Friday, January 23, 2009

रुक्का, रोकड़, रोकडिया [सिक्का-15]

फर की पिछली कड़ी नोट करें, नोट दें, नोट लें पर आरडी सक्सेना अपनी टिप्पणी में रुक्का शब्द को याद करते हैं। इस शब्द पर डेढ़ साल पहले शब्दों के सफर पर लिखा जा चुका है। मगर उसमें संशोधन की काफी गुंजाइश थी। पेश है सिक्का श्रंखला के लिए सम्पूर्ण संशोधित वही आलेख-

"नोटशीट पर लिखा जाने वाला 'नोट' ही सरकारी काम की रफ़्तार की कुंजी है | हर दृष्टि से यह तय सा है कि सरकारी दफ्तरों में कोई काम बिना 'नोट' के नहीं होता | करेंसी नोट के लिए हाल के वर्षों तक प्रयुक्त होने वाला
'रुक्का'
शब्द भी शायद लिख कर दिए जाने वाले 'नोट' को ही ध्वनित करता प्रतीत होता है |"
हिन्दी–उर्दू का एक और शब्द है रुक्का। यह भी अरबी भाषा का है और इसका सही रूप है रुक़अ: यानी काग़ज की पर्ची, चिट्ठी-पत्री आदि। दरअसल यही रुक़्का रकम है।

हिन्दी-उर्दू में बड़ी धनराशि के लिए रकम शब्द का प्रयोग किया जाता है। आमतौर पर नकद या सोना-चांदी के अर्थ में इस लफ्ज का इस्तेमाल ज्यादा होता है। हिन्दी का एक मुहावरा है-रकम खड़ी करना जिसके मायने हैं माल का बिकना या नकदी प्राप्त होना वगैरह।

कम यूं तो अरबी ज़बान का लफ्ज है और फारसी-उर्दू के ज़रिये हिन्दी में दाखिल हुआ मगर इस शब्द की रिश्तेदारी संस्कृत के रुक्म जिसका अर्थ है चमकदार , उज्जवल से भी मानी जाती है। इससे बने रुक्म: का मतलब होता है सोने के आभूषण या जेवर। इसी तरह रुक्मम् का मतलब होता है सोना या लोहा। श्रीकृष्ण की पत्नी रुक्मिणी और उसके भाई रुक्मिन् का नामकरण भी इसी रुक्म से हुआ है।

ही रुक्म अरबी भाषा में रकम के रूप में नज़र आता है। यहा इसके मायने हैं लिखना, चिह्नित करना या अंकन करना अथवा अंक। यह बना है रक्म से (संस्कृत रुक्म से समानता पर गौर करें) जिसमें लिखने का भाव है। हिब्रू में रकम का अर्थ होता है कशीदाकारी करना या एम्ब्रॉयडरी करना जबकि फिनिशी ज़बान में इसका मतलब निकलता है बुनाई करना। फिनिशी और हिब्रू में रक़म के अर्थों पर गौर करें। कशीदाकारी और बुनाई मूल रूप से वस्त्र को और समृद्ध बनाने की कलाएं हैं। कला यूं भी समाज को समृद्ध ही करती हैं। बुनाई, सिलाई और कशीदाकारी से वेल्यू एडिशन हो रहा है। वस्तु कीमती हो रही है। वह रकम बन रही है अर्थात मूल्यवान बन रही है। मालवी में तो गुणवान मनुष्य के लिए भी रकम का प्रयोग होता है। हालांकि अब इसका प्रयोग संदर्भित व्यक्ति के परले दर्जे के चालबाज या शातिर होने के अर्थ में ज्यादा होता है कि फलां व्यक्ति बहुत बड़ी रकम है अर्थात चलता पुर्जा है।

