शि व के रौद्र रूप के संदर्भ में अक्सर उनके तीसरे नेत्र का उल्लेख होता है। मगर नेत्र का संदर्भ रुद्राक्ष से भी जुड़ता है और यहां भी शिवजी की उपस्थिति है। नेत्र के लिए हिन्दी में आम बोल-चाल का शब्द है आंख, अंग्रेजी में इसे कहते हैं आई। दिलचस्प बात ये कि आई eye और आंख एक ही मूल यानी प्रोटो इंडो-यूरोपियन भाषा परिवार के हैं। आंख शब्द बना है संस्कृत के अक्षि से जिसका मतलब होता है नेत्र, आंख की पुतली, दो की संख्या अथवा दृश्यमान।
अक्षि शब्द की मूल धातु है अश्। इसका मतलब है पहुंचना, व्याप्त होना, संचित होना अथवा पैठना। गौर करें कि जगत में जो कुछ भी दृश्यमान है, जिसका निश्चित आकार-प्रकार में भौतिक अस्तित्व है वह सब नेत्रों में व्याप्त हो जाता है, संचित हो जाता है इसीलिए अश् से बने अक्षि शब्द में नेत्र का भाव सार्थक है। संस्कृत का अक्षि ही अपभ्रंश में आक्खि-आखि होते हुए हिन्दी में आंख हुआ। इसी का एक रूप नज़र आता है रूद्राक्ष में । चौपड़ के खेल में पांसों को भी अक्ष ही कहा जाता है। दरअसल रुद्राक्ष बना है रुद्र+अक्ष से मिलकर। पुराणों में रुद्र एक गणदेवता का नाम है । इसी तरह शिव के उग्र रूप को भी रुद्र कहते हैं । गौरतलब है कि रुद्र से ही बना है रौद्र अर्थात उग्र। रौद्रता ही रूदन का कारण भी बनती है।
ये तमाम शब्द बने हैं संस्कृत की रू धातु से जिसमें क्रोध से चींघाड़ना, भयंकर आवाज करना आदि भाव शामिल हैं। संस्कृत के रव का अर्थ होता है ध्वनि करना। इस कड़ी का सर्वाधिक प्रसिद्ध शब्द रावण है। जब कोई व्यक्ति गुस्से में होता है तो उसकी आंखें लाल हो जाती हैं। रुद्र बना है रुद् धातु से जिसमें चिंघाड़ना, भयानक ध्वनि करने का भाव है। यहीं से रुद्र ने रौद्र भाव ग्रहण किया और इस तरह रुद्राक्ष का अर्थ हुआ रौद्ररूप वाले शिव के नेत्र। गुस्से की अभिव्यक्ति का मुहावरा भी हैं आंख दिखाना, आंखें तरेरना या आंखें चढ़ाना ! यूं रुद्राक्ष एक वृक्ष है जो पहाड़ी क्षेत्र में होता है और इसके बीजों की माला बनाई जाती है जिसे अक्षसूत्र भी कहते हैं और इसे पवित्र माना जाता है। शैव परंपरा में रुद्राक्ष का बड़ा महत्व है। शिव का एक नाम अक्षमालिन् भी इसी वजह से है। महर्षि वसिष्ठ की पत्नी का नाम भी अक्षमाला है।
अक्षि से मिलते-जुलते उच्चारण में ग्रीक में आंख के लिए ओप्सिस लफ्ज है वहीं लैटिन में ओकुलस, लिथुआनी में अकिस, आर्मीनियाई में अखु जैसे शब्द हैं। वैसे भाषा विज्ञानियों ने आंख, आई समेत इन तमाम शब्दो के लिए प्रोटो इंडो-यूरोपीय भाषा में oqw जैसे शब्द की कल्पना की है जिससे इनका जन्म हुआ है। माना जाता है कि अंग्रेजी ज़बान के eye का जन्म इससे ही हुआ है। ग्रीक भाषा में देखने के लिए एक धातु है op जो इसी से निकली है। अंग्रेजी के ऑप्टिकल, आप्टिक्स जैसे शब्द इसी धातु से निकले हैं जिनका मतलब देखना या प्रकाश संबंधी होता है। नेत्रचिकित्सा के लिए ऑप्थेलमॉलॉजी जैसा शब्द बना है ऑप्थेलेमॉस से जिसका अर्थ होता है आंख। अश् से ही बना है संस्कृत हिन्दी का अक्ष जिसका अभिप्राय भी पैठना, व्याप्त होना आदि है। इस से ही बना है संस्कृत का अक्ष: जिसका अर्थ है धुरी, धुरा, गाड़ी का पहिया , तराजू की डंडी आदि। गौरतलब है कि अंग्रेजी के एक्सिस axis और एक्सिल जैसे शब्द इससे ही निकले हैं।
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प्रियवर वडनेकर जी!
