बा ज़ारवाद के इस दौर में एक शब्द आजकल ज्यादा सुनाई पड़ता है वह है खुदरा व्यापार अर्थात रिटेल बिज़नेस। खुदरा व्यापार का यूं हिन्दी अर्थ है फुटकर व्यापार यानी खुली दुकानदारी। दरअसल फुटकर रिटेल या खुदरा बाजार का तब तक कोई महत्व नहीं है जब तक थोक बाज़ार की बात न की जाए।
सबसे पहले करते हैं खुदरा की बात। सामान्य तौर पर बाज़ार शब्द से हमारे सामने जो तस्वीर उभरती है वह फुटकर बाजार ही होता है। आम आदमी जहां से रोज़मर्रा की खरीदारी करता है वह सामान्य बाजार ही कहलाता है फुटकर बाजार । खुदरा शब्द दरअसल भाषा के थोक बाजार से आया ऐसा शब्द है जिसने आम आदमी की पसंद के अनुरूप रूप बदल लिया वर्ना फ़ारसी भाषा में इसका असली रूप था खुर्दः जिसका मतलब है खंड, टुकड़ा, रेज़गारी, चिल्लर आदि। खुर्दः शब्द इंडो-ईरानी परिवार का शब्द है। फारसी में खुर्दाःफ़रोश का मतलब होता है फुटकर माल बेचनेवाला, पंसारी या छोटा दुकानदार जो थोक व्यापारी से बड़ी मात्रा में सामान खरीदता है और उसे छोटी इकाइयों में बांट कर , खंड खंड कर बेचता है। फुटकर व्यापार के तौर पर खुर्दःफ़रोशी शब्द बना।
हिन्दुस्तान की सरज़मी पर आकर इसका इसका अगला रूप हुआ खुर्दा। मुस्लिम शासन के दौरान यह शब्द हिन्दुस्तानी ज़बानों में भी शामिल होने लगा। वर्ण विपर्यय के चलते हिन्दी में पहले यह खुरदा हुआ और फिर बना खुदरा जिसमें खुला, बिखरा, छुट्टा जैसे भाव शामिल हुए। इससे बना खुदरा व्यापार जिसका मतलब हुआ दैनंदिन प्रयोग की वस्तुओं की सीधे आम आदमी को बिक्री करना। खुदरा के लिए हिन्दी में फुटकर शब्द मिलता है। यह बना है संस्कृत के स्फुट शब्द से जिसमें प्रदर्शित, स्पष्ट किया हुआ, खिला हुआ, बिखरा हुआ , अलग-अलग, दृष्यमान जैसे भाव शामिल हैं। जाहिर है कि फुटकर व्यापारी आम आदमी के लिए मंडी या वाणिज्यकेंद्र में अपना सामान बिक्री के लिए विभिन्न तरह से प्रदर्शित करता है क्योंकि उसके पास कई तरह की सामग्री होती है। वह सभी कुछ एक साथ मगर अलग-अलग दिखाना चाहता है। यही है फुटकर व्यापार। ऐसा करने वाला हुआ फुटकर व्यापारी।
अंग्रेजी में फुटकर व्यापार के लिए रिटेल retail शब्द है। यह बना है टेलर tailor से अर्थात काटनेवाला । re उपसर्ग लगने से बना रिटेलर जिसका मतलब हुआ फिर से काट-छांट करनेवाला। व्यापार के संबंध में इसका भाव हुआ छोटे छोटे हिस्सों में व्यापार करना। यूं टेलर अंग्रेजी में दर्जी को कहते हैं जिसे ग्राहक कपड़ा खरीद कर देता है । उसे काट कर वह वस्त्र सिलता है और दाम पाता है। रेडीमेड कपड़ों के व्यवसाय में रिटेल व्यापार को बेहतर समझा जा सकता है जहां पहले कपड़ों को बड़े पैमाने पर खरीदा जाता है। फिर उनकी अलग-अलग आकारों में काट-छांट की जाती है। बाद में उन्हें सिलकर परिधान तैयार किए जाते है और उन्हें दोबारा बेचा जाता है। यानी पहले थोक में खरीद , फिर अलग नाम और पैकिंग में बिक्री। इसे कहते हैं फुटकर व्यापार या खुदरा व्यापार। यही है रिटेल।
इस श्रंखला से जुड़े कुछ और शब्दों पर अगली कड़ी में चर्चा |
इन्हें भी ज़रूर देखें-
खुर्द->खुदरा! टेलर->रिटेलर याद हो गया! शुक्रिया!
ReplyDeleteहमारे यहाँ खुर्द-बुर्द शब्दयुग्म प्रचलन में है। जब कोई व्यक्ति किसी संपत्ति के व्ययन के प्रयास में होता है तो कहा जाता है वह खुर्द-बुर्द करने पर आमादा है। खुर्द तो समझ आ गया। ये बुर्द क्या है? आप को थोड़ा कष्ट तो होगा। बताएँ जरूर।
ReplyDelete'फुटकर' पर इतनी 'थोक' जानकारी । मजा आ गया ।
ReplyDeleteरीटेल? हमें तो पोस्ट का रीठेल प्रिय है!
ReplyDeleteअजित जी,
ReplyDeleteआज एक अंतराल के बाद पिछली पोस्ट पढ़ पाया । हमेशा की तरह ताजगी का एहसास हुआ । इन दिनों विधानसभा निर्वाचन में विशिष्ट दायित्व निर्वहन में व्यस्त हूँ, परन्तु सफर में दस्तक के बगैर अधूरा सा लगता है । इधर अपने कंप्यूटर में भी कुछ तकनीकी खराबी जारी है । आशा है कि शीघ्र नियमित संवाद बन जाएगा । आभार....