कम में शामिल लिखने और अंकन करने के अर्थ से साफ है कि जेवरात पर सोने चांदी की बारीक कारीगरी से लेकर धातु के टुकड़ों पर मूल्यांकन, हिसाब-किताब का लेखन आदि भाव भी इसमें शामिल हैं। रक्म से बने बने रकमी शब्द का मतलब होता है कीमती चीज़ या लिखा हुआ कागज। गौरतलब है कि पुराने ज़माने में दस्तावेज़ों की एक किस्म होती थी रकमी दस्तावेज़ अर्थात अंकित प्रपत्र। रकम के लिखने संबंधी अर्थ से जुड़ता हुआ हिन्दी–उर्दू का एक और शब्द है रुक्का । यह भी अरबी भाषा का है और इसका सही रूप है रुक़अ: यानी काग़ज की पर्ची, चिट्ठी-पत्री आदि। दरअसल यही रुक़्का

... नकदी, कैश, जमा, पूंजी, धन आदि के अर्थ में रोकड़ शब्द हिन्दी की बोलियों सहित द्रविड़-परिवार की विभिन्न भाषाओं में भी प्रचलित है।...

रकम है। जाहिर है कि इस रुक्का का मतलब मौद्रिक लेन-देन संबंधी कागजात से ही है मसलन हुंडी, प्रोनोट वगैरह। ये कागजात भी तो धन यानी रकम ही हुए न? नवाबी दौर में ये रुक्के खूब चला करते थे। यूं रुक्के का सामान्य अर्थ काग़ज़ का टुकड़ा, चिट, पुर्जा भी होता है। शायरों को भी रुक्के दौड़ाने की खूब आदत थी और आशिक-माशूक के बीच भी रुक्के दौड़ते थे।

रुक्म की रिश्तेदारी रोकड़ से भी जुड़ती है। नकदी, कैश, जमा, पूंजी, धन आदि के अर्थ में रोकड़ शब्द हिन्दी की बोलियों सहित द्रविड़-परिवार की विभिन्न भाषाओं में भी प्रचलित है। जॉन प्लैट्स के हिन्दी-उर्दू-अंग्रेजी कोश के मुताबिक रोकड़ का जन्म संस्कृत धातु रोकः से हुआ है मगर वाशि आप्टे के प्रसिद्ध संस्कृत-हिन्दी कोश में रोकः शब्द का उल्लेख तक नहीं है। तो भी यह तय है कि रुक्म में निहित चमक ओर इससे बने रुक्मम् का अर्थ सोना रोकड़ के नकदी वाले अर्थ को सिद्ध करता है। रोकड़ का रोकड़ा शब्दप्रयोग भी आम है। कैशियर के लिए इससे ही बना है रोकड़िया। वाणिज्यिक शब्दावली में अक्सर रोकड़ खाता या रोकड़ बही जैसे शब्द इस्तेमाल होते हैं जिसका मतलब उस रजिस्टर से है जिसमें नकदी लेन-देन के विवरण दर्ज होते हैं। हिसाब-किताब करने को रोकड़ मिलाना भी कहा जाता है।
आपकी चिट्ठियां
अक्तूबर 2007 में प्रकाशित पुराने आलेख पर तब जिन साथियों की टिप्पणियां मिली थीं, वे जस की तस यहां हैं-

... Anonymous said...
तो ये था रुक्के से रक़म का रिश्ता। जानकारी बढ़ाने का शुक्रिया। पोल-पहेली की पहल भी शानदार है। हमने भी टिक कर दिया है। आपका ब्लाग लगातार निखरता जा रहा है। ऐसे ही लिखते रहें।
October 27, 2007 3:33 AM
अनामदास said...
देखिए, शब्द कहाँ से चलते हैं, किस रूप में कहाँ पहुंचते हैं, कितने अर्थ बदलते हैं. मैं जितना जानता हूँ, अरब जगत में रकम का मतलब अब नंबर से है, संख्या और आंकड़ा. फ़ोन नंबर, अकाउंट नंबर, गाड़ी का नंबर प्लेट सब रकम हैं.
October 27, 2007 3:37 AM
अनामदास said...
और हाँ, बांग्ला को कैसे भूल सकते हैं जहां रकम का आशय प्रकार से है.
की रकोम, किस तरह, किस प्रकार...
October 27, 2007 3:38 AM
अजित said...
वाह वाह अनामदासजी, मज़ा आ गया बांग्ला रकोम की कैफ़ियत जानकर । शुक्रिया जानकारी के लिए।
October 27, 2007 3:50 AM
काकेश said...
कि रोकम आपनी इतू भालो लिखछेन...
आप किस तरह इतना अच्छा लिखते हैं.
ये सफर आपको कैसा लगा ? पसंद आया हो तो यहां क्लिक करें

18 comments:

  1. ये आलेख भी तो ज्ञान की रोकड़ ही कहलाई.

