Saturday, August 15, 2009

एसपी साब बनाम शहर कोतवाल

पिछली कड़ी-अमीर कोतवाल, गरीब कोटवार 
मु 200px-Police_capगलकाल और ब्रिटिशकाल में जो शहर कोतवाल होता था उसे अब पुलिस अधीक्षक कहा जाता है। भारतीय पुलिस सेवा के महत्वपूर्ण पदों में से एक। कोतवाल के पास जितनी ताकत पहले थी, उतनी ही अब भी है। बदलते वक्त में शायद ज्यादा ही है। आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था के लिए अब दुनियाभर में पुलिस शब्द का ही प्रचलन है। हिन्दी में भी करीब दो सदियों से पुलिस शब्द प्रचलित हो गया है। अब इसका कोई विकल्प भी नहीं है और इसकी ज़रूरत भी महसूस नहीं होती। कोतवाल के लिए अंग्रेजी में पुलिस सुपरिन्टेन्डेन्ट शब्द ब्रिटिश काल में चलता था, वही  आजादी के बाद भी  चल रहा है। सुपरिन्टेन्डेन्ट का हिन्दी अनुवाद अधीक्षक किया गया। इस तरह कोतवाल बन गया पुलिस अधीक्षक
पुलिस शब्द बहुत व्यापक अर्थवत्ता वाला शब्द है। मगर इसका अर्थवैविध्य जितना यूरोपीय भाषाओं में दिखता है उतना भारतीय भाषाओं में नहीं। प्राचीन भारोपीय भाषा परिवार में इसके लिए pel धातु खोजी गई है जिसमें घिरे हुए स्थान का भाव है या परकोटे का भाव है। ग्रीक में पॉलिस polis शब्द है जिसका अर्थ होता है शहर या राज्य। प्राचीन ग्रीस में इसी नाम का एक शहर भी था। गौरतलब है कि संस्कृत के पुर, पुरम् जैसे शब्द भी इसी मूल से उपजे हैं जिनमें नगर, आवास, बस्ती, आगार जैसे भाव हैं। लैटिन का पॉलिशिया ग्रीक मूल के इसी उच्चारण वाले शब्द की देन है जिसमें राज्य, नागरिक, प्रशासन और नागरिकता जैसे अर्थ भी समाहित थे। प्राचीनकाल ग्रीको-रोमनकाल में जब प्रशासन तंत्र को सुदृढ़ता प्रदान करनेवाली ऐसी व्यवस्था बनाने की आवश्यकता हुई जो कानूनों पर अमल कराए, तो उसे भी पोलिस polic नाम दिया गया। स्थापित राजतंत्र की ओर से स्थापित पॉलिस नाम के समूह या समिति में कई गणमान्य लोग होते थे जो तयशुदा कानूनों के तहत लोगों के आचरण पर ध्यान देते थे, नियमों का पालन करवाते थे। गणमान्य लोगों की समिति पुलिस फोर्स बन गई जिसे भारत में पुलिस कहते हैं।
indian-police-320गौरतलब है कि सुपरिन्टेन्डेन्ट से झांक रहे सुपर शब्द की रिश्तेदारी प्रोटो इंडो-यूरोपीय भाषा परिवार के अपर से है जिसमें ऊपर, आगे, वरिष्ठ जैसे भाव है। इसकी प्राचीन भारोपीय धातु है upper जिसकी संस्कृत शब्द उपरि से साम्यता गौरतलब है। अवेस्ता में इसका रूप उपारी मिलता है। हिन्दी-उर्दू में प्रचलित ऊपर शब्द यहीं से जन्मा है। इसी कड़ी से जुड़े हैं यूरोपीय भाषाओं के कुछ अन्य शब्द जैसे ग्रीक का हाईपर hyper, ओल्ड इंग्लिश का ओफेर, गोथिक का उफेरो और आईरिश का फोर आदि। इन सबमें उच्चता, वरिष्ठता, ऊपर का, आगे का जैसे भाव समाहित हैं। भारोपीय भाषाओं में और ध्वनियां आपस में बदलती हैं जैसे अग्रेजी का सर्पेंट और ग्रीक का हर्पेंटम जिसमें रेंगने, सरकने का भाव है। संस्कृत का सर्प भी इसी मूल का है। इसी तरह ग्रीक हाईपर ही अंग्रेजी में सुपर में तब्दील होता है।
हिन्दी से कोतवाल शब्द तो लुप्त हुआ ही इसकी एवज में बना पुलिस अधीक्षक शब्द सिर्फ उल्लेख भर के लिए प्रयुक्त होता है। बोलचाल में इसका इस्तेमाल नहीं के बराबर है। इसी तरह सुपरिन्टेन्डेन्ट ऑफ पुलिस शब्द का इस्तेमाल भी बहुत कम होता है। इसकी जगह अंग्रेजी के संक्षिप्त रूप एसपी का प्रचलन सर्वाधिक है। बोलचाल में इसके आगे ‘साहब’ लगा लिया जाता है। समाचार माध्यमों में यदाकदा पुलिस कप्तान शब्द का प्रयोग भी देखने में आता है। कभी-कभी लेखनी में वैविध्य लाने के लिए कुछ पत्रकार शहर-कोतवाल जैसा प्रयोग भी कर लेते हैं। अंग्रेजी का सुपरिन्टेन्डेन्ट दो शब्दों के मेल से बना है। मूल रूप से यह प्रोटो इंडो यूरोपीय भाषा परिवार का ही है और इसकी रिश्तेदारी हिन्दी-संस्कृत के कई शब्दों से है। किसी ज़माने में सुपरिन्टेन्डेन्ट ब्रिटेन में बिशप के बराबर का पद होता था और यह शासन का मंत्री होता था जिसके पास एक क्षेत्र विशेष के चर्चों के प्रबंध की जिम्मेदारी थी। यह बना है लैटिन के सुपरिन्टेन्डेन्डेन्टेम superintendentem से जो सुपर+(इन)टेन्डेयर (super+intendere) से हुई है। गौरतलब है कि सुपर और टेन्डेयर दोनों शब्द भारोपीय भाषा परिवार के हैं।
