tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post8147340221183689132..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: कैलेन्डर, मुर्गा और कलदारअजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-80939352070936895532009-08-22T20:47:32.023+05:302009-08-22T20:47:32.023+05:30आपकी ऊर्जा को सलाम! कितना खोज कर लिख लेते हैं!आपकी ऊर्जा को सलाम! कितना खोज कर लिख लेते हैं!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-49867680081732715462009-08-22T20:27:26.805+05:302009-08-22T20:27:26.805+05:30अजीतजी , हौसला-अफजाई के लिए तहे-दिल से शुक्रिया. न...अजीतजी , हौसला-अफजाई के लिए तहे-दिल से शुक्रिया. न्यूज़ चैनल के भारी दबाव के बावजूद ब्लॉग पर नियमित रहने की कोशिश करूंगा. उम्मीद है अपने प्यार के साथ मेरी खामियों की तरफ भी इंगित करेंगेKhushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-4369896485256852982009-08-22T17:50:02.246+05:302009-08-22T17:50:02.246+05:30ब्लॉग की दुनिया में नया दाखिला लिया है. अपने ब्लॉग...ब्लॉग की दुनिया में नया दाखिला लिया है. अपने ब्लॉग deshnama.blogspot.com के ज़रिये आपका ब्लॉग हमसफ़र बनना चाहता हूँ, आपके comments के इंतजार में...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-35067620886783413792009-08-22T15:34:44.798+05:302009-08-22T15:34:44.798+05:30Atulneey jaankaaree.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं, ...Atulneey jaankaaree.<br /><a href="http://.za.samwaad.com/" rel="nofollow">वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं, राष्ट्र को उन्नति पथ पर ले जाएं।</a>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-8343285356842978462009-08-22T14:17:55.777+05:302009-08-22T14:17:55.777+05:30कलदार के बारे में जानकार अच्छा लगा. कई बार शब्द बि...कलदार के बारे में जानकार अच्छा लगा. कई बार शब्द बिना उनका शाब्दिक अर्थ जाने व्यवहृत होते रहते हैं फिर जब कोई बताता है कि ये यूँ हुआ तो सिर्फ इतना ही ज़बान पर आ पाता है-"अरे".sanjay vyashttps://www.blogger.com/profile/12907579198332052765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-42096376645184075272009-08-22T13:13:38.019+05:302009-08-22T13:13:38.019+05:30@वंदना अवस्थी
शुक्रिया वंदनाजी। आप इन आलेखों को बे...@वंदना अवस्थी<br />शुक्रिया वंदनाजी। आप इन आलेखों को बेशक सहेज लें, मगर हम इस कोशिश में हैं कि यह पुस्तकाकार सामने आए। देर इसलिए हो रही है कि तमाम आलेख एक जगह दे देने भर से उद्देश्य पूरा नहीं होगा। हम इसे कोश का रूप देना चाहते हैं ताकि इच्छित शब्द की व्युत्पत्ति तक फौरन पहुंचा जा सके। इस काम में देरी लग रही है।<br />आभारअजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-15253029277262757552009-08-22T13:08:25.722+05:302009-08-22T13:08:25.722+05:30अजित जी, मैने एक फ़ाइल बनाई है, जिसमें आपके इतने म...अजित जी, मैने एक फ़ाइल बनाई है, जिसमें आपके इतने महत्वपूर्ण और ज्ञानवर्धक सफ़र को कैद करती जा रही हूं. सब के काम का है ये सफ़र...बधाई.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-63055415319610292032009-08-22T12:03:00.374+05:302009-08-22T12:03:00.374+05:30ला-जवाब! तस्वीरें भी !ला-जवाब! तस्वीरें भी !मुनीश ( munish )https://www.blogger.com/profile/07300989830553584918noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-75892198758504448752009-08-22T11:28:06.693+05:302009-08-22T11:28:06.693+05:30शब्दों की इतनी पड़ताल कैसे कर लेते है? पर होती भी ...शब्दों की इतनी पड़ताल कैसे कर लेते है? पर होती भी बहुत लाजवाब है।<br />हर बार इतना कुछ नया पढने को मिलता है कि अचंभा होता है कि सभ्यताओं के साथ शब्दों ने भी कितनी लंबी यात्रा पूरी की है यहां तक पहुंचने के लिये।किरण राजपुरोहित नितिलाhttps://www.blogger.com/profile/13893981409993606519noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-77082353783002261182009-08-22T08:59:25.720+05:302009-08-22T08:59:25.720+05:30वि कल, कलंक और ऊषकाल: के बारे में जान अच्छा लगा।वि कल, कलंक और ऊषकाल: के बारे में जान अच्छा लगा।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-81318734038695100312009-08-22T08:51:43.881+05:302009-08-22T08:51:43.881+05:30आज फिर नया सीखने को मिला....हर रोज़ की तरहआज फिर नया सीखने को मिला....हर रोज़ की तरहअनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-68163037499856528262009-08-22T08:39:14.534+05:302009-08-22T08:39:14.534+05:30शब्दों के सफर मे कलदार मुर्ग मुसल्लम मजेदार लगा।
स...शब्दों के सफर मे कलदार मुर्ग मुसल्लम मजेदार लगा।<br />सफर अच्छा चल रहा है।<br />बधाई।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-4656862719754867932009-08-22T08:21:22.433+05:302009-08-22T08:21:22.433+05:30बधाई !
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_______विनम्र निवेदन : सभी ब्लौगर...बधाई !<br /><br />_______<br />_______विनम्र निवेदन : सभी ब्लौगर बन्धु आजशनिवार<br />को भारतीय समय के अनुसार ठीक 10 बजे ईश्वर की<br />प्रार्थना में 108 बार स्मरण करें और श्री राज भाटिया के<br />लिए शीघ्र स्वास्थ्य हेतु मंगल कामना करें..........<br />___________________<br />_______________________________Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-53755500050388311972009-08-22T06:33:23.135+05:302009-08-22T06:33:23.135+05:30जंत्री को मै भी पंडिताई का औजार समझता था आज पता चल...जंत्री को मै भी पंडिताई का औजार समझता था आज पता चला कलेंडर ही है यहdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-44309107782374420842009-08-22T06:30:59.883+05:302009-08-22T06:30:59.883+05:30कॉल, कल और गल एक ही है...
शब्दों का सफर पर सम्पू...कॉल, कल और गल एक ही है... <br /><br />शब्दों का सफर पर सम्पूर्ण यात्रा का कच्चा चिट्ठा खुल जाता है । बहुत बार एक ही बात नहीं कहना चाहता - आश्चर्यजनक । आपके सत्वर अध्ययन, उस अध्ययन से हुई प्राप्ति और उसकी प्रयुक्ति पर अचंभित होता रहता हूँ । आभार ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-54219833316407476202009-08-22T05:41:41.192+05:302009-08-22T05:41:41.192+05:30आप की प्रस्तुति हैरत में डालने वाली होती है। आश्चर...आप की प्रस्तुति हैरत में डालने वाली होती है। आश्चर्यजनक।आभार।<br /> जय हिन्द!हेमन्त कुमारhttps://www.blogger.com/profile/01073521507300690135noreply@blogger.com