tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post9128142234088447424..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: [नामपुराण-1] नाम में क्या रखा है…अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-3020959176486430712012-04-15T20:22:17.857+05:302012-04-15T20:22:17.857+05:30एक कविता याद आ गई शीर्षक से ...एक कविता याद आ गई शीर्षक से ...चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-64913485263395762422010-04-14T05:29:02.719+05:302010-04-14T05:29:02.719+05:30रसूल हमजातोव रूसी नहीं अवार कवी थे.रसूल हमजातोव रूसी नहीं अवार कवी थे.Baljit Basihttps://www.blogger.com/profile/11378291148982269202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-56441463320465345862010-03-22T14:55:40.642+05:302010-03-22T14:55:40.642+05:30पोस्ट और टिप्पणिया पड़ताल करते हुए सही दिशा में बढ़ ...पोस्ट और टिप्पणिया पड़ताल करते हुए सही दिशा में बढ़ रहे हैं...<br />शुक्रिया सभी का.Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-1769580461407326202010-03-22T11:13:00.110+05:302010-03-22T11:13:00.110+05:30नामकरण भेड़चाल का दूसरा नाम है! संजय गांधी/मेनका ग...नामकरण भेड़चाल का दूसरा नाम है! संजय गांधी/मेनका गांधी के जमाने में कितने संजय और मेनका उगे?! :-)<br />फलाने की शादी हो रही है जूली से। बाभन की बेटी जूली? पता चला कि जब वह जन्मी थी तो जूली फिल्म रिलीज हुई थी! :-)Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-23169381588762632802010-03-22T11:12:13.360+05:302010-03-22T11:12:13.360+05:30This comment has been removed by the author.Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-26351884802309284282010-03-21T21:55:26.416+05:302010-03-21T21:55:26.416+05:30आज के आपके सवाल की पड़ताल कुछ यूँ की है:-
पड्ताल...आज के आपके सवाल की पड़ताल कुछ यूँ की है:-<br /><br /><br />पड्ताल/INVESTIGATION<br /><br />नाम मे रखा क्या है!<br />कौन तू बता क्या है?<br /><br />’मन’ है तू सही लेकिन,<br />’सुर’ मे ये छुपा क्या है.<br /><br />कौन है तेरा मालिक? <br />सब का वो खुदा क्या है!<br /><br />त्रिशूल, चान्द या क्रास,<br />हाथ पे गुदा क्या है?<br /><br />फ़िर से तू विचार ले,<br />नाम से बुरा क्या है.<br /><br />धर्म से भला है कुछ,<br />धर्म से बुरा क्या है?<br /><br />-मन सुर अली हाशमीMansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-29370903283477910472010-03-21T21:13:46.098+05:302010-03-21T21:13:46.098+05:30पारिवारिक गूगल ग्रुप पर मैं पहले से ही भाई भोपाली ...पारिवारिक गूगल ग्रुप पर मैं पहले से ही भाई भोपाली हूं अमितजी :)अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-50452327431856293782010-03-21T21:02:45.635+05:302010-03-21T21:02:45.635+05:30अजित भाई को सुरमा भोपाली नाम दिया जा सकता है.अजित भाई को सुरमा भोपाली नाम दिया जा सकता है.शोभाhttps://www.blogger.com/profile/12010109097536990453noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-23648266785786523902010-03-21T20:43:22.050+05:302010-03-21T20:43:22.050+05:30पोस्ट भी बढ़िया .
टिप्पणिया भी बढ़िया .
और कविता भ...पोस्ट भी बढ़िया .<br />टिप्पणिया भी बढ़िया .<br />और कविता भी बढ़िया .<br /> नाम में क्या रखा है .---------- शेक्स्पीअर ने कहा.<br />शीन काफ निजाम साहब से मिलने का सोभाग्य मिल चुका है . बहुत बढ़िया इंसान है .किरण राजपुरोहित नितिलाhttps://www.blogger.com/profile/13893981409993606519noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-49060014552803902302010-03-21T17:26:38.621+05:302010-03-21T17:26:38.621+05:30शरद भाई,
टिप्पणी में आपकी कविता दौड़ रही है साहब।...शरद भाई, <br />टिप्पणी में आपकी कविता दौड़ रही है साहब। <br />कुछ अपनी तरफ से जोड़ रहा हूं। इसे अपनी कविता पर टिप्पणी समझें-सादर<br /><br />गुम-नाम<br /><br />गुम जाते हैं नाम<br />खो जाती है शख्सीयतें<br />ये दोनों होते हैं कभी एक साथ<br />गुमशुदा तवारीखी <br />दस्तावेजों में <br />हमें नहीं आता <br />जिन्हें संभालना<br />दीमकों के हवाले कर जिन्हें<br />हम लिख रहे होते हैं<br />नई इबारतेंअजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-30618151873341336312010-03-21T17:19:18.501+05:302010-03-21T17:19:18.501+05:30@दिनेशराय द्विवेदी
रुसी गणराज्यों में हमज़ातोव का ...@दिनेशराय द्विवेदी<br />रुसी गणराज्यों में हमज़ातोव का उच्चारण ग़म्ज़ातोव भी है। याद रहे, अगर हम ग़मज़ातोव शब्द का इस्तेमाल करेंगे तो, ग़मज़ातोव के असली रूप, हमजातोव से वंचित रह जाएगे। इस तरह हमजातोव से जुड़े हमज़ात शब्द को भी नहीं पकड़ पाएंगे जिससे हम भारतीय भी परिचित हैं। हमज़ात का अर्थ है सजातीय, अपना, सबका आदि। <br />यूं भी रसूल की सभी पुस्तकों में उनका नाम में हमज़ातोव ही लिखा है। उच्चारण रूसियों के लिए महत्वपूर्ण है। भारतीयों के लिए अर्थवत्ता ज़रूरी है। सो पहले हमजा़तोव सही है....फिर गम्जा़तोव ...अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-73251989951629724982010-03-21T14:25:37.754+05:302010-03-21T14:25:37.754+05:30कमाल है साहब.
