
आज से हज़ारों साल पहले मानवता के विकासक्रम में किन्हीं सुधारकों की दी गई नसीहतों, सीखों पर अमल करने, उनकी बताए रास्तों पर चलने के अभ्यास से तूर, तॉर, तौर, तरीका, तरह, तौरात जैसे शब्दों के दार्शनिक आयाम प्रकट हुए। संकेत मूसा, हारुन आदि को ज्ञान प्राप्ति से जुड़े हैं। इस सन्दर्भ में तौरात को भी याद कर सकते हैं जो यहूदियों का धर्मग्रन्थ है। माना जाता है कि यह ईश्वर द्वारा मूसा को दिया गया था। ‘तौर’ के विभिन्न अर्थायाम है जैसे- आचरण, चाल, चलन, चाल-ढाल, बरताव, ढंग, व्यवहार, तरह, तरीक़ा, प्रणाली, भांति, रंग, रूप, रीति, शिष्टता, शैली, सूरत, भाँति, वज़ा, अंदाज़, आचरण, किस्म, अवस्था, गुण, प्रकार, स्तर, आचार आदि।
बहुत बढ़िया,अर्थ पता हों पर व्युत्पत्तियों पर बात कितनी रोचक होती है।
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