Thursday, August 28, 2008

कानून का डंडा या डंडे का कानून

BooksandGavelA कानून लफ्ज की शख्सियत में जबर्दस्त सैलानीपन है। मज़े की बात ये कि कानून सबको कड़वा और कड़क लगता है मगर इसमें मिठास भी छुपी है। कानून एक ऐसा शब्द है जो रोजमर्रा की हिन्दी में इस्तेमाल होता है। प्रायः हर रोज़ हम इसे बोलते, लिखते, पढ़ते या सुनते हैं। अतिशयोक्ति लगे तो सचाई खुद परख लीजिए। इस लफ्ज के हिन्दी में दाखिल होने की दास्तान भी दिलचस्प है। ज़रा देखते हैं कानून के इस रमते जोगी का सफरनामा। [यहां भी ज़रूर जाएं]
हिन्दी के अपने से लगने वाले कानून लफ्ज़ की हिन्दुस्तान में जब आमद हुई उससे पहले ये आधी दुनिया और दर्जनों मुल्कों का सफर कर चुका था। यह अरबी ज़बान का है और भारत में इस्लामी दौर की शुरूआत में ही आ चुका था। अब ये अलग बात है कि ईश्वर की राह का संदेश देने वाले सूफी फ़कीर इस क़ानून को अपने ब्रह्मज्ञान की पोटली में बांधकर लाए या खुदाई क़ानून की धज्जियां उड़ानेवाले बर्बर हमलावर।
गौर करें कानून शब्द के चरित्र पर । इसका अर्थ बतलाने वाले जितने भी शब्द हैं मसलन- नियम , रीति, क़ायदा, ये सभी एक ही भाव लिए हुए हैं – सीधेपन का। यानी जो कुछ भी किया जाए सीधा हो, टेढ़ा न हो। समाजशास्त्रीय ढ़ंग से देखें तो भी सीधे काम स्वीकार्य होते हैं, टेढे या ग़लत नहीं। सीधा यानी सही, टेढ़ा यानी ग़लत। अब ज़रा सीधे–टेढ़े की पहेली भी सुलझा ली जाए। भाषाविज्ञानियों के मुताबिक दरअसल कानून मूलतः अरबी ज़बान का भी नहीं है अलबत्ता है यह सेमेटिक भाषा परिवार का ही। प्राचीन हिब्रू में एक शब्द है क़ैना(ह) यानी qaneh जिसका मतलब है लंबा-सीधा पोले तने वाला वृक्ष। सरकंड़ा या बांस का इस अर्थ में नाम लिया जा सकता है। यही शब्द ग्रीक ज़बान में कैना(ह) kannah के रूप में मौजूद है। अर्थ वही है लंबा, सीधा , पोला वृक्ष। एक और अर्थ है छोटी छड़ जिससे पैमाइश की जा सके। अर्थात किसी चीज़ का जो मानक तय किया जा चुका है उसका आकलन इस छड़ से होता था।
कानून का पालन न करने वालों पर भी केन यानी डंडे ही बरसते हैं। गौर करें कि अंग्रेजी में केन का मतलब छड़ भी होता है। वाकिंग स्टिक भी केन ही कहलाती हैं और अपनी लंबाई और मिठास के चलते गन्ने को भी शुगरकेन नाम इसी वजह से मिल गया।यहां चाहें तो हिन्दी के गन्ने की तुलना भी मुखसुख के लिए इस केन से कर सकते हैं । दोनों में रिश्तेदारी जो ठहरी। इन शब्दों के अन्य यूरोपीय भाषाई रूप हुए अंग्रेजी में  केन (cane) फ्रेंच में केने (canne) लैटिन में केना अर्थात बांस वगैरह। इसी से बना है ग्रीक भाषा का kanwn जिसका मतलब हुआ नियम कायदा। अंग्रेजी में इसका रूप हुआ Canon और मतलब वही रहा।
गौर करें नियम कायदे के संदर्भ में सीधे-टेढ़े की पहेली यहां सुलझ रही है। वृक्ष के सीधे तने को प्रतीक स्वरूप सीधी राह, रीति या जीवन पद्धति से जोड़कर देखें तो नियम, कायदा अपने आप साफ हो जाता है। थोड़ा और आगे की बात करें तो सीधी-सरल सी लगने वाली यह छड़ सही राह दिखाने के प्रतीक स्वरूप ही नियमों का पालन कराने वालों के हाथों में भी पहुंच गई। गौर करें हर राज्य का ध्वज एक दंड पर टिका रहता है। भारत में भी केन या बेंत को दंड या डंडा कहते है। अब सज़ा के लिए दंड शब्द यूं ही तो नहीं बन गया होगा ! दंड यानी डंडे से ही सज़ा तय होती थी सो दंड देने वाला दंडाधिकारी [मजिस्ट्रेट] बना। प्राचीन उल्लेखों, चित्रों व अन्य साक्ष्यों में हर शासक के हाथ में दंड भी उसकी सत्ता और दंडाधिकारी होने का प्रतीक था। मजिस्ट्रेट की टेबल पर रखा हथोड़ा इसी दंड का प्रतीक था, वर्ना लोगों को शांत कराने वाले उपकरण के तौर पर तो यह सबको नज़र आता ही है। दंड में निहित शक्ति ही अंग्रेजी के केन और कानून में भी झलक रही है।
रबों के स्पेन मे लगातार हमलों ने इस शब्द के अन्य रूपों को भी यूरोप में प्रसारित किया। हिब्रू के इस लफ्ज का सफर जहां बरास्ता अरबी यूरोप में हुआ वहीं तुर्की, फारसी होते हुए लगभग सभी भारतीय ज़बानों में ये कानून के रूप में मशहूर हो गया। हमारे यहां इसका मतलब हुआ शासकीय नियम, विधि आदि। अंग्रेजी राज के दौरान एक सरकारी पद भी सामने आया कानूनगो। आज भारत में ब्राह्मणों और कायस्थों में यह सरनेम के रूप में भी नज़र आता है। कानूनगो मालगुज़ारी महकमें का वह सरकारी सेवक होता था जिसके जिम्मे पटवारियों के सिपुर्द भूमि संबंधी दस्तावेजों की जांच करने का काम था। कानून से ही बने कानूनन, कानूनी, कानूनदां और कानूनियां जैसे शब्द भी प्रचलित हैं।

