" क्या उजबकों जैसी हरकतें कर रहे हो ? " अरे अरे अजित भाई नाराज़ मत होइये मै आपसे नहीं कह रहा हूँ । मै तो सिर्फ यह जानना चाहता हूँ कि इस वाक्यांश की उत्पत्ति कैसे हुई । क्या इस पर भी थोड़ा टॉर्च फेकेंगे ताकि कोई उजबक पूछ ले तो समझा तो सकें !!!
@शरद कोकास सही कहा आपने। यह पोस्ट यूं ही लगा दी थी। उज़बक शब्द पर अलग से एक पोस्ट लिख चुका हूं। कृपया अपने उज़बक को यहां देखें। प्रस्तुत कटिंग दैनिक भास्कर में इस रविवार प्रकाशित शब्दो का सफर की ताजी कड़ी की है।
हम तो वही कह रहे हैं- बढ़िया है..
ReplyDeleteपर छपा कहाँ है.. यह भी तो बताईये..
@अभय तिवारी
ReplyDeleteअभय भाई, शब्दों का सफ़र बीते क़रीब छह साल से दैनिक भास्कर के रविवारी अंक में प्रकाशित हो रहा है। यह उसी में प्रकाशित इस हफ्ते का पीस है:)
" क्या उजबकों जैसी हरकतें कर रहे हो ? " अरे अरे अजित भाई नाराज़ मत होइये मै आपसे नहीं कह रहा हूँ । मै तो सिर्फ यह जानना चाहता हूँ कि इस वाक्यांश की उत्पत्ति कैसे हुई । क्या इस पर भी थोड़ा टॉर्च फेकेंगे ताकि कोई उजबक पूछ ले तो समझा तो सकें !!!
ReplyDelete@शरद कोकास
ReplyDeleteसही कहा आपने। यह पोस्ट यूं ही लगा दी थी। उज़बक शब्द पर अलग से एक पोस्ट लिख चुका हूं। कृपया अपने उज़बक को यहां देखें। प्रस्तुत कटिंग दैनिक भास्कर में इस रविवार प्रकाशित शब्दो का सफर की ताजी कड़ी की है।
जब पिछला अगला हो जाता है व्यवहार से, तो उज्बेक का उजबक हो जाना कमाल नहीं।
ReplyDeleteखूबसूरत आलेख । दैनिक भास्कर के रविवारी अंक में छः साल से प्रकाशित हो रहा है शब्दों का सफर - जानकार अभिमान हो उठा । ब्लॉगिंग का मानक उदाहरण । धन्यवाद ।
ReplyDeleteमन कहने वाला था कि उजबक पर तो एक पोस्ट आ चुकी है. आपने बता ही दिया :)
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