Tuesday, August 5, 2008

खुदा बचाए उज़बकों से....

जाहिल या उजड्ड के अर्थ में हिन्दी में एक शब्द खास प्रचलित है –उज़बक । अकसर गंवारू या अजीब क्रियाकलापों के लिए यही उलाहना दिया जाता है कि क्या उज़बकों जैसी हरकतें कर रहे हो ! दरअसल यह एक समूहवाची शब्द है और तुर्की भाषा के उज्बेक शब्द से बना है जिसके मायने हैं तुरानी या तातारी कबीला। गौरतलब है कि इस कबीले की बहुलता के चलते एक समूचे इलाके का नाम पड़ा उज्बेकिस्तान । प्राचीन भारत के ऐश्वर्य के किस्से सुन कर उसे लूटने की चाह में पश्चिमी सरहदों को लांघ कर आनेवाले अनेक हमलावरों का इस कबीले से रिश्ता रहा है ।

                       minat 

मुस्लिम नामों के साथ जो बेग़ उपनाम लगता है जैसे नियाज़ बेग़, खालिद बेग़ वगैरह, वह इसी बेक की उपज है। यानि उज्बेकिस्तान से ही है बेग़ का भी रिश्ता

फोटो साभार-http://travel-aziaworld.uz/en/

 

भ्यता – संस्कृति के लिहाज़ से इनका भारतीयों से कोई मेल न था। हमलावरों के प्रति वैसे भी कोई दमित समूह अच्छी राय नहीं रखता। कई मायनों में ये हिन्दुस्तानियों से पिछड़े संस्कारों के थे। लूटने की चाह में ये अपने इलाके के बेपढ़े-लिखे लोगों की सैनिक के तौर पर भर्ती करते थे और
हजारों मील और महिनों का सफर तय करते हुए उज्बेकिस्तान, तुर्किस्तान के ठिकानों से भारत पर धावे मारते रहते थे। आक्रान्ता के रूप में इनकी फौजों द्वारा मचाई गई तोड़-फोड़, लूटमार और शासक के तौर पर अजीबोग़रीब बर्ताव के चलते भारतीय जनमानस में एक तुर्की कबीले के नाम ने मूर्ख और उजड्ड के अर्थ में अपनी पैठ बना ली। ये अलग बात है कि अपने वतन में उज्बेक , उज़बक नहीं हैं। भारत पर हमला करने वाले लंगड़े तैमूर और बाबर का इसी कबीले से रिश्ता रहा है।
 ज़बेक शब्द की व्युत्पत्ति के पीछे दो तरह की धारणाएं हैं। चंगेज़ खान की मौत के बाद दुर्दांत मंगोल हमलावरों में फूट पड़ गई । किसी वक्त मंगोलो ने मध्य एशिया से लेकर पूर्वी यूरोप तक के विशाल इलाके को अपने लगातार आक्रमणों से रौंद रखा था। चंगेज़ की मौत के कई दशकों बाद सुल्तान मोहम्मद उज़बेग ने अपना रुतबा दिखाया। उसने 1282-1341 तक शासन किया । उसे ही चंगेज़ के बाद सबसे योग्य सरदार माना गया। कहा जाता है कि उसके नाम से ही उज़्बेक शब्द चला । मगर दूसरी धारणा ज्यादा प्रभावी नज़र आती है। उज़्बेक लोगों की सिफ़त रही है हमेशा आज़ाद रहना। तुर्किस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान जहां इनकी खासी तादाद रही है वहां सदियों से ये खानाबदोश कबीलों की शक्ल मे जहां मन हुआ अपनी अहलकारी कायम करते रहे। उज़्बेक शब्द बना है ओज़+बेक से। ओज़ का मतलब होता है स्वयं और बेक का अर्थ होता है मुखिया । अर्थात खुदमुख्तार, स्वघोषित नायक। यही बात इस समूदाय के स्वभाव से भी मेल खाती है अतः उज़्बेक शब्द की यही उत्पत्ति सही लगती है। गौरतलब है कि मुस्लिम नामों के साथ जो बेग़ उपनाम लगता है जैसे नियाज़ बेग़, खालिद बेग़ वगैरह, वह इसी बेक की उपज है। यानि उज्बेकिस्तान से ही है बेग़ का भी रिश्ता । उज्बेक शब्द में चाहे खुदमुख्तारी और नायकत्व का भाव हो मगर हिन्दी में जो उजबक है उसका अर्थ तो गंवार, जाहिल,मूर्ख और उजड्ड ही होता है। मध्यएशिया के इन आक्रांताओं के नायकत्व को भारत ने इसी रूप में पहचाना।
आपकी चिट्ठियां

फर की पिछली तीन कडियों- ग्राम गंवार और संग्राम , अनशन का पराक्रम और भूखे भजन न होई गोपाला... पर आप सब साथियों की कुल 46 टिप्पणियां मिलीं। दिनेशराय द्विवेदी Gyandutt Pandey Lavanyam - Antarman Dr. Chandra Kumar Jain siddharth प्रभाकर पाण्डेय अनुराग महेन PD अभिषेक ओझा Udan Tashtari पंगेबाज रंजना [रंजू भाटिया] कुश एक खूबसूरत ख्याल बाल किशन अभिषेक ओझा मीनाक्षी E- Guru Maya anitakumar डा. अमर कुमार राज भाटिय़ा जोशिम Mrs. Asha Joglekar mahashakti Sanjay Sharma anitakumar बाल किशन राज भाटिय़ा Ashok Pande Gyandutt Pandey अनुराग Swati Lavanyam - Antarman radhika budhkar और kaatyaayan जी का शुक्रिया।

