जो शब्द ग़लत बर्ताव के शिकार हैं, उनमें ‘नस्ल’ का ‘नस्लीय’ रूप भी शामिल है। ‘नस्ल’ मूलतः अरबी शब्द है। शब्दकोशों में हिन्दी रूप ‘नसल’ होता है पर ‘अस्ल’ के ‘असल’ रूप की तरह यह आम नहीं हो पाया और इसका प्रयोग वाचिक ही बना रहा। नस्ल के मूल में अरबी क्रिया नसाला है जिसमें उपजाना, पैदा करना, जन्म देना, प्रजनन करना, बढ़ाना, दुगना करना, वंश-परम्परा जैसे भाव हैं।
नसाला की अरबी धातु नून-सीन-लाम (ن س ل ) बताई जाती है जिससे पुनरुत्पादन, वृद्धि जैसे आशय प्रकट होते है। शब्दकोशों के मुताबिक नस्ल का मूलार्थ सन्तान, औलाद, लड़का, लड़की, शावक, सन्तति , परिणाम आदि है किन्तु प्रचलित अर्थों में नस्ल में जाति का भाव प्रमुख तौर पर उभरता है। इसके अलावा कुल, परिवार, वंश जैसे आशय भी प्रकट होते हैं। हिन्दी में किसी शब्द के सम्बन्धवाची आशय उसके साथ ‘ईय’ प्रत्यय लगने से ज़ाहिर होते हैं जैसे मानव + ईय़ = मानवीय या जाति + ईय = जातीय आदि। नस्ल चूँकि विदेशज शब्द है और सम्बन्धवाची आशय प्रकट करने वाला रूप ‘नस्ली’ मूल अरबी के अलावा फ़ारसी, उर्दू-हिन्दुस्तानी में भी सुरक्षित है सो ऐसे में नस्ल का ‘नस्लीय’ रूप खटकता है। अगर ‘नस्ल’ से ‘नस्लीय’ ही बनाना है तो ‘जातीय’ क्या बुरा है? भाषा तो लगातार आसान होती जाती है। नस्ल का हिन्दी रूप तो नसल है। तब ‘नसलीय’ बनाइये!! अगर ‘नस्ल’ लिखना सुहाता है तो ‘नस्ली’ ही लिखिए, ‘नस्लीय’ नहीं।
एक तरफ़ हम ‘चिकित्सक’ के स्थान पर ‘डॉक्टर’ की पैरवी करते हैं कि इसमें कम अक्षप हैं, आसान है। मगर दूसरी तरफ़ कम शब्द वाले ‘नस्ली’ में हिन्दी का प्रत्यय लगाकर उसे और भी लम्बा (नस्लीय) कर देते हैं। आसान से ‘सौहार्द’ को जबर्दस्ती ‘सौहार्द्र’ बनाने पर तुले हैं जबकि बोलने में यह कठिन है। आसान हिन्दी के पैरोकार इस पर चुप्पी लगा लेंगे।
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आपके तर्क बहुत सार्थक और संगत होते हैं -सप्रमाण भी !
ReplyDeleteहम ‘चिकित्सक’ के स्थान पर ‘डॉक्टर’ की पैरवी करते हैं कि इसमें कम शब्द हैं
ReplyDeleteया
हम ‘चिकित्सक’ के स्थान पर ‘डॉक्टर’ की पैरवी करते हैं कि इसमें कम अक्षर हैं
अरबी के नस्ल से नस्ली ... हिंदी के नसल से नसली ही होगा.. नसलीय कैसे?
ReplyDeleteकिसी शब्द में कम अक्षर होना तो मानक नहीं हो सकता है, कि उसे स्वीकार किया जा सके। अभ्यास में रहने से अपनी भाषा के शब्द बहुत सरल लगने लगते हैं।
ReplyDeletehelo dear jo ap nai likha hai us kai liya bhut bhut sukriya ge
ReplyDeleteहेलो डिअर अप ने जो सबद कोस दिखया है उस के लिया अप का बहुत -बहतु धन्यबाद जी , बहतु -बहतु सुक्रिया जी ,
ReplyDeleteआपके तर्क बहुत सार्थक और संगत होते हैं -सप्रमाण भी !
ReplyDeletevery good
how to get your love back