पाठक को यह बात समझाने में कठनाई आ सकती है कि ईसा के बोले शब्द न्यू टेस्टामेंट में होने चाहिए, ओल्ड टेस्टामेंट में नहीं. बात यह है कि न्यू टेस्टामेंट की मैथ्यू की अन्जील में यह ईसा के मूंह से निकले अंतिम शब्द बताये गए हैं. वास्तव में यह शब्द ओल्ड टेस्टामेंट में दर्ज भजन१५ के आरंभ के शब्द ही हैं जिनको फांसी के वक्त ईसा ने दुहराया/याद किया. इस तरह यह शब्द दोनों टेस्टामेंटों में हैं.
तब शायद टिपियाया हो. आपने कहा तो फिर टीप जाते हैं :) जै जै. ये बताइए जै जै या जय जय ?
ReplyDeleteचरैवेति चरैवेति...बस इसी में लगे हैं...
ReplyDeleteचल रहे है चल रहे है और सबक भी सीख ही रहे है
ReplyDeleteलिए जा रहे हैं सबक !
ReplyDeleteवाह!!!
ReplyDeleteसबके सुख सबके हित के लिए
ReplyDeleteसबक अज्ञान से ज्ञान का सफर है ! चाहें तो याद रखिये वर्ना भूल जाइये :)
ReplyDeleteएक शब्द गुंजित मन में,
ReplyDeleteत्वं चरैवेति, त्वं चरैवेति।
ज्ञान वृद्धक आलेख, धन्यवाद.
ReplyDelete'सबक्कत' I T में है हमारी,
'सबक' भी विश्व को हम दे रहे है,
हमारी एक भाषा भी है, 'हिंदी'!
जिसे हम 'ले' रहे न 'दे' रहे है.
मृत्यु के अंतिम छोर तक जीवन सीखाती रहती है...
ReplyDeleteजी क्या खूब बात कही आपने ...जीवन का सच..यही है
ReplyDeleteपाठक को यह बात समझाने में कठनाई आ सकती है कि ईसा के बोले शब्द न्यू टेस्टामेंट में होने चाहिए, ओल्ड टेस्टामेंट में नहीं. बात यह है कि न्यू टेस्टामेंट की मैथ्यू की अन्जील में यह ईसा के मूंह से निकले अंतिम शब्द बताये गए हैं. वास्तव में यह शब्द ओल्ड टेस्टामेंट में दर्ज भजन१५ के आरंभ के शब्द ही हैं जिनको फांसी के वक्त ईसा ने दुहराया/याद किया. इस तरह यह शब्द दोनों टेस्टामेंटों में हैं.
ReplyDeleteबस चले जा रहे हैं सीख रहे हैं। धन्यवाद।
ReplyDeleteसबख्तानि यानि पीछे छोडना । पर सबक तो हमें आगे ले जाने के लिये होता है । सबक सिखाना, मुहावरा अंग्रेजी से हिंदी में आया या उलटा हुआ ?
ReplyDeleteTo teach a lesson.