सुपर का अर्थ होता है उच्च, वरिष्ट, के ऊपर, आगे, श्रेष्ट, ऊंचा आदि। (इन)टेन्डेयर शब्द में सीधी निगाहबीनी, नज़र रखना, निर्देशित करना जैसे भाव है। इस तरह सुपरिन्टेन्डेन्ट शब्द में निरीक्षणकर्ता, उच्चाधिकारी, प्रभारी जैसे भाव हैं। टेन्डेयर शब्द
India_flag "सुपरिन्टेन्डेन्ट के लिए हिन्दी में अधीक्षक शब्द बनाया गया है। यह शब्द संस्कृत शब्दकोशो में नहीं मिलता। सुपरिन्टेन्डेन्ट में निहित भावों को स्पष्ट करने के लिए अधि+ईक्षणम् की संधि से इसका निर्माण हुआ। सुपरिन्डेन्डेन्ट की तरह ही सुपर+(इन)टेन्डेयर की तरह संस्कृत के अधि उपसर्ग में ऊपर, ऊर्ध्व, अधिकता के साथ, प्रमुख, प्रधान जैसे भाव हैं। ."
प्रोटो इंडो-यूरोपीय धातु टेन ten से बना है जिसका अर्थ है खिंचाव। संस्कृत की तन् धातु इसके समकक्ष है। शरीद को तन इसलिए कहते हैं कि वह बढ़ता है, खिंचता है, विकसित होता है। तन्त्र भी इस मूल का एक अन्य प्रमुख शब्द है जिसका मतलब होता है तार, जाल, संजाल, तरीका, व्यवस्था आदि। इसी तरह टेन्डेयर का अर्थ हुआ बढ़ाना, तानना, खींचना, किसी चीज़ को विस्तार देना। यहां इसका मतलब है योजना बनाना। योजना के प्रस्ताव के अर्थ में अंग्रेजी का टेन्डर शब्द इसी कड़ी का हिस्सा है। हिन्दी का तनाव, तानना जैसे शब्द इसी मूल से बने हैं। तनाव के अर्थ में अंग्रेजी का टैन्शन इसी मूल का है। ध्यानाकर्षण के अर्थ में अटैन्शन शब्द भी इससे ही निकला है। गौर करें आकर्षण का अर्थ खिंचाव ही होता है। इस तरह टेन्डेयर में अटैन्शन, व्यवस्था, योजना बनाने का भाव निहित है। कुल मिलाकर सुरिन्टेन्डेन्ट शब्द में सर्वाधिकार सम्पन्न क्षेत्राधिकारी होता है जिसके जिम्मे अपने हलके पर पैनी नज़र रखने, व्यवस्था बनाए रखने और उचित फैसले लेने का काम होता है। पुलिस सुपरिन्टेन्डेन्ट यानी पुलिस अधीक्षक यही सब करता है। भारत के कई विभागों में विभागीय प्रमुख को सुपरिन्टेन्डेन्ट कहा जाता है।
सुपरिन्टेन्डेन्ट के लिए हिन्दी में अधीक्षक शब्द बनाया गया है। यह शब्द संस्कृत शब्दकोशो में नहीं मिलता। सुपरिन्टेन्डेन्ट में निहित भावों को स्पष्ट करने के लिए अधि+ईक्षणम् की संधि से इसका निर्माण हुआ। सुपरिन्डेन्डेन्ट (सुपर+(इन)टेन्डेयर) की तरह अधि+ईक्षणम् के अधि उपसर्ग में ऊपर, ऊर्ध्व, अधिकता के साथ, प्रमुख, प्रधान जैसे भाव हैं। इससे ही अधिकार, अधिसंख्य, अधिक, अधिकरण जैसे कई शब्द बने हैं जिनमें श्रेष्टता, अधिकता और उच्चता के भाव हैं। ईक्ष का अर्थ होता है देखना, ताकना, आलोचना करना, खयाल रखना, सावधान-सचेत रहना। इस तरह अधि+ईक्षणम् से बनी क्रिया अधीक्षण का अर्थ हुआ सत्ताधिकार, देखभाल करना, प्रभुत्व, विशेषकार्य की जिम्मेदारी आदि। इससे ही बनाया है अधीक्षक जिसमें ये सारे कर्तव्य निहित हैं। अधीक्षण/अधीक्षक के लिए हिन्दी में कार्यपालन/कार्यपालक जैसे शब्द भी प्रचलित हैं मगर पुलिस के संदर्भ में अधीक्षक शब्द ही प्रचलित है। उप पुलिस अधीक्षक को डिप्टी सुपरिन्टेन्डेन्ट ऑफ पुलिस अर्थात डीएसपी कहते हैं। दो दशक पहले तक मध्यप्रदेश में डीएसपी के स्थान पर डीवाय एसपी कहने का चलन था। इसकी वजह थी डिप्टी सुपरिन्टेन्डेन्ट ऑफ पुलिस का संक्षिप्त रूप Dy SP लिखना। [जारी]

