[शब्दों का सफ़र के पाठकों के लिए दीवाली की यह बधाई भेजी है वरिष्ठ पत्रकार-लेखक विजय मनोहर तिवारी ने। पुस्तक चर्चा स्तम्भ के जरिए सफ़र के साथी उनसे परिचित हैं। इस बधाई में जिन नामों से पाठक अपरिचित हैं, उनके चरित्र के बारे में गूगल पर जानकारियां उपलब्ध हैं।]
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सब बजा ही रहे हैं....
ReplyDeleteसुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
-समीर लाल 'समीर'
मेरी ओर से और आपके माध्यम से, सभी को शुभ कामनायें।
ReplyDeleteशुभकामनाएं अजित भाई !
ReplyDeleteअब तालियाँ तो बजानी ही पडेंगी । आपको व आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteइतनी सारी तालियों के दरम्यान दीपों की लौ महफूज़ रहे !
ReplyDeleteशुभकामनाएं !
अल्टीमेट, एकदम मारक.
ReplyDeleteशुभकामनाएं.
बहुत अच्छा रहा यह शब्दों का सफ़र ...दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteदीवाली की फुलझड़ियों के बीच होली की फुहारों का भी अहसास हो गया। बेशक धांसू पटाखें है आपके, विजय भाई।
ReplyDeleteदीपावली की सभी को शुभकामनाएं।
दीपावली के इस शुभ बेला में माता महालक्ष्मी आप पर कृपा करें और आपके सुख-समृद्धि-धन-धान्य-मान-सम्मान में वृद्धि प्रदान करें!
ReplyDeleteऔर हम सब अपने लिये कब तालियां बज़ायेंगे, हमारा भी तो कुछ दोष, कमियां होंगी, उसका क्या हुज़ूर....भूल गये..
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