च मकदार सतह के अर्थ में इंडो-ईरानी भाषा परिवार में जहां रुच् या रुख धातुएं बनती हैं वहीं भारोपीय भाषा परिवार में यह ल्युक leuk का रूप लेती है। विज्ञान की नई खोजों और तकनीकों से विकास की दौड़ में लगातार मनुष्य आगे बढ़ा है। शब्द भी इसके साथ ही नए रूप और अर्थ ग्रहण करते चलते हैं।
दीपवर्तिका जो मात्र कपास का सूत्र होता था, जिसे जलाकर पुराने समय में रात को रोशनी की जाती थी, दीयाबाती के रूप में प्रकाश का पर्याय बनी। बाद में सिर्फ बत्ती रह गई। बत्ती जलाना यानी प्रकाश करना। विद्युत बल्ब का आविष्कार होने के बाद बल्ब के आकार को ध्यान में रखकर इलेक्ट्रिक बल्ब को लट्टू कहा जाने लगा। यूं लट्टू शब्द हिन्दी में गढ़ा नहीं गया बल्कि गोल, घूमनेवाले खिलौने के तौर पर इसे पहले से जाना जाता है। इसके बावजूद लट्टू की बजाय लोग बत्ती शब्द का ही इस्तेमाल करते हैं। विद्युतधारा के लिए अंग्रेजी में इलेक्ट्रिसिटी शब्द है मगर हिन्दी में विद्युत से बने देशज रूप बिजली का ज्यादा प्रयोग होता है। वैसे बिजली के लिए हिन्दी में लाईट शब्द का इस्तेमाल इतना आम हो चला है कि लाईट मारना जैसा मुहावरा बन गया जो नितांत हिन्दी से जन्मा है। बिजली न होने पर अक्सर यही कहा जाता है कि लाईट नहीं है, चाहे दिन का वक्त हो। इसी तर्ज पर बिजली न रहने पर बत्ती गुल मुहावरा प्रयोग भी कर लिया जाता है। हालांकि हर बार मकसद यही रहता है कि इलेक्ट्रिसिटी न रहने की वजह बिजली से काम करनेवाले उपकरण चल नहीं सकेंगे।
रुच् , रुख की श्रंखला में भारोपीय ल्युक धातु से ही बना है अंग्रेजी का लाईट शब्द जिसका मतलब होता है रोशनी, प्रकाश। ल्युक से जर्मन में बना लिट (लिख्त Licht), मध्यकालीन डच में बना लुट (लुख्त lucht) और पुरानी अंग्रेजी में लेट-लोट leoht, leht जैसे रूप बने जिनसे आज की अंग्रेजी में लाईट light शब्द बना। दीप्ति, चमक आदि अर्थ में फारसी के रुख का ही एक और रूप बनता है अफ्रूख्तन afruxtan जिसके मायने हैं प्रकाशित करना, रोशनी करना। वेस्ट जर्मनिक के ल्युख्तम की इससे समानता गौरतलब है। इसका भी वही अर्थ है। फारसी ज़बान का फारुक़ (fo-ruq फारुख और फ़रोग़ उच्चारण भी है) भी इसी कड़ी का शब्द है जिसका मतलब उजाला, प्रकाश होता है जबकि अरबी में भी फारुक़ नाम होता है जिसका अर्थ सच की शिनाख्त करने वाला है। यूं देखा जाए तो सच हमेशा रोशन होता है, इस तरह अरबी फारुक़ की फारसी वाले फारुक़ से रिश्तेदारी मुमकिन है। फारूक़ के बाद इसी श्रंखला में जुड़ता है चिराग़ Ceraq जिसका मतलब होता है दीया, दीपक। इसमें roc का परिवर्तन raq में हुआ है। भारोपीय ल्युक धातु से बना ग्रीक का ल्युकोस leukos, लिथुआनी में बना लॉकास laukas, जिसका अर्थ है पीला, पीतवर्ण। प्राचीनकाल में मनुष्य के पास प्रकाश का मुख्य स्रोत अग्नि ही था जिसमें पीली आभा वाली रोशनी होती है। इसलिए दुनियाभर की भाषाओं में प्रकाश, कांति, दीप्ति से जुड़े जितने भी शब्द है उनमें पीले रंग का संदर्भ भी आमतौर पर आता है।
इसी तरह अर्मीनियाई भाषा में lois का मतलब होता है प्रकाश जबकि lusin शब्द चंद्रमा के लिए प्रयुक्त होता है जो प्रकाश स्रोत है। इसी तरह लैटिन में लुसियर lucere यानी चमक और लक्स lux यानी प्रकाश जैसे संदर्भ महत्वपूर्ण हैं। हिन्दुस्तान लीवर कंपनी के प्रसिद्ध ब्रांड साबुन के जरिये लोग लक्स से परिचित है। साबुन के तौर पर लक्स नाम से यहां बदन को चमकाने से ही अभिप्राय है। चमक का सौदर्य से रिश्ता हम पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं। चमक ही विशिष्टता की सूचक है इसीलिए शानो-शौकत और विलासिता के संदर्भ में डीलक्स शब्द का प्रचलन है। भारत में डीलक्स होटल, डीलक्स ट्रेन, डीलक्स बंगले भी होते हैं। यही नहीं, फुटपाथी चाय वाले की सबसे महंगी चाय का नाम भी डीलक्स ही होता है।
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ज्ञानवर्धक लेख। भाई वाह।
ReplyDeleteसादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
हाँ सही कह रहे हैं, मेरे यहाँ भी एक चाय वाला डीलक्स चाय के नाम पर पाँच रुपये तक वसूल लेता है ।
ReplyDeleteअर्मीनियाई lois का भी उच्चारण लिख देते तो अच्छा होता ।
वडनेकर जी!
