Thursday, September 16, 2010

ब्लॉग बोला- सीखो सबक...

14 comments:

  1. तब शायद टिपियाया हो. आपने कहा तो फिर टीप जाते हैं :) जै जै. ये बताइए जै जै या जय जय ?

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  2. चरैवेति चरैवेति...बस इसी में लगे हैं...

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  3. चल रहे है चल रहे है और सबक भी सीख ही रहे है

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  4. लिए जा रहे हैं सबक !

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  5. सबके सुख सबके हित के लिए

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  6. सबक अज्ञान से ज्ञान का सफर है ! चाहें तो याद रखिये वर्ना भूल जाइये :)

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  7. एक शब्द गुंजित मन में,
    त्वं चरैवेति, त्वं चरैवेति।

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  8. ज्ञान वृद्धक आलेख, धन्यवाद.

    'सबक्कत' I T में है हमारी,
    'सबक' भी विश्व को हम दे रहे है,
    हमारी एक भाषा भी है, 'हिंदी'!
    जिसे हम 'ले' रहे न 'दे' रहे है.

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  9. मृत्यु के अंतिम छोर तक जीवन सीखाती रहती है...

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  10. जी क्या खूब बात कही आपने ...जीवन का सच..यही है

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  11. पाठक को यह बात समझाने में कठनाई आ सकती है कि ईसा के बोले शब्द न्यू टेस्टामेंट में होने चाहिए, ओल्ड टेस्टामेंट में नहीं. बात यह है कि न्यू टेस्टामेंट की मैथ्यू की अन्जील में यह ईसा के मूंह से निकले अंतिम शब्द बताये गए हैं. वास्तव में यह शब्द ओल्ड टेस्टामेंट में दर्ज भजन१५ के आरंभ के शब्द ही हैं जिनको फांसी के वक्त ईसा ने दुहराया/याद किया. इस तरह यह शब्द दोनों टेस्टामेंटों में हैं.

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  12. बस चले जा रहे हैं सीख रहे हैं। धन्यवाद।

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  13. सबख्तानि यानि पीछे छोडना । पर सबक तो हमें आगे ले जाने के लिये होता है । सबक सिखाना, मुहावरा अंग्रेजी से हिंदी में आया या उलटा हुआ ?
    To teach a lesson.

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