Friday, June 20, 2008

ऊंची अटरिया में ठहाके

ज लॉफ्टर का ज़माना है और यह टीवी शो की बदौलत है वर्ना पूरी दुनिया में हम हिन्दुस्तानी सबसे कम हंसनेवालों में बदनाम हैं। एक ओढ़ी हुई गंभीरता हम सबके स्वभाव में समा गई है। हंसी मज़ाक और उन्मुक्त हास्य तो सिर्फ पंजाबवालों के लिए छोड़ दिया गया है कि भई खुद भी हंस लो , और हमें भी हंसा दो !! लाफ्टर यानी उन्मुक्त हास्य अर्थात ठहाका।

भी सोचा है कि ठहाकों और ऊंची इमारतों में कोई रिश्तेदारी हो सकती है ? दुनियाभर में अब बहुमंजिला इमारतों का दौर है । अक्सर इन्हें स्काईस्क्रैपर, आकाशचुंबी या गगनचुंबी इमारत कहा जाता है। उर्दू में भी इसके लिए फ़लकबोस शब्द प्रचलित है। मगर प्राचीनकाल में बहुमंजिला इमारतों के लिए अट्टालिका शब्द था और आज भी हिन्दीवाले इससे अपरिचित नहीं हैं।

ट्टालिका शब्द बना है सस्कृत धातु अट्ट से जिसका मतलब होता है सीमा लांघना, ऊंचा, निरंतर। गौर करें कि अट्टालिका उसी इमारत को कहा जाता है जो सामान्य से काफी ऊंची हो। यानी सामान्य ऊंचाई का सीमोल्लंघन तो अट्टालिका में होता ही है। अट्टालिका से ही बने हैं अटारी, अटरिया जैसे लोक संस्कृति की महक में रचे-पगे शब्द जो न जाने कितने लोक गीतों में समाए हैं। सूनी अटरिया , ऊंची अटरिया में सांवरिया की
गैरमौजूदगी का उल्लेख अक्सर हिन्दी की तमाम बोलियों के विरह गीतों में सुना जाता है। अमृतसर भारत-पाक सीमा चौकी है अटारी । गौरतलब है कि आज चाहे ये दो देशों को जोड़ने वाला मार्ग है मगर किसी ज़माने में इसके नामकरण के पीछे अट्टालिका शब्द से जुड़ी समृद्धि ही झांक रही है। यूं अटारी का मतलब ऊपरी मंजिल, बालकनी , छत, कोठी, गुंबद या मीनार भी होता है। संस्कृत में आलय यानी आश्रय, निवास, घर या मकान को कहते हैं। अट्ट यानी ऊंचा सो अट्टालिका के ऊंचाई से संबंध से जाहिर है कि एक के ऊपर एक शिलाओं (ईंटों) के जमाव से बने मकान को ही अट्टालिका कहेंगे।

हिन्दी में सामान के अंबार को अटाला भी कहते हैं। गौरतलब है कि अब तो कबाड़ या फालतू चीज़ों के ढेर के लिए ही अटाला शब्द प्रचलित है। ये अटाला भी अट्ट से ही आ रहा है । अट्ट यानी ऊंचा। एक पर एक रखा हुआ। ठसाठस। यानी अटाला ऐसी जगह है जहां सामान अटा पड़ा हो। ऊंची अटारियों में जब सामान के अंबार लगेंगे तो अटाला भी होगा ही। और जहां सामान अटा पड़ा हो तो वहां से गुज़रना तो मुश्किल होगा ही सो अटकते अटकते ही जाना होगा। साफ है कि यह अटकना या अटकाना भी अट्ट की वजह से ही हो रहा है। ऊंचे चूबतरे के लिए मालवी राजस्थानी में ओटला शब्द भी है जो इसी मूल से आ रहा है।

ट्टालिका में अटकते-भटकते अट्टहास भी सुनाई पड़ते हैं। अट्ट यानी ऊंचा और हास् यानी हंसी अर्थात ऊंचे सुर वाली हंसी हुई अट्टहास । अट्टहास का ही विपर्यय हुआ ठहाके में। क्रम कुछ यूं रहा होगा। अट्टहास>अट्ठहास>ठहास>ठहाक>ठहाका । तो साफ है कि ऊंची अटरिया और ठहाकों में क्या रिश्तेदारी है। हालांकि ये तो सिर्फ बात पैदा करने वाली बात है ठहाकों की रिश्तेदारी ग़रीब की झोपड़ी या अमीर की अटारी से नहीं बल्कि इंसान की ज़िंदादिली और खुशमिजाज़ी से है।


17 कमेंट्स:

Udan Tashtari said...

