
भारत में मुस्लिम संस्कृति के प्रभाव में जो शब्द प्रचलित हुए और हिन्दी समेत तमाम हिन्दुस्तानी भाषाओं में ऐसे तमाम लफ्ज चल-फिर रहे है। जमादार भी ऐसा ही शब्द हैं। पहले मुस्लिम राज और फिर अंग्रेजी राज में सरकारी कर्मचारी होने के कारण जमादार का खासा रसूख था।
जमादार शब्द बना है अरबी धातु ज-म से जिसका मतलब जिसमें समूह, इकट्ठा होने या भीड़ का भाव है। इसी से निकले हैं जमा या जमाव जैसे शब्द जिनका मतलब है समूह, जत्था, अड़चन आदि। जमा का मतलब बचत की राशि होता है। इससे ही बने शब्द जमाखर्च का मतलब रुपए-पैसे का हिसाब और जमाजथा का अर्थ धनसंपत्ति भी होता है। महाजनी पद्धति में हिसाब-किताब के बही-खाते के आमदनी वाले कॉलम को भी जमा ही कहा जाता है। यहां भी एकत्रित होने या समूह का भाव प्रमुख है। इसके बावजूद इस जमा से जमादार शब्द नहीं बना। जांच, तलाशी आदि को भी हिन्दी में जमातलाशी कहा जाता है। मगर इसका जमा से कोई लेना-देना नहीं है। सही रूप में यह जामा-तलाशी है जिसका मतलब है परिधान की तलाशी। पकड़े जाने पर सबसे पहले चोर या जेब कतरे की जामातलाशी ही होती है।
अरबी धातु जम से बना जमाअत जिसे हिन्दी में जमात भी कहा जाता है। इसका मतलब होता है कतार या पंक्ति । मदरसों में लगने वाली कक्षाओं को भी जमाअत या जमात ही कहते हैं। इसी धातु से बना है जामिया शब्द जिसका मतलब भी समूह, सभा, कान्फ्रेंस आदि ही होता है। जामिया-मिल्लिया विश्वविद्यालय के नाम में इसका अर्थ स्पष्ट है। वर्ग या तबके के अर्थ में भी जमाअत शब्द का इस्तेमाल होता है जैसे । मुसलमानों के धार्मिक समागम में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के जत्थे भी जमात ( तब्लीगी जमाअत ) ही कहलाते हैं और फौज की टुकड़ी को भी जमात कहते हैं। कुल मिलाकर वही समूह वाला भाव उभर रहा है।

जमादार,दफ़ादार,हवालदार,नबंरदार, झंडाबरदार, हुक्काबरदार जैसे ज्यादातर शब्दों के अर्थ बदल गए हैं, विकृत हो गए हैं या लुप्त हो गए हैं. अच्छी जानकारी के लिए धन्यवाद.
ReplyDeleteएकदम जमकर लिखा है आपने.
ReplyDeleteवैसे,ब्लागर्स की जमात में
जब भी जानकारी के
जमा-खर्च का सवाल पैदा होगा
आपसे जो कुछ मिल रहा है उसे
ज़माना कभी भूल नहीं पाएगा....!
यहाँ खर्च आप कर रहे और जमा
कर रहे हैं हम...जमे रहिए अजित जी !
जुग-जुग जिए शब्दों का सफर !!
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आभार.
डॉ.चन्द्रकुमार जैन
बड़ी दुर्गति हुई कालांतर में जमादार की! सारी जमापूंजी बिला गयी लगती है!
ReplyDeleteमुझे लगा कि किसी समूह के मुखिया को जमादार कहा जाता है। यहाँ सफाई कर्मचारियों के सुपरवाईजर को भी जमादार कहा जाता है।
ReplyDeleteअरे हमारे लखनऊ में आज भी घर आकर कूड़ा ले जाने वाले और गली में झाडू लगाने वाले ज़मादार कहे जाते हैं, आप सिर्फ़ गाँवों की ही बात काहे कर रहे हैं, गुरुदेव. :)
ReplyDeleteअच्छी जानकारी है।
ReplyDeleteक्या यह पोस्ट किसी पुरानी पोस्ट का ही संशोधित रुप है। मुझे ऐसा लगा कि यह मैंने पहले भी यहॉं पढ़ा है।
bHaisaHeb pranam.jisne JAMA kar liya ,jiske bank main achchha-khasa JAMA ho gaya JAMANA uski hi sunta hai.
ReplyDeleteएक ओर शानदार लेख.....
ReplyDeleteजमादार और जमींदार भी तो नहीं जुड़े? वैसे लगते तो नहीं है ... अच्छी जानकारी.
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