tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post8388097919428394051..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: ज़ाइक़ा, ऊंट और मज़ाक़ [चटकारा-1]अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-42690690026139310822010-01-09T19:13:06.803+05:302010-01-09T19:13:06.803+05:30अच्छा लगा जायके का सफर ।अच्छा लगा जायके का सफर ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-84533571566963452892010-01-06T23:42:23.279+05:302010-01-06T23:42:23.279+05:30नहीं, मैं आप से सहमत नहीं हूँ. मुझे पूरा अंदाजा है...नहीं, मैं आप से सहमत नहीं हूँ. मुझे पूरा अंदाजा है कि किसी शब्द के मूल को जानना बहुत ही कठन काम है., खास तौर पर एक आदमी के लिए. आप तो पता नहीं इतना बोझ कैसे उठा रहे हैं. ऐसे में एक बात की आप से उमीद करता हूँ, और यह नैतिक ईमानदारी की मांग भी है, कि जिस बात पर आपको शक हो पुरे जोर से बताओ कि यह मेरा अंदाजा है, अगर यह बात सही है तो शायद इस की व्याख्या ऐसे हो सकती है वगैरा वगैरा. शक्की बात पर आप कल्पना के पुरे घोड़े दौड़ाने लगते हैं और यहाँ तक स्पष्टवादी बियान दे देते हैं, "स्पष्ट है कि जीवन के उल्लास, जिंदगी की खुशबू ने ही ज़ाइक़ा के रूप में अर्थविस्तार पाया।"Baljit Basihttps://www.blogger.com/profile/11378291148982269202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-39269637418218536512010-01-06T22:26:47.797+05:302010-01-06T22:26:47.797+05:30ज़ायका सुधर गया जी!ज़ायका सुधर गया जी!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-73377200521770261532010-01-06T21:25:31.061+05:302010-01-06T21:25:31.061+05:30@बलजीत बासी
बलजीत भाई,
मैने तो साफ लिखा है कि व्य...@बलजीत बासी<br />बलजीत भाई, <br />मैने तो साफ लिखा है कि व्युत्पत्ति के आधार पर भारोपीय सूत्र तो मिलता है पर अरेबिक सूत्र नहीं। उसे भी तार्किक मानते हुए मैंने सेमिटिक आधार खोजने का प्रयास किया है। विभिन्न कड़ियों को जोड़ते हुए मैं जिस नतीजे पर पहुंचा हूं उसे सामने रखा है। ये तमाम शब्द इसी धातु आधार से जुड़े हैं यह सूत्र मुझे कहीं नहीं मिला। सेमिटिक आधार भी मजबूत लग रहा है और भारोपीय भी, मगर मेरा मत सेमिटिक आधार के पक्ष में है। यही कहना चाहता हूं।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-18403009425168709902010-01-06T17:30:11.845+05:302010-01-06T17:30:11.845+05:30ज़ायकेदार पोस्ट धन्यवाद्ज़ायकेदार पोस्ट धन्यवाद्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-80409550547769125192010-01-06T16:26:27.323+05:302010-01-06T16:26:27.323+05:30कबी कबी आप की बातों में स्वै-विरोध आ जाता है जिसक...कबी कबी आप की बातों में स्वै-विरोध आ जाता है जिसको आप ठीक तरह से सुलझाते नहीं. आप को 'जायका' के फारसी मूल होने पर संदेह है फिर भी आप इसके भारोपीय मूल वाली बात करने लगे और प्रोटो इंडो-यूरोपीय मूल 'जीवै' से जोड़ते हुए पूरी तार्किक व्याख्या कर डाली. क्या तर्क ऐसा नाक है जिसको जिधर मर्जी मोड़ लो? आखिर अरबी जौक से जोड़ते हुए उतने ही तर्क से इसको अरबी ज़ौ से मिला दिया.Baljit Basihttps://www.blogger.com/profile/11378291148982269202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-13506586632232484532010-01-06T16:15:53.534+05:302010-01-06T16:15:53.534+05:30ज़ायका के हर भाषा के रूप और और इसकी व्युत्पति भी पढ़...ज़ायका के हर भाषा के रूप और और इसकी व्युत्पति भी पढ़ी <br />जानकारी बढ़ाने के लिए शुक्रिया अजित जीश्रद्धा जैनhttps://www.blogger.com/profile/08270461634249850554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-2436178144285171792010-01-06T15:40:28.329+05:302010-01-06T15:40:28.329+05:30बढियां और प्रतीक्षित .बढियां और प्रतीक्षित .डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-11002817442090390302010-01-06T08:51:55.605+05:302010-01-06T08:51:55.605+05:30सुबह सुबह मुहँ में पानी आ गया।सुबह सुबह मुहँ में पानी आ गया।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-72459140297212931742010-01-06T08:32:52.332+05:302010-01-06T08:32:52.332+05:30लाजवाब जायका मिला आज तो सुबह ही सुबह.