@कात्यायन

साहेब, आपने जो भी जानकारियां दी हैं अनशन और उपवास के बारे में, उनके लिए शुक्रिया। निश्चित ही आपकी बताई व्याख्याएं भी उपयोगी हैं। इन्हें मैं आपके नाम से ही सहेज रहा हूं। भविष्य में शब्दों का सफर पुस्तकाकार आने पर इन उपयोगी टिप्पणियों को भी उसमें स्थान मिलेगा।

@अशोक पांडे

हुजूर, एकदम सही फर्माया आपने। कुमाऊंनी जोशी, पंत और पांडे महाराष्ट्र से ही आए हैं। यह कोई विवादित विषय नहीं है। अनेक साक्ष्य हैं। बोली भी उनमें से एक है। फास्ट का उद्गम अनिताजी को बता कर आपने हमारा काम आसान कर दिया। सफर पर ऐसी टिप्पणियां जब मिलती हैं तो आनंद दोगुना हो जाता है।

20 comments:

  1. इसका सही अर्थ आज यह पोस्ट पढ़ कर ही पता चला मुझे :) और यह भी मुस्लिम नामों के साथ जो बेग़ उपनाम लगता है जैसे नियाज़ बेग़, खालिद बेग़ वगैरह, वह इसी बेक की उपज है। यानि उज्बेकिस्तान से ही है बेग़ का भी रिश्ता । शुक्रिया

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  2. उजबेकिस्तान से सँदर्भित शब्द,
    स्थान व इतिहास के तथ्य
    सभी रोचक ढँग से पेश किये आपने
    अच्छा लगा पढना -
    - लावण्या

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  3. नितांत नई जानकारी
    =================
    आभार
    डा.चन्द्रकुमार जैन

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  4. मैं तो उज्बक का मतलब कम अक्ल वाला खुद मुख्तार मानता था।

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  5. इतना विस्तार में इसका अर्थ पहली बार जाना.आभार जानकारी के लिए.

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  6. जानकारी के लिए आभार सरजी.
    एक सवाल भी है.
    "अजदक" का क्या अर्थ होता है? "प्रमोद जी" के अलावा.

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  7. वाह जी वाह बहुत बहुत धन्यवाद इस उजबकिया पोस्ट के लिए..

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  8. सुंदरतम। रोचकतापूर्ण। बहुत ही महत्त्वपूर्ण कार्य। जय हिन्दी।

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  9. आपका शीर्षक ही खतरनाक है गुरुदेव....

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  10. बड़िया जानकारी…धन्यवाद,
    "तुर्की भाषा के उज्बेक शब्द से बना है जिसके मायने हैं तुरानी या तातारी कबीला।" क्या दुर्रानी शब्द भी किसी कबीले के नाम से है, नाम कुछ सुना सा लगता है , सलीम दुर्रानी, फ़िर उज्बेक जैसा कोई शब्द इस कबीले के नाम से भी होगा शायद, है न?

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  11. बेग तो कई मिले लेकिन आज उनके नाम के पीछे की रोचक जानकारी पढ़ने को मिली... शुक्रिया...
    तुरानी दुर्रानी का इतिहास जानने के लिए हम भी इंतज़ार मे है.

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  12. @बाबू बालकिसन, हर प्रश्‍न का उत्‍तर अजित राय से ही लीजियेगा? हमसे कुछ नहीं पूछियेगा?

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  13. बड़ी रोचक जानकारी है. उजबक शब्द कई बार सुना लेकिन ये उज़बेकिस्तान से आया है, यह नहीं मालूम था. और बेग के बारे में भी जानकारी गजब रही.

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  14. bahut badhiya tathyaprakh janakari dene ke liye abhaar.

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  15. मैं तो सोचता था लुटेरा जाति सिर्फ़ क़ज़्ज़ाक़ ही थी, जैसे ये शेर भी:
    "अमीर उस रास्ते से जो गुज़रते हैं वो लुटते हैं
    मुहल्ला है हसीनों का कि क़ज़्ज़ाक़ो की बस्ती है"
    और ताल्स्ताय का क़ज़्ज़ाक भी। तातारों को आपने अगली पोस्ट के लिये छोड़ दिया क्या?

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  16. सुन्दर,रोचक एवं ग्यान वर्धक. धन्यवाद.

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  17. सुन्दर,रोचक एवं ग्यानवर्धक. डा० मोतीचन्द का " भारतीय सार्थवाह" भी उपयोगी रहेगा.

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  18. Hamesha ki tarah rochak aur jankari se bharpoor. ujbak aur beg wah !

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  19. उज्बक और उज्बुक से तो मुर्ख ही समझते थे, पर ये उज्बेकिस्तान भी वहीँ से आया है ये नहीं सोचा... अगर पता चला तो देश का नाम न बदल डालें :-)

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