Thursday, February 26, 2009

…आप डांटेंगे तो नहीं ?

बाइस-तेईस जनवरी की रात दो से ढाई बजे के बीच मेरे लैपटाप स्क्रीन पर एक चैट-खिड़की खुलती है।
-“हैलो,” उधर से कहा गया। 28122008493
-“जै जै”, मैने कहा।
-“एक बात कहूं” -“कहो”
-“डांटेंगे तो नहीं ?” 
-“सुने बगैर आश्वासन नहीं दे सकता...”
–“तो फिर जाने दीजिए”
-“अबे तुम हमेशा पहेलियां क्यों बुझाते हो ?” मैं हत्थे से उखड़ गया।
-“मैं कल भोपाल आ रहा हूं। ग्यारह बजे पहुंच जाऊंगा”
-“क्या sssss” मैं चीखा, “...और अब बताने का होश आ रहा है तुम्हें”
-“देखिये, मुझे पहले ही पता था आप नाराज होगे। मैने कल ही फोन किया था। आपने नहीं उठाया था, किसी ने उठाया था। मैने उन्हें मैसेज दिया था। नाम भी बताया था-अंकित”
-“अबे तुम गलती....डांट क्या क्या बोले जा रहे हो? सीधे घर आ जाना ...”
-“मैने बताया था,आप ही नहीं थे।:)” गलती मेरी नहीं...”
-“ओहो...तो यह हुआ। खैर, तुम पहुंचते ही सीधे घर आ जाओ...”
हां बात अंकित की हो रही है जो प्रथम नाम से एक टेक ब्लाग चलाते हैं। बहुत कम समय में इस ब्लाग ने अपनी उपयोगिता साबित की है। अंकित इंदौर में रह कर कम्प्यूटर इंजीनियरिंग पढ़ रहे हैं, शायद अभी पहला साल ही है । ब्लॉलिंग में उनकी जबर्दस्त दिलचस्पी है। हमसे उनका परिचय कैसे हुआ, नहीं पता। भाई चैटिंग के दौरान अचानक टपक पड़ते हैं। यूं ही बातचीत शुरू हुई। ये भी हमारी तरह देर रात तक नेट से चिपके रहनेवालों में हैं। अंकित हमसे बहुत डरता है। ऐसा वो कहता है। हर चैटिंग में एक-दो बार तो यह कहने का मौका आता ही है, “नाराज न हों तो एक बात पूछूं...” अब हमें सौजन्य-शिष्टाचार ज्यादा पसंद नहीं आता, सो चिढ़ जाता हूं...जिसे वो नाराजी कहता है।
खैर, अंकित का भोपाल आगमन हुआ, मगर उसी दिन मुझे किसी आयोजन में जाना था, जिसकी हमें खबर नहीं थी। भोपाल पहुंचते ही अंकित का फोन आया, हमने उसे घर की बजाय दफ्तर पहुंचने को कहा। वो निराश हुआ, बुरा हमें भी लगा मगर मजबूरी थी। अंकित सही वक्त पर दफ्तर पहुंच गया। हम उसे लिवाने दफ्तर के बाहर आए। बाबू साहब बड़े संस्कारी हैं। हमारे पैर की तरफ उनके हाथ बढ़ते देख हमने उन्हें रोकना चाहा पर ....यह तो पता चला कि संस्कारी बालक है। तभी अचानक हमारा ध्यान उनके सीने तक खुली शर्ट की तरफ गया। “इतने सारे बटन खुले रखते हो, रैगिंग का डर नहीं है क्या ?” “अरे सर... ” कहकर शर्माया हुआ बालक अबाऊट टर्न हुआ और गले तक सारे बटन बंद कर लिए। अंकित छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ का रहनेवाला है। उसके माता-पिता वहीं रहते है। पिता का निजी व्यवसाय है। दफ्तर में अंकित के साथ कॉफी पीते हुए गपशप होती रही। वो बहुत जल्दी-जल्दी मगर धीमें सुर में बोलता है। फोन पर तो मैं अक्सर “हें-हैं ?” ही करता रहता हूं....देबाशीष की ही तरह अंकित ने भी मुझे डोमेन नेम के फायदे बताए और ले डालने की सलाह दी। पर हमेशा की तरह मेरे पल्ले कुछ नहीं पड़ा। अंकित ने कहा कि आपका ब्लाग देखकर नहीं लगता कि आप तकनीकी अनपढ़ हैं। हमने कहा कि सज्जा हमारी रुचि का विषय है तो उसमें थोड़े बहुत हाथ-पैर मार लेते हैं, बाकी कुछ पल्ले नहीं पड़ता। ये डोमेन क्या होता है?
chimg480ee18cd7b12 अंकित खूब हंसता है। आपको यह ग़लतफ़हमी भी हो सकती है कि आप पर हंस रहा है। जब आप नाराजी जाहिर करते हैं तो अपना सिर भी पीटता है। अंकित का ब्लाग सिर्फ ब्लागिंग के ट्रिक ही नहीं सिखाता है बल्कि इन्फारमेशन टेक्नॉलॉजी से जुड़ी दीगर महत्वपूर्ण बातें भी बताता है। सोशल नेटवर्किग का जो बढ़ता क्रेज इंटरनेट पर दिखाई दे रहा है उससे जुड़ी महत्वपूर्ण सूचनाएं भी इस ब्लाग पर देखी जा सकती हैं। उसने हमें बताया कि प्रथम के अलावा भी कई साइट्स बनाई हैं। और यह भी कि वह लोगों को तकनीकी सलाह भी देता है जिससे कमाई भी हो जाती है। हालांकि कमाई की बात पर हमें विश्वास नहीं हुआ। हिन्दुस्तानी जो ठहरे ! हम लोग बच्चों की बात पर कभी यकीन नहीं करते। बाद में जब बच्चा बिल गेट्स बन जाता है तो उसका श्रेय लेने से भी नहीं चूकते। मन में हसरत यही है कि ये बालक भी जीवन में खूब सफलता हासिल करे। बंदा बड़ा होनहार, प्रतिभावान है। उसे बहुत बहुत शुभकामनाएं। ये मुलाकात बहुत थोड़ी देर की थी। अंकित फिर आएगा, ऐसा उसने कहा है। बाकी लोग अंकित के ब्लाग पर जाकर उसे समझ सकते हैं। अंकित के साथ हमें तस्वीरें लेना याद नहीं रहा।
-अगली कड़ी में दिनेशराय द्विवेदी जी के साथ कुछ पल… 