रामराम.लाजवाब जायका मिला आज तो सुबह ही सुबह.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-39695040057532623352010-01-06T08:15:14.909+05:302010-01-06T08:15:14.909+05:30पसंद आया।पसंद आया।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-62571290802328295922010-01-06T08:04:04.683+05:302010-01-06T08:04:04.683+05:30बेहतरीन ! शेष प्रतीक्षित !बेहतरीन ! शेष प्रतीक्षित !Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-77655843315501838602010-01-06T07:04:53.388+05:302010-01-06T07:04:53.388+05:30कल ही महेंद्र जी से आपके बारे में यानी इस प्रोजेक्...कल ही महेंद्र जी से आपके बारे में यानी इस प्रोजेक्ट को लेकर बात हो रही थी और आज यहाँ भी चर्चे कुछ वैसे ही हैं.मज़ा और बढ़ गया.आगे का इंतजार रहेगा.sanjay vyashttps://www.blogger.com/profile/12907579198332052765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-73893636007326075992010-01-06T06:46:24.728+05:302010-01-06T06:46:24.728+05:30सुबह सुबह जायका लिया .भोजन थाल वह भी व्यन्जन से भर...सुबह सुबह जायका लिया .भोजन थाल वह भी व्यन्जन से भरपुर ,आज का दिन अच्छा वीतेगाdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-77970271289581391742010-01-06T05:40:48.667+05:302010-01-06T05:40:48.667+05:30जायका ले लिया इस पोस्ट का भी.
’सकारात्मक सोच के स...जायका ले लिया इस पोस्ट का भी.<br /><br /><b>’सकारात्मक सोच के साथ हिन्दी एवं हिन्दी चिट्ठाकारी के प्रचार एवं प्रसार में योगदान दें.’</b><br /><br />-त्रुटियों की तरफ ध्यान दिलाना जरुरी है किन्तु प्रोत्साहन उससे भी अधिक जरुरी है.<br /><br />नोबल पुरुस्कार विजेता एन्टोने फ्रान्स का कहना था कि '९०% सीख प्रोत्साहान देता है.'<br /><br /><b>कृपया सह-चिट्ठाकारों को प्रोत्साहित करने में न हिचकिचायें.</b><br /><br />-सादर, <br />समीर लाल ’समीर’Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-87917379631288955222010-01-06T05:04:15.667+05:302010-01-06T05:04:15.667+05:30@अविनाश वाचस्पति
आप बेसाख्ता और मज़ेदार लिखते हैं।...@अविनाश वाचस्पति<br />आप बेसाख्ता और मज़ेदार लिखते हैं। ज़ायकेदार। <br />शुक्रिया।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-63498440861042355712010-01-06T04:59:00.724+05:302010-01-06T04:59:00.724+05:30जाइका यानी
जाकर खा
स्वाद यानी जायका बता
ऊंट पर या...जाइका यानी<br />जाकर खा<br />स्वाद यानी जायका बता<br />ऊंट पर या बेऊंटी ही जा<br />मजाक नहीं है यह<br />उपयोगी है जानकारी।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.com