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आ दिम मानव ने आश्रय की तलाश से पहले समूह में रहना सीखा। यानी समूह अपने-आप में आश्रय है। महल्ला mahallaभी एक समूहवाची शब्द है जिसमें आश्रय का भाव है। यूं इस शब्द का इस्तेमाल बसाहट के एक हिस्से के लिए होता है। हिन्दूवादी सोच के तहत महल या मोहल्ला की व्युत्पत्ति महालय से बताई जाती है। महा+आलय से बना है महालय। संस्कृत में महा यानी विशाल या बड़ा और आलय यानी निवास। आशय हुआ विशाल भवन। जाहिर है कि ध्वनिसाम्य और अर्थ साम्य के आधार पर महल या मोहल्ले की व्युत्पत्ति महालय से हो सकती है। मगर इन दोनों शब्दों का धातु मूल अलग है। महल और मोहल्ला सेमिटिक मूल के शब्द हैं जबकि महालय संस्कृत का है। इनके धातुमूल भी अलग अलग हैं इसलिए महालय से महल का जन्म एक दिलचस्प विचार भर है। मोहल्ला शब्द की रिश्तेदारी बंगाल और पूर्वी भारत में प्रचलित मोहाल, पंजाब के मोहाली से भी है। इसी तरह सिखों के एक प्रसिद्ध पर्व होला-मोहल्ला का नामकरण भी इसी मूल से हुआ है। सिख संदर्भ मा (खुद)-हल्ला (आक्रमण) का अर्थ आगे बढ़कर हमला करना बताते हैं। बताया जाता है सिख गुरु गोविंदसिंह आमतौर पर बैसाखी के मौके पर अपने शिष्यों को युद्धाभ्यास कराते थे।
एटिमऑनलाईन के मुताबिक महल दरअसल अरबी शब्द hall से बना है जिसमें आश्रय, बसेरा, झोपड़ी, कुटिया, रिहाइश का भाव है। मगर वहां इसकी कोई व्याख्या नहीं मिलती। ऐसा लगता है अरबी hall में रिहाइश का भाव दरअसल इसे आश्रय के व्यापक आधारों से जोड़ता है। विशाल प्रकोष्ठ के अर्थ में अंग्रेजी का में हॉल है। अंग्रेजी का हॉल hall, सेल cell, होल hole और हॉलो hollow जैसे शब्द संस्कृत के शाल्(धर्मशाला, पाठशाला, अश्वशाला) की कड़ी में आते हैं। इन सभी शब्दों के मूल में प्राचीन भारोपीय धातु केल kel है जिसमें आश्रय, घिरा हुआ और निर्माण के ही भाव हैं। अंग्रेजी के सेल cell पर गौर करें। शाल का देशी रूप साल अंग्रेजी के सेल को और करीब ले आता है। हॉल के मूल में भी सेल ही है। सेल बना है पोस्ट जर्मनिक धातु khallo से जिसका अर्थ होता है घिरा हुआ, ढका हुआ, विस्तारित, बड़ा प्रकोष्ठ, खाली स्थान आदि। भारोपीय परिवार की भाषा पोस्ट जर्मनिक के khallo और सेमिटिक परिवार की अरबी के ख़ल्क़ khalq या ख़ला khala की समानता पर गौर करें। ख़ल्क का अर्थ
भी निम्राण, सृजन, घेरा हुआ, विशाल, विस्तारित, अंतरिक्ष आदि ही होता है। इसी श्रंखला में अरबी के hall का विस्तार भी आश्रय के अर्थ में हुआ हो तो आश्चर्य नहीं।
किसी निश्चित रिहाइश या स्थानीय आबादी के लिए मोहल्ला शब्द हिन्दी में इतना आम है कि इसके अलावा कोई अन्य शब्द नहीं मिलता। वैसे मोहल्ला शब्द में हाता (अहाता), गली, पुरा, टोला, पोल, वाड़ा, बाड़ा, पेठ के भाव समाहित हैं। हालांकि अरबी महल्ला के मायने मध्यएशिया में बहुत व्यापक है। महल्ला शब्द का मूल अर्थ था किसी जन-समूह का ठहराव, टिकाव, पड़ाव, डेरा या विश्राम करना। बाद में इसका अर्थ हुआ किसी भी शहर का चतुर्थांश। गौर करें, यह शब्द फौजी या सैन्य ठहराव के लिए बनाए जाने वाले कैम्प के संदर्भ में प्रचलित हुआ होगा क्योंकि किसी भी प्राचीन बसाहट या शहर को चार हिस्सों में बांटना व्यावहारिक नहीं है। अलबत्ता नया शहर बसाते वक्त बसाहट के चार विभिन्न हिस्सों की परिकल्पना करना आसान है। जाहिर है, फौजी पड़ाव के दौरान खेमों-तम्बुओं का जो शहर बसता था उसे चार हिस्सों में बांटा जाता रहा होगा, जिसे महल्ला का जाता रहा होगा। बाद में अन्य आबादियों के लिए भी इसका इस्तेमाल होने लगा। अरब क्षेत्रों में महल्ला किसी भी आबादी के नाम से पहले लगाया जाता है जैसे महल्ला अल कुब्रा। यह परिपाटी मिस्र में ज्यादा है। भारत में भी महल्ला चमेलियान जैसे नाम मिलते हैं। दिल्ली के झंडेवालान, कुंडेवालान जैसे नामों के आगे खड़ा महल्ला शब्द साफ देखा जा सकता है।
