दरअसल उत्तरी फ्रान्स के देहातियों के लिए मध्यकाल में जैक jaque शब्द प्रचलित था जो प्राचीन फ्रैंच के Jacques का छोटा रूप है। एक खास किस्म की फतूही या बंडी उनकी पोशाक का हिस्सा थी जो jaquette कहलाती थी। यह सम्बोधन उपहासात्मक था जैसे ग्रामीण के लिए हिन्दी में गंवार शब्द प्रचलित है। अब तो अभद्र या बेढंगे व्यक्ति के लिए गंवार शब्द रूढ़ हो गया है। बाद में छाती को ढक कर रखनेवाले वस्त्र के तौर पर यह (jaque) समूहवाची शब्द एक पोशाक का नाम बन गया। जैक jaque शब्द से ही जन्मा है अंगरेजी का जैक jack जो यूरोप व अमेरिका में मां-बाप के लिए अपने पुत्र के सर्वाधिक लोकप्रिय नामों में एक है। फ्रैंच के Jacques का उद्गम लैटिन के जैकोबस Jacobus से हुआ। जिसका ग्रीक रूप जैकोबॉस था। स्पेनिश में इसका रूप जैगो या इआगो हुआ। पुर्तगाली में यह डिएगो हो गया। दरअसल यह सेंट इआगो शब्द युग्म के सेंटियागो रूप से हुआ। ग्रीक में इसकी आमद सेमिटिक परिवार की भाषा हिब्रू के याकूब या याकोव शब्द से हुई है। बाईबल में याकूब का रूप जैकब हो जाता है। इसाक व रेबेका की संतान और अब्राहम के पोते
याकूब दरअसल एक पैगम्बर थे और ईसाई, यहूदी और इस्लामी धर्मग्रंथो में उनका उल्लेख है। यहूदी धर्म के तीन प्रधान संरक्षकों में अब्राहम और इसाक के बाद उनका भी नाम आता है। उन्हें बारह प्रमुख जनजातियों का संस्थापक भी माना जाता है। वे अपने भाई इसाहू के साथ जुड़वां पैदा हुए थे। याकूब का अर्थ ya- aqab बताया जाता है जिसका मतलब हुआ पैर की ऐड़ी पकड़नेवाला। माना जाता है कि जन्म के समय याकूब ने अपने भाई की अक़ब यानी पैर की ऐड़ी थामी हुई थी।
जो भी हो, याकूब नाम की व्युत्पत्ति का यह आधार वास्तविक नहीं लगता। इसके ठीक उलट, ईसाई संदर्भों में जैकब का अर्थ सुरक्षित और महान बताया गया है। ध्यान रहे, प्राचीनकाल से ही दुनियाभर के जनसमुदायों में अपनी वंश परम्परा किसी महान पितृपुरुष से स्थापित करने की परिपाटी रही है जो आगे चलकर बहुत जटिल संरचना का रूप लेती चली गई। उच्चवर्ग और निम्न वर्ग के लोग एक साथ एक समान ऋषियों और देवताओं, जिन्हें वे अपना पितृपुरुष मानते हैं, से सम्बद्ध नजर आते हैं। भारत की जनजातियों में भी सूर्य और चन्द्र की वंश परम्परा दिखती है और कुलीनों में भी। तात्पर्य यही कि जैकब द्वारा स्थापित बारह जनजातियों अथवा गोत्रों में से किसी एक जातीय समूह की पहचान जैकब के नाम से हुई। ध्यान रहे, समूचे यहूदी समाज के संरक्षणकर्ता होने के भाव का ही एक रूप योद्धाओं द्वारा पहने जाने वाले जिरह-बख्तर यानी एक किस्म के अंगरखा में नजर आता है, जिसमें सीने की रक्षा के लिए लोहे की पट्टियां लगी होती थीं। यानी इस शब्द के धातु मूल में रक्षा का भाव प्रमुख है। प्रायः हर दौर में फौजी या राजसी पोशाकें कुछ परिवर्तन के साथ आम आदमी की पोशाक बनती रही है। ऐसा उच्चवर्ग से प्रभावित होने और रहन-सहन में कुलीनता का आभास कराने के लिए हुआ। यही बात फ्रांस के एक जनसमूह और उसकी पोशाक के संदर्भ में सामने आती है जिसे Jaque, Jacques के नाम से जाना गया जो अगरेजी में जैकेट यानी एक किस्म की बंडी या सदरी, कहलाया।
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आप गर्म आवरणों की चर्चा छेढ़ कर ऐसे ही हमारी सर्दी लंघा देना चाहते हैं. हम पंजाब के बहादर और तगढ़े लोग बहरी दिखावे में विश्वास नहीं करते. हम गर्म कपढ़े शरीर के अंदर ही डाल लेते हैं, मतलब अधिक सर्दी में शराब का सेवन बढ़ा लेते हैं. आप की ओर से ऐसे आवरणों का जिक्र भी जरूरी है.
