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Monday, November 3, 2014
//बेड़मी कचौरी और बेड़ा ग़र्क़//
प्रस्तुतकर्ता
अजित वडनेरकर
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8:19 PM
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food drink,
पदार्थ
Tuesday, December 25, 2012
मोदीख़ाना और मोदी
[ शब्द संदर्भ- असबाब, अहदी, मुसद्दी, मुनीम, जागीरदार, तहसीलदार, वज़ीर, सर्राफ़, नौकर, चाकर, नायब, फ़ौजदार, पंसारी, व्यापारी, दुकानदार, बनिया-बक्काल, क़ानूनगो, लवाजमा, चालान, जमादार, भंडारी, कोठारी, किरानी, चीज़, गोदाम, अमीर, वायसराय ]
पिछली कड़ी- मोदी की जन्मकुंडली
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प्रस्तुतकर्ता
अजित वडनेरकर
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11:42 PM
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business money,
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government,
shelter,
आश्रय,
इतिहास,
नामपुराण,
पद उपाधि,
माप तौल,
रहन-सहन,
संस्कृति
Monday, December 24, 2012
मोदी की जन्मकुंडली
प्लैट्स के कोश में भी ‘मोदी’ को दुकानदार, बनिया, भंडारी आदि बताया गया है । गुजरात में मोढ़ वैश्य समुदायको मोढी भी कहा जाता है। इसका उच्चार भी कहीं कहीं मोदी की तरह किया जाता है। इस तरह यह स्थानवाची शब्द हुआ। कुछ लोग सोचते हैं कि देशव्यापी मोदी का रिश्ता गुजरात के मोढेरा या गुजराती मोढ़ वैश्य समूदाय से है तो वह संकुचित दृष्टि है। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में साहू तेली होते हैं। यह साहू मूलतः साह, साधु से ही आ रहा है। प्रभावशाली वर्ग। अरबी मोदी की तुलना में मोढी या मोढ़ उपसर्ग का अर्थ व्यापक है। मोढेरा से जिनका रिश्ता है वे सभी मोढ हैं। खास तौर पर वणिकों और ब्राह्मणों में आप्रवासन ज्यादा हुआ सो मोढेरा के लोग मोढ हो गए। गुजाराती विश्वकोश के मुताबिक मोढ़ समुदाय में ब्राह्मण, वैश्य, किरानी, तेली, पंसारी, साहूकार सब आ जाते हैं।
हमारा मानना है कि ‘मोदी’ भी सैन्य शब्दावली से आया शब्द है । इसका रिश्ता सेना की रसद आपूर्ति व्यवस्था से है । ‘मोदी’ का निर्माण निश्चित ही मुस्लिम दौर में हुआ जब अरबी-फ़ारसी शब्दों की रच-बस भारतीय भाषाओं में हो रही थी । फ़ौजदार, जमादार, नायब, एहदी, बहादुर, नौकर, चाकर, ज़मींदार, कानूनगो, मुनीम समेत सैकड़ों अनेक शब्द गिनाए जा सकते हैं जो अरबी-फ़ारसी मूल के हैं और जिनका रिश्ता फ़ौज से रहा है । ‘मोदी’ भी मूल रूप से अरबी ज़बान से बरास्ता फ़ारसी, हिन्दी, पंजाबी, मराठी, गुजराती में दाखिल हुआ । इतिहास-पुरातत्व के ख्यात विद्वान हँसमुख धीरजलाल साँकलिया ने गुजरात के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, नृतत्वशास्त्रीय अध्ययन में इसे अरबी मूल का माना है । हालाँकि एस. डब्ल्यू फ़ैलन की न्यू हिन्दुस्तानी इंग्लिश डिक्शनरी में भी ‘मोदी’ का रिश्ता मोदक अर्थात लड्डू से जोड़ा गया है । ध्यान रहे मोदक का रिश्ता ‘मोद’ अर्थात आनंद से हैं ।
कृ.पा. कुलकर्णी के प्रसिद्ध मराठी व्युत्पत्तिकोश में ‘मोदी’ शब्द का अर्थ अनाज व्यापारी, दीवान, चौधरी, भंडारी आदि बताया है । ‘मोदी’ की व्युत्पत्ति अरबी के ‘मुदाई’ से बताई गई है जिसका अर्थ होता है विश्वस्त या भंडारी । मोदी के साथ ही मोदीखाना शब्द भी है जिसका अर्थ है फौजी रसद विभाग । ज़ाहिर है मोदी ही फ़ौजी रसद विभाग का प्रमुख यानी भंडारी हुआ । सिख विकी में भी मोदी शब्द का रिश्ता रसद, राशन, किराना से ही जुड़ता है न कि मिठाई या हलवाई से – “Modi Khana is a reference to a provision store or a food supplies store. It is referred to in the Janamsakhis of Guru Nanak when he worked in a food store in Sultanpur while staying in the town where his sister, Nanaki and her husband Bhai Jai Ram lived. ” यही नहीं फारसी-मराठी कोशों में भी मोदी शब्द का उल्लेख है और इसका मूल ‘मुदाई’ बताया गया है ये अलग बात है कि अरबी, फ़ारसी, उर्दू कोशों में मुदाई शब्द नहीं मिलता ।
इसी कड़ी में क़रीब 110 साल पहले पोरबंदर रियासत के गजेटियर में ‘मोदी’ के बारे में लिखी ये पंक्तियाँ ध्यान देने लायक हैं- “In order No. 45* dated 17-8-1901 published in State Gazette Vol. XV regarding the Modi's duty to be present when called to fix the Nirakh of the Modikhana, the word " Modi " includes gheevvalas, fuel sellers, grocers, sweetmeat sellers, butchers &c.( The Porbandar State directory (Volume 2)” गजेटियर यह भी लिखता है कि मोदीखाना के लिए साल में एक बार स्थानीय व्यापारियों में से किसी एक को ठेका दिया जाता था ।
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Friday, August 24, 2012
सपड़-सपड़ सूप
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Monday, August 13, 2012
षड्यन्त्र का पर्दाफ़ाश
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अजित वडनेरकर
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Sunday, August 5, 2012
सेवा का फल नमकीन
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Wednesday, April 11, 2012
बलाए-ताक नहीं, बालाए-ताक सही
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Friday, March 30, 2012
ठठेरा और उड़नतश्तरी
सम्बन्धित आलेख-1.हाथों की कुशलता यानी दक्षता.2.दक्षिणापथ की प्रदक्षिणा.3.टैक्सी की तकनीक, टैक्स की दक्षता.4.बेपेंदी का लोटा और लोटा-परेड.5. भांडाफोड़, भड़ैती और भिनभिनाना.6.बालटी किसकी ? हिन्दी या पुर्तगाली की .7.नांद, गगरी और बटलोई.8 मर्तबान यानी अचार और मिट्टी.9.पहचानिए हिन्दी के दो कमीनों को…
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Thursday, March 29, 2012
हजम, हाजमा और हैजा
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प्रस्तुतकर्ता
अजित वडनेरकर
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Monday, March 19, 2012
खुलासे का खुलासा
... आजकल मीडिया रहस्योद्घाटन के रूप में भी खुलासा शब्द का प्रयोग करता है … “स्टाम्प घोटाले में बड़ा खुलासा” यानी किसी खास तथ्य का सामने आना । मगर आजकल ऐसे शीर्षक पढ़ कर यही लगता है कि खुलासा शब्द सनसनी का पर्याय बन गया है...
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अजित वडनेरकर
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