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14 comments:

  1. स्वतंत्रा दिवस जी हार्दिक शुभकामनाएँ

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  2. अब एस .पी को शहर कोतवाल कह दिया तो पकड़कर पिटवाएगा . मैं तो अभी तक शहर कोतवाल को कोतवाली का थाना प्रभारी ही समझता था .

    आपको स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई .

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  3. मेट्रोपोलिस छोड़ दिए ?
    सुपरिन्टेन्डेन्ट से हाइपर और फिर सर्प! मुक्तिबोध का मन के खोह में भ्रमण याद आ गया।

    टेंडर और टेंसन तनाव का सम्बन्ध, भई वाह ! टेंडर तनाव का कारक क्यों होता है, अब समझ में आया। पैदाइश का दोष है। किताब कब छपवा रहे हैं ?

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  4. Swatantrata diiwas ke din itane kadak logon par post...बढ़िया है.
    स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें. "शब्द सृजन की ओर" पर इस बार-"समग्र रूप में देखें स्वाधीनता को"

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  5. जानकारियों से लबालब एक और लेख

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  6. बहुत सुंदर जानकारी.

    स्वतंत्रता दिवस की घणी रामराम.

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  7. काम के शब्दों को व्याख्यायित करने वाली पोस्ट।
    कोतवाल सिर्फ नगरीय क्षेत्रों में हुआ करता था। जब की अधीक्षक केवल नगर का भी हो सकता है और उस में ग्रामीण क्षेत्र भी सम्मिलित हो सकते हैं। कोतवाल को हम प्रधान नगर रक्षक कह सकते हैं। यह बात पुलिस अधीक्षक में नहीं है।
    कोतवाल नगर राज्यों में पुलिस का मुखिया होता था।

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  8. additional supdt. of police के बारे में आपको बताता हूँ की पहले इसका हिंदी पर्याय बनाया गया 'अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक' जिसे लोग मजाक में 'फालतू पुलिस अधीक्षक' भी कहने लगे. बाद में राजभाषा विभाग ने इसके लिए नया पर्याय बनाया 'अपर पुलिस अधीक्षक'. इसे बड़ा पसंद किया गया क्योंकि संस्कृत के शब्द 'अपर' से अंग्रेजी शब्द upper की ध्वनी जो आती है.

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  9. अत्यन्त रोचक।आभार।

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  10. आलेख महत्वपूर्ण है । टिप्पणियाँ भी उपयोगी हैं ।

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  11. कोतवाल और एस.पी. के पद में अन्तर प्रतीत होता है।
    पर पोस्ट बहुत बढ़िया है।

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  12. बहुत ही सुन्दर.अत्यन्त रोचक जानकारी.

    भार।स्वतन्त्रता-दिवस की बहुत बहुत-बधाई।

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  13. पुलिस फोर्स याने, गणमान्य लोगों की समिति जो कानूनों के तहत लोगों के आचरण पर ध्यान दे और उनके नियमों का पालन करवाए ! काश, यह मूल भावना पुनर्जीवित हो और नियमों का यथाविधि पालन सुनिश्चित हो !

    इस द्रष्टि से ध्यान देने योग्य है कि आधुनिक पुलिस व्यवस्था से दूर बसे गावों में अभी भी नियम पालन की स्वयं की व्यवस्था चल रही है | शाब्दिक द्रष्टि से देखें तो वह कतई गलत तो नहीं !

    हमारी पुलिस व्यवस्था में गहन नैतिक गिरावट आ जाने के बावजूद अभी भी बहुत से व्यक्तित्व हैं जो समग्र रूप से सम्मानीय बने हुए हैं !

    पुलिस और पत्रकारों को स्वतन्त्रता दिवस पर शुभ कामनाएं !

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