Thursday, October 25, 2007

टैंट में सुरीली तान और बाहर तुनुकमिज़ाज

संगीत की तान का अंग्रेजी के टैंट यानी तंबू या या शामियाने से क्या संबंध है ? बेशक एक संबंध तो है। संगीत की बड़ी बड़ी महफिलें शामियानों (टैंट) में सजती हैं और फनकार अपनी तानों से समां बाध देते हैं। मगर इन दोनों शब्दों का रिश्ता है खिंचाव से। सुरों और टैंट दोनों को खींचने से ही बात बनती है। इन दोनों ही शब्दों में करीबी रिश्ता है । भारोपीय भाषा परिवार की ten धातु से ही दोनों शब्द जन्में हैं। संस्कृत की तन् धातु का मतलब है खींचना, तानना, विस्तार करना। गौर करें कि धातु को ठोक-पीट कर , विस्तार कर उसके तार बनाए जाते हैं। तार की खासियत होती है उसका लम्बा, पतला होना। यही तन् है। यानी जिसे खींचकर, विस्तारित कर पतला बना दिया जाए। सात सुरों का जो सप्तक होता है उसमें सबसे ऊंचे सप्तक को तार-सप्तक इसीलिए कहते हैं। संगीत में वे स्वर जिन्हें उच्च आवृति पर गाया जाता है तान कहलाते है। पाश्चात्य संगीत में भी उच्च स्वर को tenor कहा जाता है। संगीत सम्राट तानसेन के नाम का आधार तान ही है। इस खिंचाव या तनाव में निहित पतलेपन या सूक्ष्मता पर अगर ध्यान दें तो मालूम होगा कि पतली, तनी हुई चीज़ में नज़ाकत का गुण भी आ ही जाता है। फारसी का एक शब्द है तुनुक। यह तन् से ही बना है जिसका मतलब है नज़ाकत, सूक्ष्म , छोटा वगैरह। इससे बना है तुनुकमिज़ाज जिसका मतलब हुआ, बात बात में तन जानेवाला, चिड़चिड़ा आदि

अब बात tent की । दरअसल ये अंग्रेजी में भी आया फ्रेंच शब्द tente से। फ्रेंच में भी तेरहवीं सदी के आसपास ये आया चलताऊ लैटिन के tendencia से जिसका अर्थ होता है फैलाना या तानना। और लैटिन के चलताऊ यानी देसी रूप ने इसे ग्रहण किया है प्रोटो इंडो यूरोपीय मूल के शबद ten से जिसका मतलब भी किसी चीज को फैलाना, तानना या बिछाना ही था। यही ten संस्कृत में भी सदियों पहले तन् के रूप में अपनी जड़ें जमा चुका था। लैटिन में tenta , tentus आदि कई रूप लेते हुए करीब दो सदी पहले किसी खास ढांचे या फ्रेम पर मोटे कपड़े या चमडे को चढ़ाने या फैलाने की की क्रिया के रूप में इस शब्द चलन शुरू हुआ।

2 comments:

  1. सारे संगीत कार्यक्रम टेण्ट में ही होने चाहियें। और हम लोगों - जिनकी टेंट में पैसा न हो; उनके लिये फ्री! :-)

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  2. आपका टैंट अच्छा है.

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