ये तो समझ गये कि ऊंची अटरिया और ठहाकों में क्या रिश्तेदारी है मगर यह बंदर कहाँ से लाये आप?? :)

बहुत बढ़िया..आभार इस जानकारी के लिए.

अभय तिवारी said...

ईँट?

Ghost Buster said...

अट्टालिका में ठहाका और कुटिया में फाका. दोनों रूप दिखते हैं देश में.

Dr. Chandra Kumar Jain said...

अजित जी,
कितनी निराली हैं आपके सफर की राहें !
============================
चल गई कल छप्पन छुरी,
ठहाके आज लगा दिए !
अटारी से अट्टहास के,
सम्बन्ध भी बता दिए !

आभार
डा.चन्द्रकुमार जैन

Arun Arora said...

चलो जी अब नोयडा वालो को अपने अट्टा मार्केट के नामकरण का पता तो चला :)

कुश said...

वाह जी!! ये लीजिए अट्टिप्पणी... टिप्पणियो का अंबार

डॉ .अनुराग said...

ये लीजिये हम "अट्टा मार्केट"के चक्कर इतनी बार लगा चुके ओर आज तक ये नही सूझा की नाम कैसे पड़ा ?जय हो गुरुदेव....

pallavi trivedi said...

मान गए हम तो आपके ज्ञान के भण्डार को...हर बार एक नयी और रोचक जानकारी!अटल,अट्टालिका से अट्टहास तक....इजाफा ही इजाफा .

PD said...

अट्टा मार्केट की ऊंची अट्टालिका के अंदर अट्टहास लगाना.. लिजीये अब मैंने अलंकार का भी प्रयोग कर लिया.. :)

Abhishek Ojha said...

वाह !

आभा said...

सर जी आप की क्लास कभी कभी मिस हो जाती है,
पर जब भी आती हूँ , लगता है उफ्फ सर जी की क्लास.......

Shiv Kumar Mishra said...

बहुत रोचक जानकारी अट्टालिका, अटारी के बारे में....फलकबोस शब्द से परिचित नहीं थे. रोज पढने का फायदा यही है.

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

अजित भाई ,
बहुत बढिया !
अट्टहास और अट्टालिका
वाकई नज़दीक के रीश्तेदार निकले ! :)
- लावण्या

Unknown said...

नया शब्‍द पता लगा - फलकबोस ।

अट्टालिका शब्‍द से श्री ओमप्रकाश आदित्‍य कि प्रसिद्ध व्‍यंग्‍य रचना याद आ गई --
अटृटालिका पर एक रमणी अनमनी से है अहो।
किस वेदना के भारा से संतप्‍त हो देवी कहो...

नोएडा का अट्टा बाज़ार तो शायद उस मज़ार के नाम पर है जिस अटृटा पीर क‍हते हैं और जो वहीं कोने में अब बड़ी-बड़ी अट्टालिकाओं के बीच नज़र नहीं आती।

डा० अमर कुमार said...

बहुत बीन कर लाये हैं ,यह रोचक जानकारी !

अनामदास said...

घर की दुछत्ती यानी ऊँचे वाले हिस्से को इंगलिस्तान में लॉफ्ट कहते हैं. हंसी को लाफ्टर यानी ऊँची स्वर में हँसना. अँगरेज़ी में ऊँची इमारत या यहाँ तक कि क्रिकेट में ऊँचे शॉट को लॉफ्टी कहते हैं...ऊँचाई और हँसी का रिश्ता रिश्ता है.
हँसते रहिए और नई ऊँचाइयाँ छूते रहिए.
हा हा हा हा

Baljit Basi said...

1.We have village named 'Atta'in Punjab.According to the village legend it used to be called 'Atal-Ghar.
2.Another village 'Atti' nearby.
3.two villages with name 'Atal-garh'
4. At least 10 At(t)aris

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