tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post8291640012835663498..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: लस्सी दा जवाब नहीं…[खानपान-3]अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-56414863614637034112009-02-02T21:26:00.000+05:302009-02-02T21:26:00.000+05:30"कविता करके तुलसी न लसे, कविता ही लसी पा तुलसि कला..."कविता करके तुलसी न लसे, कविता ही लसी पा तुलसि कला" यहाँ 'लसी' किंवा लास्य का तात्पर्य प्रतिष्ठा से है अर्थात् दही का प्रतिष्ठित रूप है लस्सी !दिवाकर प्रताप सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06302009569112820477noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-28593686186238178692009-01-29T07:53:00.000+05:302009-01-29T07:53:00.000+05:30लस्सी नही नही लसीका पीना हो तो आइये हमारे पास शुद्...लस्सी नही नही लसीका पीना हो तो आइये हमारे पास शुद्ध दूध ,दही का इस्तमाल करते है क्योंकि गाय भैस पालते है .dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-30919200880367038812009-01-29T01:13:00.000+05:302009-01-29T01:13:00.000+05:30लस्सी का नाम पढ़ कर ही मुहं में पानी (लसिका रस)आने...लस्सी का नाम पढ़ कर ही मुहं में पानी (लसिका रस)आने लगा।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-17872802251963014712009-01-28T15:39:00.000+05:302009-01-28T15:39:00.000+05:30हमारे कॉलेज में लस्सू शब्द कुछ ख़ास तरह के लोगों क...हमारे कॉलेज में लस्सू शब्द कुछ ख़ास तरह के लोगों के लिए इस्तेमाल होता था... उनके चरित्र में चिपकू होना भी शामिल था. खैर... आपकी नई फोटू तो बड़ी मस्त है !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-60197641183994197422009-01-28T13:07:00.000+05:302009-01-28T13:07:00.000+05:30अच्छी जानकारी दी आपने। बस, एक बात बहुत ही बुरी हु...अच्छी जानकारी दी आपने। बस, एक बात बहुत ही बुरी हुई। अब किसी भी नृत्यांगना की प्रस्तुति देखते समय लस्सी याद आने लगेगी।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-85819235917064706572009-01-28T10:19:00.000+05:302009-01-28T10:19:00.000+05:30वाह दादा,इस लेख से तो हरिद्वार की लस्सी की याद आ ग...वाह दादा,इस लेख से तो हरिद्वार की लस्सी की याद आ गयी.खाने-पीने का जो मज़ा उत्तर भारत में है वो दक्षिण भारत में नहीं.आपकी नयी फोटो भी शानदार है,ऐसा लग रहा है कि गोवा में खिंचवायी है :-)Unknownhttps://www.blogger.com/profile/01634947543138803817noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-74361439543474470472009-01-28T07:55:00.000+05:302009-01-28T07:55:00.000+05:30अच्छा ? लस्सी भी धातु से बनी है ! लगती तो हल्की स...अच्छा ? लस्सी भी धातु से बनी है ! लगती तो हल्की सी है :)विवेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-21017232353402771862009-01-28T07:34:00.000+05:302009-01-28T07:34:00.000+05:30मुंह मे पानी आ रहा है पर अभी ठंड है जी.:) बहुत लाज...मुंह मे पानी आ रहा है पर अभी ठंड है जी.:) बहुत लाजवाब.<BR/><BR/>रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-32540174723972463912009-01-28T07:11:00.000+05:302009-01-28T07:11:00.000+05:30लस्सी गुलाब जल डली, उपर से हल्की दही की मलाई और खू...लस्सी गुलाब जल डली, उपर से हल्की दही की मलाई और खूब झाग वाली आहा !!<BR/>लिसलिसा से ज्यादा सिलसिला अच्छा है ना ? :)<BR/>लास्य देवी पार्बती का नृत्य है और शँकर देव का ताँडव -<BR/> ये सफर भी मजेदार रहा<BR/>- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-73027530770488683042009-01-28T06:12:00.000+05:302009-01-28T06:12:00.000+05:30वाह!! वाकई इस पोस्ट के नाम पर आपके लिए एक लस्सी की...वाह!! वाकई इस पोस्ट के नाम पर आपके लिए एक लस्सी की तो बनती है जी. उम्दा जानकारी.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-63706404538023984192009-01-28T04:12:00.000+05:302009-01-28T04:12:00.000+05:30घनघोर औऱ सार्थक लेखन...आपके ब्लॉग से अक्सर विचरता ...घनघोर औऱ सार्थक लेखन...आपके ब्लॉग से अक्सर विचरता हूं और अक्सर हैरान होता हूं...तहेदिल से बधाई..Anonymousnoreply@blogger.com