14 comments:

  1. कहाँ से चल कर कहाँ पहुंचते हैं ये शब्द भी... ये यायावरी भी खूब है, भेष बदलते बदलते इतना बदल लेते हैं की पहचानने के लिए पारखी नजर चाहिए... वो भी ऐसी वैसी नहीं !

    आपकी परखी नज़र दिख रही है इस पोस्ट में !

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  2. गजबे हो भाई!!! ज्ञानवर्धन का आभार कह कर ही निकल जाते हैं.

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  3. कानून के हाथ लम्बे हैं, यह तो सुना था; लेकिन इसके पैर तो और भी लम्बे हैं यह यहाँ आ कर पता चला। कितनी देश-दुनिया घूमें बैठा है यह क़ानून यह बताने का आभार।

    आपकी यह श्रृंखला हमें भी ज्ञानी बनाती जा रही है। जमाए रहिए जी...

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  4. आज कानून का मतलब एक्ट/अधिनियम और कायदे का मतलब नियम है।

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  5. अजित जी,
    कानून शब्द का ऐसा निराला
    मानवीकरण पहली बार पढ़ा.
    कानून की खातिर शख्सियत,
    सैलानीपन और रमता जोगी जैसा
    प्रयोग ! कमाल से अधिक है यह !
    सफर की ये शख्सियत ज्ञान-संपदा की
    साझा-समझ का वह अलिखित कानून है
    जिसमें किसी जोगी का भी मन राम जाए
    तो आश्चर्य क्या है ?......आभार आपका. यह भी
    कि आपकी पेशकश की शख्सियत भी दिनोंदिन निखरती
    जा रही है...सच...यह संस्तुति नहीं, सच्चाई है....पुनः आभार.
    ==============================================
    आपका
    चन्द्रकुमार

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  6. अजितजी,
    कानून के हाथ लंबे होते हैं सुना था लेकिन शब्दों के मामले में आपके हाथ उससे भी कहीं अधिक लंबे हैं।

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  7. हम भी आभार कहेंगे जी..

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  8. बहुत उम्दा अजित भाई. शब्दों का इतिहास बहुत कम लोग जानते हैं और इसके बारे में जब पता चलता है तो वाकई बहुत रोमांच होता है। आपको पढ़कर मेरा बहुत ज्ञानवर्द्धन हुआ है। इसके लिए आभार और बेहतर शोध और प्रस्तुति के लिए बहुत-बहुत बधाई।

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  9. .पता नही कौन से खजाने से लाते हो गुरुवर

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  10. कानून की दास्तान वाकई दिलचस्प है.

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  11. कानून का डंडा
    कानून से लंबा
    कानून जितना सख्‍त
    उससे भी मजबूत तख्‍त
    डंडा है दरख्‍त
    दरख्‍त जिसकी तासीर मीठी
    पड़ता है सिर पर तो
    होती है लाल
    यही तो है कमाल
    डंडे का संडे भी
    पर होती है अवकाश
    कानून का संडे को।

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