
फारसी के शोर-गुल शब्द का आमतौर पर कोलाहल के अर्थ में हिन्दी में भी खूब इस्तेमाल होता है। यह बड़ा अनोखा शब्द है। यह शोर+गुल से मिलकर बना है। इन दोनों ही शब्दों का अर्थ समान है यानी कोलाहल, चीख-पुकार वगैरह।
शोर शब्द बना है संस्कृत के क्षार से । क्षार रासायनिक पदार्थ होते हैं और आयुवेüद में इनका उपयोग है। कुछ क्षार जड़ी-बूटयों को जलाकर बनाए जाते हैं। इसी तरह कुछ क्षार खनिज के तौर पर प्राकृतिक रूप में भी मिलते हैं जैसे बारूद बनाने के काम आने वाला श्वेतक्षार या सफेद क्षार। फारसी में इसे कहा गया शोर:। इसका यह रूप बना क्षार से ही मगर अर्थ हो गया तेज आवाज करनेवाला। जाहिर सी बात है कि बारूद की भीषण आवाज की वजह से ही शोरे को यह अर्थ मिला। बाद में शोर: का मतलब ही हो गया चिल्लाहट या तेज आवाज। नमक के लिए भी क्षार शब्द है इसीलिए नमकीन के अर्थ में खारा शब्द ज्यादा चलता है। राख शब्द भी क्षार से ही बना है। इस तरह क्षार से शोर: और फिर शोर शब्द बन गए। इससे ही शोरगर यानी पटाखे बनाने वाला और शोर-शराबा जैसे शब्द बने।
अब आते हैं गुल पर। फारसी में गुल का अर्थ भी कोलाहल, शोर या चीख-पुकार ही है। फारसी का गुल शब्द भी संस्कृत के कल से ही बना है जिसका अर्थ होता है शब्द करना, आवाज करना। इससे हिन्दी में कई शब्द बने हैं जैसे कोलाहल, कलरव या कलकल यानी मन्द गति से पानी बहना। गौरतलब है कि फारसी में भी कलकल शब्द का पर्याय है गुलूल।
अच्छी जानकारी दी। आप अपना ब्लाग मत बंद करिये। लोग सुझायेंगे तरीके। तब तक आप http://chhahari.com/unicode इस्तेमाल करिये। आनलाइन की बोर्ड है। यहां टाइप करके पेस्ट (अपने ब्लाग पर) कर दीजिये।
ReplyDeleteबारहा Baraha.exe इस्तेमाल करें. मैं पिछले दो साल से ज्यादा से कर रहा हूँ और os मेरा भी xp है. बारहा से मैं वर्ड पैड पर टाईप करता हूं और ब्लॉग पोस्ट में कट पेस्ट. अब तक कभी समस्या नहीं आई.
ReplyDelete-बाकि तो मास्साब और रतलामी जी जैसे ज्ञानी बेहतर बतायेंगे. आते ही होंगे. :)
अनूप जी और समीर जी , आप दोनो को बहुत बहुत शुक्रिया... काम बन गया।
ReplyDeleteवाह भाई वाह... आप पोस्ट करते रहिये । बहुत अच्छा है ।
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