Friday, December 11, 2009

सर्दियों में सदरी का ठाठ

chest सीने को ढक कर रखने, उसे सुरक्षा देने वाले वस्त्र के रूप में सद्र से सदरी शब्द बना
र्दियां हमेशा सुहानी होती हैं। इस मौसम में कई किस्मों की फल तरकारियां खाने को मिलती हैं साथ ही लजीज चटपटी चीजों का लुत्फ तो है ही। ओढ़ने-पहनने की दृष्टि से भी यह मौसम खास होता है। जितनी किस्म के पहनावे इस मौसम के लिए हैं उतने किसी और मौसम में नहीं हैं। सामान्य पोशाक के साथ सर्दी से बचाव के लिए फैशनेबुल गरम कपड़ों से लदे फदे लोगों को इतराने का भी खूब मौका देती हैं सर्दियां। दिलचस्प तथ्य यह कि ज्यादातर गरम कपड़े सीने को सर्दी से बचाने के लिए पहने जाते हैं। इनके नामों पर गौर करें तो यह बात स्पष्ट होती है। सदरी एक ऐसा वस्त्र है जो शरीर के ऊपरी हिस्से यानी सीने को ठण्ड से बचाने के लिए पहना जाता है। हृदय और फेंफड़े जैसे महत्वपूर्ण अंगों पर सर्दी का सर्वाधिक बुरा असर होता है। प्रकृति ने इसे महफूज रखने का नायाब बंदोबस्त किया है। मनुष्य का सीना एक मजबूत कवच का काम करता है। इसीलिए शौर्य के प्रतीक स्वरूप हमेशा सीना चौड़ा किया जाता है। हालांकि व्यावहारिक तौर पर सीने से ज्यादा मजबूत पीठ होती है।
सीना और पीठ के बीच जो कक्ष बनता है उसमें हृदय सुरक्षित रहता है।  सदरी बना है अरबी के सद्र शब्द से। यह मूल रूप से सेमिटिक धातु s-d-r से जन्मा है जिसमें सुरक्षित स्थान का भाव है। कुरआन में हृदय के लिए भी सद्र शब्द का उल्लेख है।  इसके मायने “सामने का”, “आगे का”  भी हैं। इन भावों के मद्देनजर सद्र sadr की जो अर्थवत्ता उभरती है उसमें सीना या छाती भी शामिल है क्योंकि यह शरीर सबसे प्रमुख हिस्सा है और सामने का हिस्सा है। शरीर के बीचोंबीच अवस्थित होना khadiभी खास बात है। सामने या आगे जैसे अर्थों पर गौर करें तो प्रमुख के तौर पर सद्र का अर्थ समझ में आता है। स्पष्ट है  कि सीने को ढक कर रखने, उसे सुरक्षा प्रदान करनेवाले वस्त्र के तौर पर सद्र से सदरी sdari शब्द बना जिसका मतलब होता है बिना बांह आस्तीन की बंडी या जैकेट। अरबी में सदरी को सद्री sadri कहते हैं।
प्रमुख के तौर पर भी अरबी, फारसी और उर्दू में सद्र शब्द है जो हिन्दी में सदर के रूप में प्रचलित है। सद्र में निहित सुरक्षित और प्रमुख स्थान का भाव भारत के कई हिस्सों के साथ जुड़े सदर शब्द से समझा जा सकता है। सदर बाजार sadar bazar, सदर मंजिल sadar manzil, चौक सदर, सदर डाकखाना sadar dakkhana यानी बड़ा डाकखाना या सदर अस्पताल यानी मुख्य अस्पताल जैसे नाम इन क्षेत्रों का महत्व बताते हैं। दीवानी अदालत के लिए भी सदर अदालत शब्द प्रचलित है और इसके न्यायाधीश को सद्रे-आला कहते थे। कई शहरों में मौजूद सदर बाजार दरअसल सरकारी मुलाजिमों, खासतौर पर फौजियों की आबादी में स्थित बाजार होता था। किसी प्रान्त या सूबे की राजधानी को मुकाम ए सद्र कहा जाता था जिसका बोलचाल वाला रूप सदर मुकाम बना। सद्रे-रियासत का मतलब हुआ राज्यप्रमुख। यह भी सदर रियासत के तौर पर प्रचलित है। सद्रे-आजम या सद्रे-दीवान प्रधानमंत्री का पद होता था। महफिलों-मजलिसों की अध्यक्षता करने की परिपाटी को सदारत कहते हैं जो इसी मूल से बना है। महफिल का प्रमुख व्यक्ति सद्र कहलाता है। ध्यान रहे, सभापति या अध्यक्ष का स्थान आयोजन में सबके मध्य होता है। सूर्योदय की वजह से दिशाओं में पूर्व दिशा को प्रमुख माना जाता है। इसीलिए सद्र का एक अर्थ पूर्व दिशा भी होता है। भोर के एक तारे को भी अरबी में अल-सद्र नाम मिला हुआ है। पूर्वाभिमुख आवासों को शुभ माना जाता है और इसीलिए किलों का प्रमुख द्वार भी पूर्व दिशा में बनाया जाता था जिसे सदरी दरवाजा sadari darvaza कहते थे।
सदरी से जुड़े कुछ अन्य शब्दों पर अगली कड़ी में चर्चा

