14:36:00.000+05:30थप्पड़ का ज़िक्र आपने किया तो हमें खाए हुए थप्पड़ ...थप्पड़ का ज़िक्र आपने किया तो हमें खाए हुए थप्पड़ की याद आ गई है, मां-बाप और गुरुजनों का आशीर्वाद. इसके लिए अनेक शब्द हैं, बिहार में कुछ ज्यादा हैं, क्योंकि वहाँ इसका उपयोग शायद अधिक होता है. <BR/><BR/>थप्पड़, लप्पड़, झापड़, थोपी, चटकन, तबड़ाक, चमेटा, कनटाप...अनामदासhttps://www.blogger.com/profile/10451076231826044020noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-55092590785960937892007-09-01T12:04:00.000+05:302007-09-01T12:04:00.000+05:30फुलका खाते-खाते इत्ते बड़े हो गये, शास्त्र आज पढ़ा...फुलका खाते-खाते इत्ते बड़े हो गये, शास्त्र आज पढ़ा. इन नित्यप्रति की बातों पर विरले लोगों का ही ध्यान जाता है.Sanjay Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/13133958816717392537noreply@blogger.com