Saturday, August 30, 2008

सिक्काः कहीं ढला , कहीं चला [सिक्का-1]

splash_commem_coin_stack अरबी के इस छापे की छाप इतनी गहरी रही कि स्पेनी, अंग्रेजी सहित आधा दर्जन यूरोपीय भाषाओं के अलावा हिन्दी उर्दू में भी इसका सिक्का चल रहा है।
फुटकर मुद्रा या छुट्टे पैसों के लिए सिक्के से बेहतर हिन्दी उर्दू में कोई शब्द नहीं है। दोनों ही भाषाओं में मुहावरे के तौर पर भी इसका प्रयोग होता है जिसका अर्थ हुआ धाक या प्रभाव पड़ना। मूल रूप से ये लफ्ज अरबी का है मगर हिन्दी में सिक्के के अर्थ में अग्रेजी से आया। हिन्दी में फकत ढाई अक्षर के इस शब्द के आगे पीछे कभी कई सारे अक्षर भी रहे हैं।
अरबी मे मुद्रा की ढलाई के लिए इस्तेमाल होने वाले धातु के छापे या डाई को सिक्कः (सिक्काह) कहा जाता है जिसका मतलब होता है रूपया-पैसा, मुद्रा,मुहर आदि । इसके दीगर मायनों में छाप , रोब, तरीका-तर्ज़ आदि भाव भी शामिल हैं। पुराने ज़माने में भी असली और नकली मुद्रा का चलन था। मुग़लकाल में सिक्कए कासिद यानी खोटा सिक्का और सिक्कए राइज़ यानी असली सिक्का जैसे शब्द चलन में थे। अरबों ने जब भूमध्य सागरीय इलाके में अपना रौब जमाया और स्पेन को जीत लिया तो यह शब्द स्पेनिश भाषा में भी जेक्का के रूप में चला आया। मगर वहां इसका अर्थ हो गया टकसाल , जहां मुद्रा की ढलाई होती है। अब इस जेक्का यानी टकसाल में जब मुद्रा की ढलाई हुई तो उसे बजाय कोई और नाम मिलने के शोहरत मिली जेचिनो के नाम से ।
जेचिनो तेरहवीं सदी के आसपास चेक्वेन शब्द के रूप में ब्रिटेन में स्वर्ण मुद्रा बनकर प्रकट हुआ। पंद्रहवीं सदी के आसपास अंग्रेजों के ही साथ ये चिकिन या चिक बनकर एक और नए रूप में हिन्दुस्तान आ गया जिसकी हैसियत तब चार रूपए के बराबर थी। यही चिक तब सिक्का कहलाया जब इसे मुगलों ने चांदी में ढालना शुरू किया। देखा जाए तो अरबी के इस छापे की छाप इतनी गहरी रही कि स्पेनी, अंग्रेजी सहित आधा दर्जन यूरोपीय भाषाओं के अलावा हिन्दी उर्दू में भी इसका सिक्का चल रहा है।   संशोधित पुनर्प्रस्तुति

8 comments:

  1. सफर का सिक्का शुरू से ही
    चल पड़ा है,ये तो हमें मालूम है
    लेकिन सिक्के का सिक्का कैसे
    चला आज जान पाए हम!
    =======================
    शुक्रिया
    डॉ.चन्द्रकुमार जैन

    ReplyDelete
  2. रोचक जानकारी।शुक्रि‍या

    ReplyDelete
  3. सिक्का अब तो दूरदर्शन हो रहा है।

    ReplyDelete
  4. वाह; चेक्वेन से क्वाइन (coin) न बना हो!

    ReplyDelete
  5. achhi jaankarin ke liye dhnyabad...

    ReplyDelete
  6. सिक्कानगर मेँ ,
    सिक्के बनते थे क्या ?
    ये भी बढिया रही जानकारी -
    शुक्रिया अजित भाई ~~

    - लावण्या

    ReplyDelete
  7. संस्कृत में रौप्य,पण एवं निष्क शब्द मिलते है। चिक और निष्क का क्या कोई सम्बन्ध बनता है?

    ReplyDelete
  8. kdya bat hai. yah to ekdam khara sikka nikla.

    ReplyDelete