Tuesday, October 30, 2007

सोने की चमक और जलन

चन्द्रमा के कई नामों में संस्कृत का ग्लौ भी शामिल है। ग्लौ का अर्थ इसके अलावा कपूर भी है। समझा जा सकता है कि चन्द्रमा के दोनों ही गुण इसमें हैं-चमकीलापन और शीतल होना। जाहिर है इसी वजह से कपूर को भी ग्लौ कहा गया। यह शब्द प्राचीन इंडो-यूरोपीय भाषा परिवार के ghel (गेल या येल) संबंधित है जिसका अर्थ चम, कांति, दमक वगैरह। इसके अलावा कई तरह के रंग और उनकी चमक शामिल है। मसलन गेल से ही बना गोल्ड जिसमें चमकीलेपन के साथ पीला रंग भी प्रमुख है। शरीर के एक हिस्से को पित्ताशय कहते हैं। अंग्रेजी में इसे गौलब्लैडर कहते हैं। यह गौल शब्द जाहिर है इसी गेल से ही बना है। इसी तरह जर्मन भाषा में आग की लपट को ग्लूट कहते हैं। इसमें भी लपट के चमकीलेपन के साथ पीला रंग महत्वपूर्ण है। जर्मन में ही पीले रंग के लिए गल्प शब्द का इस्तेमाल होता है। रूसी भाषा में एक लफ्ज है गारेत जिसका मतलब जलना और चमकना है। पुरानी अंग्रेजी में पीले रंग के लिए geolu शब्द था जिसने आधुनिक अंग्रेजी मे yellow का रूप ले लिया। कुछ भाषा शास्त्री गोल्ड और यलो के पीछे प्राचीन भारोपीय भाषा परिवार की gelwa

जैसी धातु भी देखते हैं जिसके मायने हैं प्रदीप्त होना, जलना, दहकना आदि। गौर करें कि इन सभी शब्दों में पीलेपन का भाव है। संस्कृत की ज्वल धातु से gelwa कर की समानता काबिलेगौर है। इसी से ज्वलन, ज्वाला, प्रज्वलन , जलन जैसे शब्द बने हैं । एक देवी का नाम जालपा भी इसी कड़ी से जुड़ता है। मूलरूप में यह ज्वालप्रभा है। यानी आग में तपकर ही सोना निखरता है वाली बात सौ फीसद सही है। स्वर्ण को अग्नि से ही मिली है पीली चमक । ज्वल् से बने जलन शब्द में ही ईष्या और कुढ़न जैसे भाव भी बाद में शामिल हो गए।

अंग्रेजी के दो अन्य शब्दो ग्लिंप्स और ग्लैड पर पर गौर करें। ग्लिंप्स यानी झलक और ग्लैड यानी खुशी- प्रसन्नता। झलक अपने आप में एक तरह की चमक है और जब कोई खुश होता है तो उसके चेहरे पर चमक भी झलकने लगती है। इसी तरह चमकने या दमकने से जुड़े ग्लेयर, ग्लेज, ग्लीम और ग्लिटर जैसे शब्द भी हैं जो प्राचीन भारतीय- यूरोपीय मूल से ही निकले हैं अंग्रेजी का ग्लास यानी कांच या शीशा शब्द भी इसी से निकला है। यहां भी चमकदार होना ही महत्वपूर्ण है ।

5 comments:

  1. `स्वर्ण को अग्नि से ही मिली है पीली चमक । ज्वल् से बने जलन शब्द में ही ईष्या और कुढ़न जैसे भाव भी बाद में शामिल हो गए।`
    ज्ञानवर्धक आलेख...

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  2. बहुत अच्‍छी और एकदम नई जानकारी मिली। धन्‍यवाद।
    आम बोलचाल में यदि किसी को कहें कि वो 'ग्‍लो'(चमक) कर रहा है तो वो खुश होगा। पर यदि कहा जाए कि वो पीला नज़र आ रहा है तो मामला बिगड़ता है। एक ही शब्‍द के दो पर्यायवाची कैसे पूरे अर्थ को ही बदल देते हैं। मजेदार है।

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  3. बहुत ज्ञान वर्धक रहता है ये शब्दों का सफर । चंद्रमा और कपूर का पर्यायवाची ग्लौ ।

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  4. बिल्कुल सही लिखा आपने। जी.आई. (गाल्वानाइज्ड आयरन) के पानी के पाइप, छत की शीटें, अन्य चद्दरें आदि भी मिलती हैं। जो glow से व्युत्प्न्न शब्द हैं। यह जंगरोधी होने के साथ साथ चमकीले भी होते हैं।

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  5. १.फारसी 'ज़र्द' ; जर्दा २. हल्दी,हरिद्रा, हरियल सब साथी शब्द हैं.

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