ReplyDeleteआखिर आपने आँख की गहराई नाप ही ली।
झील सी आँखों की गहराई में डूब कर आपने
आँख, अक्षि, अक्ष, चक्षु की अच्छी व्याख्या की है।
बधाई स्वीकार करें।
वडनेकर जी!
ReplyDeleteआप आराम कब करते हैं?
जब भी नेट पर आता हूँ।
आपकी उपस्थिति पाता हूँ।
रुद्राक्ष के बहाने आँखों की बात पढ़ते ही आँख खुल गई . अभी तक रुद्राक्ष को यह जानते थे की शिव से समन्धित है यह नहीं जानते थे कैसे
ReplyDeleteज्ञानवर्द्धक !
ReplyDeleteरुद्र और अक्ष दोनों का सुंदर विवेचन!
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ReplyDeleteबेहतरीन एवं ज्ञानवर्धक विश्लेषण
रौद्र और रुदन का संबंध !
ReplyDeleteरव और रावण का अनुबंध !
रूद्राक्ष से अक्षमाला तक सफ़र
का यह पड़ाव बहुत कुछ बोल रहा है !
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आभार
डॉ.चन्द्रकुमार जैन
ज्ञानगंगा का आभार-बहाते रहिये.
ReplyDeleteअच्छी जानकारी दी आपने (वैसे कब बुरी या अधूरी देते हैं?) 94 में एक रिकॉर्डिंग के सिलसिले में चुरू जिले के रतनगढ़ कस्बे में जाना हुआ था वहां रुद्राक्ष का वृक्ष देखा जो कि नगरीय कौतुहल के कारण ही हमें खींच ले गया था फिर जयपुर के खातीपुरा में भी इसी पेड़ के उग जाने की खबर पढ़ी, ये इस लिए बता रहा हूँ कि आपने ठीक लिखा ये एक पहाडी पेड़ ही है जो टहलकदमी करता हुआ हमारे राजस्थान में भी आ पहुंचा है.
ReplyDeleteवाह,शिव,रुद्र,अक्ष,अक्षि,अखु,ओकुलस,अक्सिस,रव,रावण,रौद्र,रुदन,ओप्टिकल,ओप्थल्मोलोजी,गज़ब कर दिया अजीत जी।रोज़-रोज़ अच्छा लिखोगे तो तारीफ़ करते समय लगेगा,कंही ये चमचागिरी तो नही……………॥बहुत बढिया शायद ब्लोग पर हिंदी के लिये सबसे उपयोगी और ज़रूरी काम आप कर रहे हैं।
ReplyDeleteबढिया जानकारी।
ReplyDeleteअपने नाम का अर्थ पूछने पर नानी इसी तरह की कई जानकारियाँ देती थी, आज की पोस्ट ने पुरानी यादों को ताज़ा कर दिया और अक्षु अश्रु से भीग गए..
ReplyDeleteरुद्राक्ष के बहाने आँखों की बात से कई जानकारियां मिलीं ...शुक्रिया ....!!
ReplyDeleteअजीत जी ध्वनि रूद्र और रुद्राक्ष से परिचय अच्छा लगा ..भाषा और शब्दों के लिए किया गया आपका प्रयास महत्वपूर्ण है जैसे की आपने बताया अंग्रेजी के ऑप्टिकल, आप्टिक्स जैसे शब्द इसी धातु से निकले हैं जिनका मतलब देखना या प्रकाश संबंधी होता है। ये तो मालुम ना था बेहद विनम्रता से धन्यवाद
ReplyDeleteAjit ji
ReplyDeleteaapke is karya ko aadar jo bahuto ki gyan pipasa ko tript karta hai.
kiran
रुद्राक्ष शब्द के बारे में इतनी जानकारी मिली-धन्यवाद.
ReplyDeleteइस विषय से हट कर एक सवाल है-रुद्राक्ष के भारत में दो ही जगह पेड़ हैं एक रूडकी के पास है..मैं ने देखा..
[इतने कम पेड़ होने का क्या कारण है या यह मुझे मिली यह जानकारी अधूरी है.]
रुद्राक्ष का ओप्थोमेलोजी तक का सफर बढिया लगा अजित भाई
ReplyDelete- लावण्या
आपने बहुत सहीं बात बताया / पड़कर बहुत खुशी हुई / मे ये जानलेना चाहता हू कि, कौनसी टूल उसे करके आपने हिन्दी टाइप करते हे ? रीसेंट्ली मे यूज़र फ्रेंड्ली टाइपिंग टूल केलिए सर्च कर रहा ता, तो मूज़े मिला " क्विलपॅड ". ये तो 9 भाषा मे उपलाबद हे और इस मे तो रिच टेक्स्ट एडिटर भी हे / आप इसिक इस्तीमाल करते हे क्या...?
ReplyDeleteFarmers Rudraksha in Indonesia, Suppliers Rudraksha visit : www.rudrakshajava.com
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