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29 comments:

  1. अंकित के साथ मुलाकात अच्छी और भली लगी।

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  2. अमित के बारे में जानकर अच्छा लगा. आपने तो डांटकर बच्चे को डरा ही दिया था.

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  3. शब्दों के ये सफर, अचानक बहुत याद आते हैं।
    अपनी छवि मन के दर्पण में अंकित कर जाते हैं।।

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  4. अरे ये तो हमारे प्रदेश का है।भाऊ अच्छी लगी अंकित से मुलाकात्।

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  5. कभी इसी तरह हमारी मुलाक़ात भी होगी अचानक , अगर सब ठीक रहा तो

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  6. अच्छा लगा...बहुत अच्छा.
    =======================
    अंकित को हमारी शुभकामनाएँ
    डॉ.चन्द्रकुमार जैन

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  7. आपके ब्‍लाग पर बहुत दिनों से नजर थी, आज लग ही गयी। यादों को समेटने का अच्‍छा सिलसिला है। आज के युवा वास्‍तव में बहुत कुछ सजृनात्‍मक कर रहे हैं बस आवश्‍यकता है उन्‍हें समझने की।

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  8. हमने कहा कि सज्जा हमारी रुचि का विषय है तो उसमें थोड़े बहुत हाथ-पैर मार लेते हैं, बाकी कुछ पल्ले नहीं पड़ता। ये डोमेन क्या होता है? ....ye baat achchi lagi---ankit ke saath pal do pal...dekhten hain unkaa blog...use hamaari bhi shubh kaamnaa

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  9. अंकित से भेंट का विवरण अच्‍छा लगा।
    तकनीकी ज्ञान में शून्‍यवत हूं। आप बुरा न मानें तो एक बात कहूं? अंकित का सम्‍पर्क-सूत्र मुझे दीजिएगा। यह मत कहिएगा कि अंकित के ब्‍लाग से ले लूं।

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  10. मेरा तो नेट भतीजा है
    पर मुझसे अभी तक मिला ही नहीं
    और आपने बाजी मार ली
    शब्‍दों के सफर में भी शहंशाह है
    यहां भी बादशाह बन गए
    और बादशाह से तो सभी डरते हैं
    सिर्फ बादशाह के सिवाय
    तो अंकित क्‍यों नहीं डरेगा
    पर मुझे है इंतजार कि
    अंकित मुझसे कब मिलेगा
    या मुझे ही उससे मिलने के लिए
    कोई उपाय करना पड़ेगा।

    एक नेट भतीजी भी है मेरी
    उससे तो मैं मिल चुका हूं
    कोटा रेलवे स्‍टेशन पर मिली थी
    जब मैं गोवा जा रहा था
    पर मुझे भी फोटो खींचना
    नहीं रहा याद
    ये भूलना भी क्‍यों नहीं
    आता है याद


    डॉक्‍टर है वो
    जानते हैं आप
    डॉक्‍टर गरिमा तिवारी है उसका नाम


    ये नेट रिश्‍ते हैं
    बहुत प्‍यारे लगते हैं
    शब्‍दों के सफर में जैसे
    अपने सारे लगते हैं
    जैसे शब्‍द अपने
    वैसे सब अपने।

    तीनों एक नाम राशि के हैं
    मैं, अजित और अंकित

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  11. आजकल आप बहुत सारे ब्लोग साथियोँ से मिल रहे हैँ -
    अँकित को सफलता मिले -
    - लावण्या

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  12. बहुत अच्छी लगी यह मुलाकात.