ReplyDeleteशब्दों के सफर में दियाबाती के साथ,
लक्स का दिग्दर्शन कराने के लिए आभार।
जैसे हिन्दी में वि का प्रयोग होता है। मसलन पथ से विपथ और मल से विमल उसी तरह अंग्रेजी में डि का प्रयोग होता है जैसे ईवोल्यूशन और डीवोल्यूशन। लक्स यदि चमकता हुआ है तो डीलक्स चमकविहीन होना चाहिए, क्यो?
ReplyDeleteडि का प्रयोग "ज़रा हट के " अर्थ में भी होता है जैसा कि जिन्होंने टेकसस डिटूर फिल्म देखी होगी जानते होंगें !
ReplyDeleteशब्द का सागर अथाह है,
ReplyDeleteरोशनियों से भरा है,
लक्स से नहलाके हमको,
आपने चमका दिया है.
-मंसूर अली हाशमी
आज भी कमाल की जानकारी है.
ReplyDeleteरामराम.
लक्स का अर्थ आज ही जाना . आज भी बिजली को बत्ती ही कहा जाता hae हमारे यहाँ . बत्ती आती कम जाती ज्यादा है हमारी तरफ
ReplyDeleteबढिया जानकारी दी हैआभार।
ReplyDelete@दिनेशराय द्विवेदी
ReplyDeleteडीलक्स में उपसर्ग वाला "डी" न होकर अंग्रेजी के "The" के स्थान पर फ्रैंच में लगने वाला आर्टिकल "de" लगा है। निश्चित ही डीलक्स की आमद फ्रैंच से हुई है।
@हिमांशु
ReplyDeleteभाई, उच्चारण के मामले में स्पष्ट नहीं हूं। लोईज हो सकता है। वर्ना लोईस तो स्पष्ट है। आर्मीनियाई उच्चारण सुनने का प्रयास किया था, पर सफल नहीं रहा।
लक्स और डीलक्स ने तो फिर से दिमाग की बत्ती जला दी.
ReplyDeletesahi kaha aapne,saty sada prakaashwaan rahta hai..
ReplyDeleteSundar gyanvardhak aalekh sadaiv kee bhanti.Aabhaar.
रोशन कर दिया आपने
ReplyDeleteमन-मस्तिष्क का कोना-कोना !
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आभार
डॉ.चन्द्रकुमार जैन
ज्ञानवर्धक जानकारी...
ReplyDelete... धन्यवाद.
आपका ब्लॉग भी तो बिलकुल डीलक्स है !
ReplyDeleteलक्स इसीलिये तो सिने तारिकाओँ का पसँदीदा साबुन है जी ! :)
ReplyDelete& Look @ that lovely light !!
How bright it shines !! Now we know !!
- लावण्या
आप का ब्लॉग ऐसा है जैसे ऋषि परम्परा में कोई ऋचाओं के सूत्रों के अर्थ दे रहा हो. शब्द को ब्रह्म और वर्णों को अक्षर "जिसका क्षरण न हो" कहा गया है.
ReplyDeleteआप की साधना कहाँ तक पहुँचती है, यह तो आप समझ ही गए होंगें. इससे आगे क्या कहूँ...निशब्द हूँ.
आप एके ब्लॉग अलग से प्रारंभ करें जहाँ हम लोग आप से शब्दों के बारे में पूछ सकें. बड़ी कृपा होगी.
ReplyDeleteधन्यवाद्