दीपावली की अनंत मंगलकामनाएं....
डॉ चंद्रकुमार जैन
कहीं खुर्जा भी खुर्दा से तो नहीं बना... एक बड़े अच्छे मित्र हैं खुर्जा के रहने वाले.. तो ऐसे ही दिमाग में आ गया !
ReplyDeleteशब्दों का यह सफ़र ऐतिहासिक भाषा-विज्ञान की दृष्टि से पर्याप्त महत्वपूर्ण है. मेरी एक पुस्तक 1976 में प्रकाशित हुई थी -"तुलसी काव्य की अरबी-फ़ारसी शब्दावली : एक सांस्कृतिक अध्ययन." मैं समझ सकता हूँ कि शब्दों के मूल तक पहुँचाना कितना कठिन होता है. खुरदरा या खुदरा के सम्बन्ध में आपका विवेचन देखा. खुर्द निश्चित रूप से इंडो ईरानी परिवार का शब्द है किंतु अपने मूल रूप में यह बाज़ार का शब्द नहीं है. बाज़ार तक इसकी पहुँच इसलिए हुई कि यह व्यापारी शब्दावली की अपेक्षाएं पूरी करता था. फ़ारसी में 'खुर्द' का अर्थ है छोटा, क्षुद्र,बारीक, कण इत्यादि. कहावत भी है -'सग बाश बिरादरि-खुर्द न बाश' अर्थात कुत्ता हो जाना अच्छा है छोटा भाई होने से. भोजन या किसी चीज़ को खाने के लिए भी 'खुर्द' शब्द का प्रयोग होता है. कारण यह है कि किसी भोज्य पदार्थ को छोटे-छोटे टुकडों में ही विभाजित करके खाया जाता है. मसल मशहूर है. 'हर रोज़ ईद नीस्त कि हलवा खुरद कसे अर्थात हर दिन ईद नहीं है कि हलवा खाने को मिले. खुर्दबीन शब्द किसी छोटी वस्तु के देखने के लिए प्रयोग में आता है और इस दृष्टि से यंत्र का नाम ही 'दूरबीन' या 'खुर्द-बीन' पड़ गया. खुर्दा-फरोश तो आपने स्पष्ट कर ही दिया है. ध्यान देने की बात है कि जहाँ खुर्दः-फरोश फुटकर माल बेचने वाले को कहते हैं वहीं खुर्दः-गीर छिद्रान्वेषी के लिए प्रयुक्त होता है. खुर्द-बुर्द शब्द अभी भी नष्ट और बरबाद करने के अर्थ में प्रयोग किया जाता है. यह बुर्द शब्द जो खुर्द के साथ जुडा हुआ है 'बुरादा' अर्थात लकडी, लोहे इत्यादि का बारीक सफूफ. वैसे खुर्द के साथ जुडा बुर्द शब्द 'रोटी-वोटी' की तरह भी हो सकता है. मूल रूप से बुर्द शब्द शतरंज की बाज़ी में आधी मात की स्थिति को कहते हैं जहाँ बादशाह अकेला पड़ जाता है. यह भी सम्भव है कि खुर्द-बुर्द में बुर्द शब्द इसी स्थिति को रेखांकित करने के लिए आया हो जिसकी वजह से खुर्द-बुर्द का अर्थ विनष्ट हुआ हो.
ReplyDeleteशैलेष ज़ैदी जी,
ReplyDeleteशब्दों के सफ़र में आपके जैसा हमसफ़र पा कर आनंदित हूं। कुछ न कुछ नया पाने और सीखने के मौके कैसे अचानक सुलभ होते हैं यह ज्ञान को साझा करने की संस्कृति सिखाती है।
आपकी प्रतिक्रिया अमूल्य है...आपकी प्रतिक्रिया में आए बिंदु इसी शब्द से जुड़ी अगली कड़ी में देने वाला था...दे रहा हूं। जिन नतीजों तक पहुंचा था उसे आपने भी बहुत उम्दा तरीके से स्पष्ट किया है।
आभार। मूलत खुर्द और क्षुद्र एक ही मूल के शब्द हैं -संस्कृत धातु क्षुद् से इनका उद्भव हुआ है। बरास्ता अवेस्ता फ़ारसी रूप सामने आया। खुर्दबीन, खुर्द-बुर्द जैसे शब्द बने।
सफ़र में आपकी उपस्थिति हम सबके लिए लाभकारी है।
शभकामनाएं.....
अजित
शुक्रिया दिनेश जी,
ReplyDeleteराजस्थान ही नहीं , मध्यप्रदेश में भी मे खुर्द बुर्द प्रचलित है मगर राजस्थान में ज्यादा चलता है। यह शब्द अगली कड़ी में लेना तय था। मुझे अच्छा लगा कि आपको याद आया। शब्दों के सफर में कष्ट कैसा ?
सादर ,
अजित
वाह ! खुर्दबीन सूना था - शैलेष जैदीजी की बातें बेहद रोचक लगी - अजित भाई आपको पढ़ना हमेशा अच्छा लगता है ..दीपावली की शुभकामना व साल मुबारक -
ReplyDeleteवाह खुर्द, खुदरा,क्षुद्र, इतने सारे शब्दों का संबंध पता चला और शैलेश जैदी जी की टिप्पणी से जानकारी में वृध्दी हुई । खुदरा खुर्दा तो पता थे पर खुर्द- बुर्द नही पता था और ये भी कि retailor का संबंध टेलर से है और दूरबीन को खुर्द बीन क्यीं कहते हैं ।
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