ये सफर आपको कैसा लगा ? पसंद आया हो तो यहां क्लिक करें

13 comments:

  1. Sadr, alternatively Sador or Sadir, derives from the Arabic name for the star Al Sadr al Dajajah, "The Hen's Breast."
    The name of the star reflects the Arabic idea of the constellation of Cygnus, that is, as a hen rather than a swan
    Deneb
    1867, bright star in the tail of the constellation Cygnus the Swan, from Arabic Al Dhanab al Dajajah "the Hen's Tail."
    cygnet
    1400, from Anglo-Fr., dim. of O.Fr. cigne "swan," from L. cygnus, from Gk. kyknos.

    ReplyDelete
  2. @बलजीत बासी
    इनसे गुज़र चुका हूं बलजीत भाई। जितना ज़रूरी और भारतीय, खासकर हिन्दी से जुड़ा संदर्भ हो, उसे ही विवेचना का विषय बनाता हूं वर्ना पोस्ट अनावश्यक लम्बी और बोझिल हो सकती है। सफर का मक़सद आसान भाषा में सामान्य हिन्दी प्रेमी तक शब्द व्युत्पत्ति से जुड़ी वे बातें साझा करना हैं जिन्हें मैं सीख-समझ रहा हूं। पण्डितों के पाण्डित्य के चक्कर में तो आज तक कोई भाषा अच्छी तरह नहीं पढ़ पाए, सो खुद ही अपनी खिच़ड़ी पका रहे हैं। न्योता सबको है।

    संदर्भों के लिए कभी मैं लिंक देता हूं, कभी नहीं। जैसा वक्त मिले। सफर में जो कीवर्ड्स मैं देता हूं, उसके जरिये आसानी से उन लिंक्स तक पहुंचा जा सकता है जहां मैं संदर्भ खोजते हुए पहुंचता हूं। आशय यही कि विस्तार से जिसे इस विषय में जानना हो, उसके लिए पर्याप्त संदर्भ सूत्र यहां मौजूद हैं और नेट से तलाशे जा सकते हैं।

    ReplyDelete
  3. आज सर्दी अधिक है सोंचता हूँ सदरी पहन ही लूँ।

    ReplyDelete
  4. अच्छी जानकारी। धन्यवाद।

    ReplyDelete
  5. क्या बात है भैये। जय हो।

    ReplyDelete
  6. सदर और सदरी वो जो दिल को ढांप लें।

    ReplyDelete
  7. कवि सम्मेलन मे तो बन चुके अब इच्छा है कि मुशायरे में सद्र बने और् सदारत करें

    ReplyDelete
  8. एक सदरी पर इतना सन्दर्भ काफी है - अब तो शे'र कहना ही पडेगा.

    आज की सर्दी में सदारत लाजिमी है
    गलतियां न करे कोई वो कैसा आदमी है

    ReplyDelete
  9. अजीत भाई,
    आपकी मेहनत रंग ला रही है. अब दैनिक अखबार में भी आपका यह सफ़र नज़र आ रहा है.बधाई चलने दे. शोध करे और हम जैसे आलसी लोगो को घर बैठे ज्ञान उपलब्ध कराते रहे. बहरहाल सदरी पर एक कविता हो गयी. ''बड़ो'' का तो पता नहीं, पसंद आयेगी की नहीं, लेकिन बच्चों तक पहुंचेगी तो वे इसे याद कर लेंगे, ऐसा विश्वास है. खैर, एक बार फिर बधाई. कविता पढ़ें..
    ठंडी में आ जाती सदरी/हमको बहुत बचाती सदरी
    नए दौर में परम्परा की/हमको याद दिलाती सदरी
    नए लोग को टाई-कोट. बूढों को भाती है सदरी/
    फटी-पुरानी जैसी भी हो/ काम बहुत ही आती सदरी.

    ReplyDelete
  10. सदर बाजार अस्पताल और सद्रेआज़म आदि तो सुने थे मगर सदरी वस्त्र पहली बार सुना है धन्यवाद अगली कडी का इन्तज़ार।

    ReplyDelete
  11. सदरी तो आम पहनावा है मेरा . जवाहर कट नाम से सदरी ज्यादा प्रसिद है . और अब तो डिजाइनर सदरी का जमाना है .

    ReplyDelete
  12. सदरी और सदर का सम्बंध जाना । आभार ।

    ReplyDelete