मुस्लिम शासन काल में महल्ला का अर्थ जिला, तहसील, वार्ड या शहर की एक रिहाइश को कहते थे। गुजरात में एक ज़िला है पंचमहल। उसे यह नाम पांच तालुकों के आधार पर मिला है। वैसे पंचमहल का अर्थ पांच महल या पांच मंजिला महल भी हो सकता है किन्तु यहां पांच महल्लों से अभिप्राय है। किन्हीं संदर्भों में महल्ला शब्द का इस्तेमाल सिर्फ मुस्लिम आबादी के लिए भी मिलता है। महल्ला शब्द का इस्तेमाल उज्बेकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान, अजरबैजान जैसे मुल्कों में एक सामाजिक व्यवस्था के बतौर ज्यादा होता है। जैसे अफ़गानिस्तान-पाकिस्तान में समुदाय के लिए ज़िरग़ा शब्द प्रचलित है, या भारत में खाप अथवा जाति पंचायत होती है वैसे ही इन मुल्कों की सामाजिक व्यवस्था में महल्ला का बड़ा महत्व है। ये महल्ले किसी खास इलाके में रहनेवाले लोगों में धार्मिक –सांस्कृतिक ऐक्य के लिए बनाई गई बिरादरियां होती हैं। महल्ला की एक संचालन समिति होती है जिसका प्रमुख रईस कहलाता है।
श्रंखला की अन्य कड़ियां-1.किले की कलई खुल गई.2.कोठी में समाएगा कुटुम्ब!3.कक्षा, कोख और मुसाफिरखाना.4.किलेबंदी से खेमेबंदी तक.5.उत्तराखण्ड से समरकंद तक.6.बस्ती थी बाजार हो गई.7.किस्सा चावड़ी बाजार का.8.मुंबईया चाल का जायज़ा.9.अंडरवर्ल्ड की धर्मशाला बनी चाल [आश्रय-9].10.चाल, शालीनता और नर्क [आश्रय-10]
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मुझे तो मोहल्ला की सब से अच्छी परिभाषा ऐसे समझ आई ...
ReplyDelete'जिस इलाके के कुत्ते एक दूसरे पर नहीं भौंकते उसे मोहल्ला कहते हैं।
मोहल्ला ऐसा होता है...हम्म!! ज्ञानवर्धन तो हो गया.
ReplyDeleteकहाँ की ईंट कहाँ का रोडा और शब्दों के महल बन के तैयार हो जाते हैं और रूप इतना परिवरतित कि पहचान ही न पायें कि असका मूल क्या पर आप हैं अजित जी तो हमें तो ये सब पता लगना ही है । धन्यवाद ।
ReplyDeleteघोड़ों वाला फोटो देखकर बैल की सवारी गाँठते बाउ याद आ गए। मतबल ये कि पुरनिए सही बात बताते रहे हैं। गपियाए नहीं।
ReplyDeleteलगे हाथ ओक जी के इतिहास को भी छूते छुआते चले गए ! भाऊ कभी कभी आप चकित कर देते हैं, सच्ची। वैसे बेगम के नाम में महल नहीं था - जे बात बाद में प्रचारित कर दी गई। .. नहीं ये ओक जी से नहीं कहीं और पढ़ा था।
मुहल्लेदारी अच्छी रही। लगे हाथ हिन्दी ब्लॉगरी के मोहल्ले की भी चर्चा कर दिए रहते। ..वैसे ही कहत हैं, दिमाग में आय गया सो कह दिए:)
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कुछ दिन की अनुपस्थिती के लिये क्षमा चाहती हूँ। पिछली पोस्ट्स धीरे धीरे पढूँगी।मोहल्ला भी इतनaा रोचक और ग्यानवर्द्धक है वाह बहुत बहुत धन्यवाद्
ReplyDeleteमोहल्लो में बड़ा हल्ला मचा है,
ReplyDeleteघरो के साथ मेला सा लगा है,
यहाँ कुत्तो का अक्सर राज देखा,
निवासी तो कहीं दुबका हुवा है.
@गिरिजेश राव
ReplyDeleteहम भी यही समझते हैं कि बेग़म के नाम के साथ महल नहीं था। इसका कोई तार्किक आधार समझ नहीं आता कि किसी महिला के नाम के साथ महल क्यों जुड़ा। बाकी किसी अन्य मुस्लिम नाम के साथ महल जैसा उपनाम या प्रत्यय लगा हुआ कभी नहीं पाया। खैर, विकीपीडिया से लेकर तमाम संदर्भ इस महल का उल्लेख करते हैं, बिना किसी सबूत के।
बहरहाल, यह हमारे शोध का विषय नहीं है, सो क्यों दिमाग खपाएं।आपने देखा होगा, डेढ़ लाईन में ताज-महल को निपटा दिया है:)
मोहल्ला शब्द कितनी बार इस्तेमाल करते हैं...इस तरह से कभी सोचा नहीं,की, उत्पत्ती कहाँसे हुई होगी...बड़ा दिलचस्प लगा ये मालूमात पढना..तहे दिलसे शुक्रिया!
ReplyDeleteज्ञानवर्धन हुआ खूब । आभार ।
ReplyDeletebahut aaccha laga aapne जिस तरहां से परिचय कराया है इस महत्वपूर्ण जानकारी से
ReplyDeleteमोहल्ला शब्द की अपने आप मे सामूहिकता बोध लिये हुए है । अलग अलग स्थानो पर इसके नाम अलग अलग हो सकते है जैसे छत्तीसगढ़ मे इसे पारा कहते है । वार्ड शब्द अंग्रेजी का सही हिन्दी मे प्रचलन मे आ गय है ।
ReplyDelete@राव साहब यह ओक साहब के बारे मे तो आपको पता ही होगा । इनके झूठ को सुप्रीम कोर्ट से ही बैन कर दिया गया है बरसो पहले । अन्यथा ये अब तक ताजमहल तुड़वा कर ही दम लेते ।