
द’ से ही संस्कृत में दद् या दद जैसे शब्द भी बने हैं जिनमें देने का भाव ही समाया है। ददसे ही बना दादः जिसका मतलब हुआ देने वाला या दानी । गौर करें कि प्रशंसा करने के अर्थ में हिन्दी उर्दू में अक्सर एक शब्द बोला जाता है दाद देना । देने का भाव तो दाद में खुद ही शामिल है । यह शब्द फारसी का है और इसका अर्थ भी दान करना, प्रशंसा करना , बख्शीश देना या कुछ भी देना है। यह इसी दादः से बना है। फारसी में दाद का एक अर्थ न्याय और इंसाफ भी होता है। गौरतलब है कि न्याय भी किसी को मिल रहा होता है और शासन या व्यवस्था की तरफ से किसी को दिया जा रहा होता है। फारसी में इसीलिए इंसाफ चाहने वाले यानी फरियादी को दादख्वाह और मजिस्ट्रेट को दादगर, दादार और दादबख्श भी कहते हैं।
अंग्रेजी में दान का पर्याय है डोनेशन । इसका भी इसी धातु से रिश्ता है। अंग्रेजी में इसकी आमद हुई पुरानी फ्रेंच के डोनेशन से जहां ये लैटिन के donationem से आया। मूल रूप से इसकी उत्पत्ति प्राचीन भारोपीय भाषा परिवार के डोनम (donum) से मानी जाती है । यूरोप की कई भाषाओं में देने के भाव ने उपहार , भेट का रूप ग्रहण कर लिया। लिथुआनी भाषा में इससे बना ड्यूओनिस इसी अर्थ में इस्तेमाल होता है। आपसी वस्तु या मौद्रिक व्यवहार के लिए लेन-देन शब्द भी इसी कड़ी से जुड़ता है
इस रोचक प्रस्तुति के लिए आपको भी दाद दी जाती है।
ReplyDeleteइतना बेहतरीन सतत ज्ञान देते रहने के लिये दाद स्विकारें.
ReplyDeleteभाई इन सब आलेखों को पुस्तकाकार छापने री सोचें
ReplyDeleteसमीर लाल जी सहमत हूँ. आपको दाद.
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