ReplyDeleteयह हंसी की बात नहीं है, अंग्रेजी में तो ऐसे जुगाढ़ को "लिकर जैकेट" बोलते हैं. इसकी परिभाषा है :
"Liquor Jacket" refers to the phenomenon of not being able to feel cold while drunk. The term is synonymous with "Beer Jacket", but has a much nicer ring to it.- Urban Dictionary
लिक़र जैकेट तो खूब रहा। भाउ, इसे भी जगह दो ना।
ReplyDeleteआपके आलेख बहुत ही ज्ञानवर्धक हैं मेरे लिए।
ReplyDeleteसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
मदिरा से सर्दी भगाना जानलेवा भी है। मत्तता में सर्दी का अहसास तो नहीं होता लेकिन वह कभी कभी मौत का कारण भी बन जाती है। पिछले बरस एक फौजी स्टेशन आया। ट्रेन लेट थी सर्दी बहुत वह वहीं खुले में पैग लगा कर सो गया और कभी नहीं उठा।
ReplyDeleteवाह यह "लिक़र जैकेट" भी खूब फेमस है
ReplyDeleteजैक तेरे रंग अनेक...
हम तो एक ही याकूब को जानते है दिलीप कुमार के नाम से
ReplyDeleteदिन लद गए सदरी के फेशन का ज़माना है,
ReplyDeleteसीना भी दिखाएंगे, सलमानों ने ठाना है,
लिक़र के ज़िकर ने तो पटरी ही बदल दी है,
छुपकर जिसे रहना है, वो शै तो ज़नाना है.
अजित जी,
ReplyDeleteजैकेट पहनकर याकूब होने का मन कर रहा है...यानि आपके पैर छूने का...
जय हिंद...
@मंसूर अली हाशमी
ReplyDeleteलिक़र के ज़िकर ने तो पटरी ही बदल दी है,
छुपकर जिसे रहना है, वो शै तो ज़नाना है.
क्या महीन बात कही है हाशमी साब, मज़ा आ गया।
अच्छी जानकारी...जैकेट शब्द की उत्पत्ति की...शुक्रिया
ReplyDelete@बलजीत बासी
ReplyDeleteसही कह रहे हैं, लिकर-जैकेट का जिक्र यहां बहुत जरूरी था। ये कसर आपने पूरी कर दी। शुक्रिया।
जैक, जैकब, जैकेट का ये सिलसिला चलता रहे, बस इतनी ही कामना है।
ReplyDelete--------
छोटी सी गल्ती जो बडे़-बडे़ ब्लॉगर करते हैं।
क्या अंतरिक्ष में झण्डे गाड़ेगा इसरो का यह मिशन?
लेख के साथ फोटो का सामंजस्य बहुत अच्छा लगा.
ReplyDeleteअब जब भी जेकेट पहनूँगा तो आपकी यह पोस्ट याद आ जाएगी। बहुत खूब जानकारियां दी आपने।
ReplyDeleteयह जानकारी भी बढ़िया रही!
ReplyDeleteलिकर-जैकेट भी रोचक रहा. मैं तो आउट डेटेड फील कर रहा हूँ इस शब्द को सुनकर :)
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