प्रतिशोध में संतुलन का विकल्प नहीं होने से अक्सर बदले की क्रिया ज्यादा व्यापक और भारी होती है। बदले का यही असंतुलन अदालत मे जाकर न्यायदेवी के तराजू में तौला जाता है।
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प्रस्तुतकर्ता
अजित वडनेरकर
पर
2:54 AM
लेबल:
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16.चंद्रभूषण-
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15.दिनेशराय द्विवेदी-[1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8. 9. 10. 11. 12. 13. 14. 15. 16. 17. 18. 19. 20. 21. 22.]
13.रंजना भाटिया-
12.अभिषेक ओझा-
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11.प्रभाकर पाण्डेय-
10.हर्षवर्धन-
9.अरुण अरोरा-
8.बेजी-
7. अफ़लातून-
6.शिवकुमार मिश्र -
5.मीनाक्षी-
4.काकेश-
3.लावण्या शाह-
1.अनिताकुमार-
मुहावरा अरबी के हौर शब्द से जन्मा है जिसके मायने हैं परस्पर वार्तालाप, संवाद।
लंबी ज़ुबान -इस बार जानते हैं ज़ुबान को जो देखते हैं कितनी लंबी है और कहां-कहा समायी है। ज़बान यूं तो मुँह में ही समायी रहती है मगर जब चलने लगती है तो मुहावरा बन जाती है । ज़बान चलाना के मायने हुए उद्दंडता के साथ बोलना। ज्यादा चलने से ज़बान पर लगाम हट जाती है और बदतमीज़ी समझी जाती है। इसी तरह जब ज़बान लंबी हो जाती है तो भी मुश्किल । ज़बान लंबी होना मुहावरे की मूल फारसी कहन है ज़बान दराज़ करदन यानी लंबी जीभ होना अर्थात उद्दंडतापूर्वक बोलना।
दांत खट्टे करना- किसी को मात देने, पराजित करने के अर्थ में अक्सर इस मुहावरे का प्रयोग होता है। दांत किरकिरे होना में भी यही भाव शामिल है। दांत टूटना या दांत तोड़ना भी निरस्त्र हो जाने के अर्थ में प्रयोग होता है। दांत खट्टे होना या दांत खट्टे होना मुहावरे की मूल फारसी कहन है -दंदां तुर्श करदन
अक्ल गुम होना- हिन्दी में बुद्धि भ्रष्ट होना, या दिमाग काम न करना आदि अर्थों में अक्ल गुम होना मुहावरा खूब चलता है। अक्ल का घास चरने जाना भी दिमाग सही ठिकाने न होने की वजह से होता है। इसे ही अक्ल का ठिकाने न होना भी कहा जाता है। और जब कोई चीज़ ठिकाने न हो तो ठिकाने लगा दी जाती है। जाहिर है ठिकाने लगाने की प्रक्रिया यादगार रहती है। बहरहाल अक्ल गुम होना फारसी मूल का मुहावरा है और अक्ल गुमशुदन के तौर पर इस्तेमाल होता है।
दांतों तले उंगली दबाना - इस मुहावरे का मतलब होता है आश्चर्यचकित होना। डॉ भोलानाथ तिवारी के मुताबिक इस मुहावरे की आमद हिन्दी में फारसी से हुई है फारसी में इसका रूप है- अंगुश्त ब दन्दां ।
6 कमेंट्स:
ओह, शेयर बाजार में जो बदला कारोबार होता है वो इस वजह से नामित है...ज्ञानवर्धन का आभार.
छोटे-छोटे शब्द और शब्द-युग्म अपने पीछे कितना विस्तृत संसार लिए होते हैं और मूल से वर्तमान तक की उनकी यात्रा कितने पडावों से होकर गुजरती है, यह सब आपकी इस पोस्ट (और पूर्ववर्ती ऐसी ही पोस्टों) से मालूम हो पाता है। धन्यवाद।
अजित जी
सुंदर व्याख्या है अदला बदली की.........
आम भाषा में इस्तेमाल होने वाला शब्द इतन व्यापक
धन्यवाद जानkaari के लिए
बहुत विशिष्ट जानकारी मिली .
रामराम.
न्याय में विलंब से तंग आकर फरियादी आपा खोकर कई बार न्यायकर्ता के साथ अशोभनीय व्यवहार के जरिये इसका बदला लेते नजर आते हैं।
बिल्कुल सही.
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आभार
डॉ.चन्द्रकुमार जैन
अदला से बजरिये आदल अदालत तक पहुंचे और आदिल बन गए. बहुत खूब
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