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  2. रोकम के बहाने काकेश जी नजर आए! पता नहीं किस शीतसमाधि में थे?

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  3. सुन्दर जानकारी परक लेख।

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  4. अच्छा लगा यह रकम का संशोधित रीठेल और पुरानी प्रतिक्रियायें।

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  5. रूक्मिणी के नाम का महत्व आज ही जाना -
    आपकी सारी पोस्ट्स पढ़ा रही हूँ ..

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  6. हमारे लिये तो यह प्रथम ठेल ही है. बहुत जानकारी मिल रही है.

    रामराम.

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  7. हम भी पहली बार ही पढ़ रहे हैं अगर आप साइड बार में लेबल्स के जरिये नैविगेशन का आप्शन लगा दें तो पुरानी पोस्ट्स प् जाने में आसानी हो

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  8. ब्‍लाग जगत में, अपने जन्‍म से पहले की यह पोस्‍ट पढना अत्‍यन्‍त सुखद और ज्ञानवर्ध्‍दक लगा।

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  9. @रोशन
    आपकी बात सही है रोशन। मगर दिक्कत ये है कि शुरुआती नासमझी के चलते मैं लेबलिंग का काम नहीं कर सका हूं। अब इसमें काफी समय लगेगा क्योंकि पांचसौ से ज्यादा पोस्ट हैं। कोई आसान तरीका है आपके पास ?

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  10. सिक्के वाकई लंबे चल पड़े है

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  11. यह सी्रीज तो बहुत रो्चक हो चली है...

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  12. वाह रुक्मिणी का यह मतलब है । वाकई आपके लेक खासे रकमी होते हैं ।

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  13. कृपया लेक को लेख पढें ।

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  14. रकम.. रुक्मिणी ! वाह जी वह.

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  15. बहुत अच्छी जानकारी मिली

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  16. बडनेरकर जी !

    'इधर माँगा और उधर हाज़िर' की तर्ज़ पर फ़ौरन फ़र्माइश पूरी कर देने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया !! टिप्पणी के माध्यम से संवाद करते समय हरदम मुझे यह ख्याल रहता है कि मैं एक एनसायक्लोपीडिया से मुखातिब हूँ ! हमारे देश में बसे अंग्रेजीदां आपके लेख बांचते रहें तो शायद अंग्रेजी के प्रति उनका मिथ्या गुरूर कुछ कम हो | भाषा के शिक्षक आपसे शुद्धता की प्रेरणा ले सकते हैं |
    रुक्का से सट्टे का ख्याल आया | समाज की भोगवादी (अधो)-गति के चलते सट्टा अब शीर्ष स्थान पा चुका है | शेयर बाज़ार में, कमोडिटी मार्केट में, वस्तुओं के भाव के काल्पनिक उतार चढाव , काल्पनिक लेन देन, स्पेकुलेशन वगैरह अब 'सट्टे' के सुसंस्कृत रूप में मान्यता प्राप्त कर चुके हैं | सट्टे की पर्चियां, रुक्के से कुछ कमतर ही सही, पर महत्व रखती रहीं | सट्टा कहाँ का शब्द है ? बेशक आपने पहले लिखा होगा | कभी मौका लगे तो दोहराइयेगा ज़रूर; या लिंक दे दें |

    आपके प्रस्तुत लेख की भूमिका में दर्ज शिक्षार्थी 'आर डी व्यास' को मेरी प्रतिकृति के रूप में पाकर आनद आया | वैसे नाम में क्या रखा है ? झरना बहता रहे .. प्यास बुझती रहे ...

    धन्यवाद !

    - आर डी सक्सेना

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  17. रुक्का के बारे मे जाना . जरा सा रुक्का कितना असर रखता था और आज रजिस्ट्री करा कर भी मुकर जाते लोग .

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