
Sunday, September 23, 2007
फीस दो या पशु, बात एक ही है...
हिन्दी के पशु और अंग्रेजी के फीस शब्द में भला क्या रिश्ता हो सकता है? एक का अर्थ है मवेशी या जानवर जबकि दूसरे का मतलब होता है शुल्क या किसी किस्म का भुगतान। हकीकत में दोनों शब्द एक ही हैं। दोनों ही शब्द इंडो-यूरोपीय भाषा परिवार के हैं और इनका उद्गम भी एक ही है। संस्कृत में
एक शब्द है पाश: जिसका अर्थ है फंदा ,डोरी , श्रृंखला, बेड़ी वगैरह। जाहिर है जिन पर पाश से काबू पाया जा सकता था वे ही पशु कहलाए। हिन्दी में पशु शब्द का जो अर्थ है वही फीस के प्राचीन रूप फीओ (fioh) शब्द का भी मतलब था यानी जानवर। संस्कृत का पशु ही इंडो रोपीय भाषा परिवार में घुस कर पेकू बना। वहां से लैटिन में प्रवेश हुआ तो फेहू हो गया। उसके बाद बना प्राचीन इंग्लिश का फीओ। और फिर फीस बन कर हिन्दी में समा गया। ताज्जुब है , गया था तो पशु था ,लौटा तो शुल्क हो गया ! सवाल है कि इतने लंबे सफर में इसके भीतर का पशु कहां गुम हो गया ? दरअसल पुराने जमाने में जब मुद्रा का चलन आम नहीं हुआ था, खरीद फरोख्त सिर्फ वस्तु विनिमय या अदला बदली के जरिये ही हुआ करती थी। और इसका सबसे बड़ा माध्यम थे पशु। इसी परंपरा के चलते पशु से बने फीस लफ्ज का अभिप्राय पश्चिमी दुनिया में मुद्रा के लेन देन या शुल्क भुगतान से जु़ड़ गया।

यही तो बात है. शब्द ब्रह्म यूँ ही नहीं कहा जाता. एक मामूली से शब्द में इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, राजनीति, जीवन, दर्शन, संस्कृति, संगीत, समाज...क्या नहीं छिपा होता.
ReplyDeleteशौक़े दीदार है ग़र
तो नज़र पैदा कर
अजित जी, कमाल है। कहां-कहां से चीजें ढूंढ निकालते हैं। फीस और पशु में इस रिश्ते की बात कोई सोच भी नहीं सकता था। गजब...गजबै किए हैं भाई।
ReplyDeleteशब्द रिबाउण्ड हो कर आया तो १८० डिग्री आउट आफ फेज! :)
ReplyDeleteगजब परिवर्तन होते हैं शब्दों में.
गज़ब!!
ReplyDeleteक्या बात है! सच में कोई सोच नही सकता इस तरह शब्दों के रिश्ते को!!
मैं ने पहली बार आप का ब्लाग पढ़ा--पशु और फ़ीस वाला। बघाई!अब इसे फ़ेवरिट की सूची में डाल लिया है। इसे लगातार ज़ारी रखें...
ReplyDeleteअपने बारे में मैं कहूगा कि मैं ने और मेरी पत्नी कुसुम कुमार ने समांतर कोश की रचना की है, और अभी अभी पेंगुइन से हमारा The Penguin English-Hindi/Hindi-English Thesaurus द पेंगुइन इंग्लिश-हिंदी/हिंदी-इंग्लिश थिसारस ऐंड डिक्शनरी नाम का बृहद कोश आया है।
मैं ने अपना ब्लाग भी शुरू किया है--
अरविंद कोशनामा। आप चाहें तो उस से अपना ब्लाग सहर्ष लिंक कर सकते हैं।
अरविंद कुमार