प्रायः तम्बू, टेंट अथवा छोलदारी के अर्थ में खेमा शब्द हिन्दी का सुपरिचित है। खेमा की उपस्थिति चीन – तिब्बत से लेकर अरबी-फारसी-उर्दू-हिन्दी और यूरोपीय भाषाओं में भी नज़र आती है। फारसी-हिन्दी-उर्दू में खेमा शब्द का ज्यादा अर्थगर्भित प्रयोग मिलता है और इसमें प्रत्यय जो़ड़कर नए शब्द भी बना लिए गए हैं जैसे फारसी का बाजी प्रत्यय खेमा से खेमेबाजी जैसा शब्द गढ़ता है जिसका अर्थ तम्बू तानना नहीं बल्कि अलग दल बनाना, स्वतंत्र सत्ता बनाना, गुटबंदी करना आदि होता है। अरबी में खेमा शब्द का अर्थ घर या मकान होता है। गौरतलब है कि प्राचीन अरब में लोग ज्यादातर तम्बुओं में ही गुज़र – बसर करते थे इसलिए खेमा शब्द का अर्थ वहां तम्बू नहीं बल्कि घर के अर्थ में मिलता है। तिब्बती में भी घर के लिए खेम शब्द है। पर्वतीय क्षेत्र की ही भाषा लिम्बू में इसका रूप ख्यिम् होता है जिसका अर्थ भी घर ही होता है।लिम्बू भाषा तिब्बती-बर्मी भाषा परिवार में आती है और भारत के लद्दाख, दार्जीलिंग, सिक्किम समेत उत्तर पूर्वांचल के अनेक हिस्सों में बोली जाती है। नेपाल में इसे बोलनेवाले काफी हैं। भारतीय प्रांत सिक्किम के मूल में यही ख्यिम है। यह बना है इसके आगे सुउपसर्ग लगने से जिसका लिम्बू भाषा में अर्थ होता है नया। इस तरह सिक्किम का अर्थ हुआ रहने के लिए सुंदर घर अर्थात गंगटोक का शाही महल। यह सु उपसर्ग भी बहुत कुछ संस्कृत के सु जैसा ही है जिसका अर्थ होता है सुंदर, अच्छा। जाहिर है जो कुछ भी नया होता है, वह अच्छा ही होता है। पहले तिब्बती भाषा में सिक्किम का नाम था डेन्जोंग जिसका मतलब होता है धान की घाटी। स्वाहिली सहित कई अफ्रीकी भाषाओं में केम, कम, कोमा, खेमा जैसे शब्द भी घर के लिए ऐसे ही मिलते-जुलते शब्द हैं। हिब्रू भाषा में खेमा की जगह शिमाह शब्द है जिसका अर्थ होता है घिरा हुआ स्थान या परकोटा। सिंहली भाषा में गामा शब्द ग्राम के अर्थ में है। अंग्रेजी का होम शब्द भी इसी श्रंखला की कड़ी है। घर , मकान के अर्थ में होम शब्द भी हिन्दी संसार में रचा-बसा है। इंडो-यूरोपीय भाषा परिवार का होम शब्द पोस्ट जर्मनिक के khaim ख़ैम से आया है जिसका गोथिक रूप होता है हैम haim जिसने अंग्रेजी में home का रूप लिया।
खेमा या खैमा शब्द की व्युत्पत्ति अज्ञात है। मुझे लगता है संस्कृत के स्कम्भ से ही खेमा शब्द जन्मा होगा। खैमा यानी जो खम्भे पर टिका हो। सिनो-तिब्बतन भाषा परिवार, इंडो-ईरानी, इंडो-यूरोपीय आदि भाषा परिवारों में इस शब्द की व्याप्ति से यही सही भी लगता है। संस्कृत की कुट् धातु में और हिब्रू के क़ला शब्द में जिस मेहराब की बात उभर रही है स्कम्भ में वह सीधे सीधे रचना के अर्थ में उपस्थित है। स्कम्भ का मूल अर्थ है रुकावट डालना, बाधा डालना, रोकना, अवरोध, नियंत्रण आदि। स्कम्भ से बना है हिन्दी का जाना-पहचाना शब्द खम्भा। तम्बू के बीचों बीच लगे खम्भे पर गौर करें तो ये सभी क्रियाएं साकार नजर आएंगी। किसी भी भवन में खम्भे की भूमिका दीवार अथवा छत को नीचे आने से रोकने की ही होती है। खम्भा आलंब है तम्बू का , खेमे का।