    रामराम

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  13. आपने तो पढ़वा दिया जी.. पर अब अंकित से बाकलम ख़ुद भी लिखवा लीजिये.. हमारी तो हेल्प भी की है कई बार अंकित ने..

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  14. अंकित काफी मददगार बंदा है.. नेट पर अक्सर चेट हो जाती है.. पुछता है.. कैसे है आप.. मेरा जबाब होता है "ठीक" और दुसरा सवाल "और आदि"..

    बहुत अच्छा लगता है.. अभी फोन पर भी बात हुई.. उसके लिये बहुत शुभकामनाऐं..

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  15. हम लोग बच्चों की बात पर कभी यकीन नहीं करते। बाद में जब बच्चा बिल गेट्स बन जाता है तो उसका श्रेय लेने से भी नहीं चूकते।

    वाकई सच कहा। अंकित के सुंदर भविष्य के लिए हमारी तरफ से ढेरों शुभकामनाएं।

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  16. कुल मिलाकर हम समझ गए आपके शहर में उतर कर किसे फोन करना है ....

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  17. अंकित से अपनी चैट में ऐसे ही मुलाकात हुई थी. न जाने कब बस बातचीत शुरू हो गयी . नेक बन्दा है . अंकित के रहते ये भरोसा रहता है कि तकनीकी के मामले में कोई भी परेशानी हुई तो कोई तो है जिससे चर्चा की जा सकती है .

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  18. बहुत अच्छा लगा जी यह बालक! बाकी, तकनीक शून्य हम जैसों के लिये तो बालक नहीं, आचार्य है।

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  19. शुक्रिया अंकित से मिलवाने के लिए।

    तो अंकित भैया कभी अपने घर आओ और रायपुर तरफ आना हो तो हमसे भी टकरा जाना जी।

    वैसे ब्लॉग अब और भी ज्यादा आकर्षक हो उठा है।

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  20. अंकित थोड़ा तेज़ है लेकिन इतना बुरा भी नहीं है!

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  21. अंकित की हंसी के कूटार्थ तो अपनी चैटिंग के शुरुआती दिनों में समझ ही नही पाते थे हम. मैं कुछ कहूं(लिखूं) तो अंकित शुरु - हा, हा, हा, हा.
    अंकित की सहायता ने हमें भी बहुत कुछ महसूस करने लायक ब्लोगर बना दिया है. जब तब सहायता लेता रहता हूं उसकी.
    हां, ये फोटो जो आपने लगाये हैं इतने सुन्दर-सुन्दर, खास कर दूसरा वाला जिसमें कितने गम्भीर दिख रहे हैं यह हा, हा, ही, ही, साहब.
    मैंने तो बस वही चश्मे वाली या सदा टेढ़े हो कर खड़े अंकित की फोटो देखी थी- हर प्रोफाइल में.

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  22. अरे भई, इतनी अच्छी पोस्ट पढकर कोई भी तारीफ ही करेगा, डांटने की बात कहां से आती है।

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  23. अंकित से हुई आपकी मुलाकात दिलचस्प लगी .. शुक्रिया

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  24. बहुत खूब लिखा है भाउ, अंकित से मिलवाने का शु्क्रिया… ये डोमेन नेम की जानकारी विस्तार से लेना पड़ेगा… कितना नगदऊ खर्चा होगा ये भी पूछना पड़ेगा… कमाई हो ना हो, खर्चा करते रहना चाहिये… :) :)

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  25. बहुत खुशमिजाज लड़का है..अभी बहुत दिनों से उससे बात नहीं हुई,अंतिम बार २ जनवरी को हुई थी .

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  26. अनुभव में हम भले कुछ धनी हों पर आज के इन बच्चों के तकनीकी ज्ञान के आगे तो हम निरे गंवार टाईप ही हैं. इनसे हम बहुत कुछ सीख सकते हैं.
    आपका आभार.अब हम भी देखा और सीखा करेंगे इनके ब्लॉग पर जाकर...

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  27. अंकित के बारे में अब क्या कहूँ एक साथ १० लोगो के साथ चैट कर लेता है सबकी मदद के लिए हमेशा से तैयार मिलता है | मेरा तो बहुत अच्छा मित्र है आपका धन्यवाद की आपने इसे यहाँ पोस्ट में जगह दी है |

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