अब तो नाम के मिजाज़ के
अतल तक पहुँच...कमाल है साहब.<br />अब तो नाम के मिजाज़ के <br />अतल तक पहुँचने की राह आसन कर दी आपने.<br />======================================<br />डॉ.चन्द्रकुमार जैनDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-75900335655840477462010-03-21T10:30:41.465+05:302010-03-21T10:30:41.465+05:30अजित वडनेरकर "भोपाली" को आदाब । यह पोस्ट...अजित वडनेरकर "भोपाली" को आदाब । यह पोस्ट पढ़कर मज़ा आ गया । कभी हमें भी ऐसा ही शौक था और खुद को शरद " भंडारवी " कहते थे .. भैया टिप्पणी में यह कविता चलेगी .......<br />1996/208 <br /><br /><b>नाम <br /><br />गोद में रखे गये नामों को<br />बरकरार रखने की कोशिश में <br />युद्ध लड़े गये जवानी में <br />वंश परम्परा जारी रखने की चाह में <br />माँओं की गोद सूनी की गई <br />नाम में क्या रखा है कहते हुए <br />नाम के लिये लड़ते गये <br />मरते गये लोग <br />नाम के लिये खुदवाये गये कुएँ <br />धर्मशालाएँ बनवाई गईं <br />खोले गये प्याऊ और अस्पताल <br />नाम में बट्टा लगने के डर से <br />निर्धारित किये गये जीने के नियम <br />ज़िन्दगी को क़ैद किया गया <br />आचार सन्हिता की कोठरी में <br />जिनके बस में नहीं था <br />अपना नाम खुद कर लेना <br />उन्होने जोड़ तोड किये <br />अपना नाम सार्थक करने के लिये <br />नाम गूंजता हुआ देखकर वे खुश हुए <br />खुश हुए छपा हुआ नाम देखकर <br />अनदेखा कर गए <br />नाम के साथ जुड़े विशेषणों को <br />जिनका नाम नहीं था <br />उन्हे नाम की चिंता नहीं रही <br />नाम ज़रा सा भी हुआ जिनका <br />उनके सुख हवस में बदल गये<br /> <br />नाम का क्या हुआ <br />यह देखने के लिये जीवित नहीं रहे <br />वे तमाम लोग ।<br /> --- शरद कोकास</b>शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-76923304054599149602010-03-21T09:45:36.547+05:302010-03-21T09:45:36.547+05:30अच्छा आलेख! आभार!अच्छा आलेख! आभार!अमिताभ त्रिपाठी ’ अमित’https://www.blogger.com/profile/12844841063639029117noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-46426663114694967982010-03-21T09:34:57.760+05:302010-03-21T09:34:57.760+05:30बहुत ही सुंदर। जारी रखें....सादर आभार।।बहुत ही सुंदर। जारी रखें....सादर आभार।।Prabhakar Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04704603020838854639noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-77714178707885391342010-03-21T09:19:29.296+05:302010-03-21T09:19:29.296+05:30शायद उपनाम ज्यादा प्रसिद्ध हो जाता है . युसूफ ...शायद उपनाम ज्यादा प्रसिद्ध हो जाता है . युसूफ खान जब दिलीप कुमार बन जाते है तभी हिट होते है. वैसे नाम में ही सब कुछ हैdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-28736593219411109762010-03-21T08:46:58.152+05:302010-03-21T08:46:58.152+05:30पसंद आया। शीन काफ निजाम और रसूल हम्जातोव का उल्लेख...पसंद आया। शीन काफ निजाम और रसूल हम्जातोव का उल्लेख अच्छा लगा। उन का सही उच्चारण रसूल ग़म्जातोव है। उन की रचना मेरा दागिस्तान अदभुत रचना है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-10389127640819811062010-03-21T08:18:15.848+05:302010-03-21T08:18:15.848+05:30सुंदर व्याख्या , आभार .सुंदर व्याख्या , आभार .डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.com