आश्रय के अर्थ में कई और शब्द भी प्रचलित हैं। हिन्दी का कमरा शब्द यूं तो पुर्तगालियों की देन माना जाता है मगर यहां भी आश्रय के अर्थ में क वर्ण नजर आ रहा है। कमरा शब्द भी इंडो-यूरोपीय भाषा परिवार का है जिसकी व्युत्पत्ति kam धातु से हुई है जिसमें मोड़, मेहराब या आर्च का ही भाव है जिस पर छत डाली जाती है। कमरा से ही कैमरे का जन्म हुआ है क्योंकि इसमें भी कोष्ठ ही होता है। कैमरे से ही फ्रैंच जबान में चैम्बर शब्द का जन्म हुआ जिसमें छोटे प्रकोष्ठ का ही भाव था। मगर आजकल अट्टालिकाओं के नामों के पीछे भी चैम्बर लगा रहता है। ईरानी में छोटे कमरे के लिए कडक शब्द है जो अवेस्ता के कट से बना है। इसका संस्कृत के कुट् , कुटिया और कोट से रिश्ता साफ नजर आ रहा है। कुटिया से मिलता-जुलता अग्रेजी का कॉटेज शब्द भी है जो हिन्दी में बोला-समझा जाता है और इसका अर्थ भी कुटिया, कुटीर, छोटा एक कोष्ठीय मकान ही होता है। कॉटेज के लिए पुरानी अंग्रेजी में cot या cote शब्द है। कॉटेज शब्द का निर्माण पोस्ट जर्मनिक की कुट् kut धातु से हुआ है जिसका अर्थ होता है छोटा निवास। जाहिर है इस कुट् की रिश्तेदारी भी संस्कृत के कुट् से सीधे सीधे जुड़ रही है।
15 कमेंट्स:
बहुत शोधपरक, उपयोगी और महत्वपूर्ण जानकारियां। हिंदी में इतनी संलग्नता के साथ ऐसा परिश्रम करने वाले विरले ही होंगे । बहुतेरी बधाइयां, ढेरों शुभ कामनाएं !
उदय प्रकाश
बेहतरीन जानकारी मिली . आश्चर्य भी होता है . अलग अलग शब्दों के सम्बन्ध का राज खुलते देख .आपके प्रयास की जितनी तारीफ की जाय कम होगी .
बहुत उपयोगी जानकारी. धन्यवाद.
शब्द ब्रह्म है, समझ नहीं आता था। आप के आलेख पढ़ पढ़ कर समझ आने लगा है। दुनिया में कहीं चले जाओ, हर भाषा में आप की भाषा का कम से कम एक शब्द ऐसा मिल ही जाएगा जिस का अर्थ आप की भाषा और उस भाषा में समान नहीं तो समान के आसपास जरूर ही होगा।
हमारे यहाँ जैत खाम भी है
जगह-जगह....
बाबा गुरु घासीदास जी के
अनुयायियों की आस्था का केन्द्र.
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आभार
डॉ.चन्द्रकुमार जैन
बहुत उपयोगी..
मेरा एक मित्र ्है खैम सिंह.. बहुत समय से "खेम" का मतलब ढूढ रहा था.. आज पता लगा. आभार
@RANJAN
खेमसिंह का खेमा यानी तम्बू से कोई लेना देना नहीं है। आपके मित्र के नाम में लगा खेम तो कुशल वाले क्षेम का बिगड़ा रूप है। क्षेम यानी कल्याण का भाव। यानी कल्याणसिंह है वो ना कि तम्बूसिंह :)
शुभकामनाएं...
बेहद लाजवाब शब्दो का सफ़र है यहां तो ! बहुत बढिया जानकारी मिल रही है !
राम राम !
साहित्य के रसों का गुणग्राही - इसके लिए भी गुरुजी ने 'आश्रय' शब्द बताया था ।
योग क्षेम -
ना वो ख़म है जुल्फे अयाज़ में -
याद आया
और बहुत सीखे आज के सबक से अजित भाई
आप की मेहनत रंग ला रही है
अच्छा लगा पढ़ना।
बहुत लगा बहुत सुंदर राचना !
खेमाबाजी बनाम कुनवाबाजी बनाम गुटबाजी . क्या कहने पोस्ट पढ़कर भाई आनंद आ गया शब्दों के जाल को बखूबी पिरोया है. धन्यवाद.
कहाँ से कहाँ तक !
अच्छे से याद है नानजी बचपन में कहते थे हर शब्द का उपयोग करने से पहले उसकी उपयोगिता को परखों...वे अलीगढ़ यूनिवर्सिटी से पढ़े थे। हिंदी, अंग्रेजी, फारसी, उर्दू पर उनकी पकड़ देखते ही बनती थी। तब उनकी बातों को गंभीरता से लेती ही नहीं थी। जब तक समझी तब तक वे मुझसे बेहद दूर हो चुके थे। आप हर शब्द के पीछे शोध करते हैं वह बेहद अनुकरणीय है। एक साथ कई पोस्ट पढ़ चुकी हूँ। हर पोस्ट के पीछे आपका शोध और शब्दों की उत्पत्ति को जानने की ललक दिखती है...जो मुझे आश्चर्यचकित करती है। अद्भुत
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