Saturday, June 21, 2008

कैसे कैसे अड्डे और अड्डेबाज !

अट्टा बाज़ार के बहाने कुछ और शब्दविलास

संदर्भः ऊंची अटरिया में ठहाके


ट्ट पर पिछली कड़ी में हुई चर्चा में कई साथियों ने इसके पीछे से झांक रहे नोएडा के अट्टा बाज़ार को देख लिया है। इस सिलसिले में पल्लव बुधकर ने एक बहुत काम की जानकारी दी है कि अट्टा बाज़ार तो अट्टापीर नाम के किसी सूफ़ी के नाम पर मशहूर हुआ है। यहां हमें भी कुछ बातें सूझ रही हैं।

ट्ट से ही बना है हिन्दी के सर्वाधिक प्रयोग होने वाले शब्दों में एक अड्डा । सचमुच अड्डे की महिमा निराली है। अट्ट में निहित ऊंचाई, जमाव, अटना जैसे भाव जैसे सार रूप में अड्डे में समा गए हैं । आज अड्डा शब्द का प्रयोग ज्यादातर इकट्ठा होने की जगह के तौर पर ही किया जाता है चाहे वह बस अड्डा हो या हवाई अड्डा । गुंडों का अड्डा हो या शराबियों नशेड़ियों का । ये अलग बात है कि समाज ने सभी अड्डों को सुविधानुसार
सभ्य बना दिया है मसलन शराबियों का अड्डा बार कहलाता है, पत्रकारों का अड्डा प्रेस क्लब कहलाता है, पतुरियों मनचलों का अड्डा डांसबार कहलाता है तो व्यापारियों का अड्डा सीआईआई या फिक्की जैसे नामों से जाना जाता है। रंगकर्मियों-संस्कृतिकर्मियों और बुद्धिजीवियों के अड्डे अब भारतभवन, जवाहरकला केंद्र, मंडी हाऊस, इंडिया इंटरनेशनल सेंटर आदि कहलाते हैं और इन तमाम क्षेत्रों के लोगों का सर्वाधिक सम्मानित अड्डा दिल्ली में है जहां वे कभी पांच तो कभी छह साल के लिए जम जाते हैं और वहां के स्थायी सदस्य कहलाते हैं। अड्डे से ही बना है अड्डेबाज और वहां अड्डे का शगल कहलाता है अड्डेबाजी । इसी तरह सूफ़ी-फ़कीरों के डेरे भी अड्डा ही कहलाते थे।

बेशक अट्टा शब्द का मतलब बाज़ार ही होता है । नोएडा के अट्टा बाज़ार में जब हम घूमे तो यही व्युत्पत्ति दिमाग़ में आई थी । आप्टे कोश में भी अट्ट का अर्थ बाज़ार या मंडी ही है। मज़ेदार बात यह कि बाज़ार के लिए हिन्दी में कहीं ज्यादा प्रचलित शब्द है हाट और वह भी इसी अट्ट की देन है। सवाल यह है कि नोएडा के अट्टापीर का नामकरण अट्ट वाले हाट से हुआ है या अट्ट वाले अड्डे से हुआ है। संभव है किसी वक्त वहां सचमुच सूफी का डेरा रहा हो और श्रद्धालुओं के आने जाने के लिए इक्के तांगे वाले वहां अपना अड्डा लगाने लगे हों । दूर गांव से आनेवाले लोगों के लिए वह जगह अड्डापीर या अड्डेवाले पीर का स्थान के रूप में पहचानी जाने लगी हो।

हालांकि संस्कृत में अट्ट की तर्ज पर हट्टः शब्द भी है जो बाज़ार, मेला , मंडी के अर्थ में ही है। बाज़ार से चीज़े उठाने वाले को उठाईगीर या उठाईगीरा बोलते हैं इसी तरह प्राचीनकाल में भी चोरों के वर्गीकरण के तहत बाज़ार से सामान चुरानेवाले के लिए हट्टचौरकः शब्द है। प्राचीनकाल में (और आज भी कहीं कहीं) नगर के समृद्ध बाज़ार में ही कोठे भी होते थे जहां मुजरे से लेकर देह व्यापार तक होता था। अट्ट के मेले वाले अर्थ पर गौर करें तो दूर गांव और परदेस के मुसाफिर जहां खरीदारी करते थे वहीं रंगीले रतन, मनचले और दिलफेंक तवायफों के डेरों पर भी पसरने के लिए पहुंच जाते थे । जाहिर है कारोबार की जगह पर ही दीगर व्यापार की राह भी खुलती है। आप्टेकोश में हट्टविलासिनी शब्द भी मिलता है जिसका मतलब होता है वारांगना, वेश्या या तवायफ़ जो बाज़ार में बैठकर ठाठ से कमाती है। हाट में दुकानदारी करनेवाला हटवार कहलाता है। अब हाट में तो सामान अटा ही रहता है सो अटना, अटकना , अटकाना जैसी बातें आम हैं । ये शब्द इसी मूल से जन्मे हैं। इसी तरह अड़ना अड़ाना जैसे रूप भी सामने आए।

ट्टः या अट्ट से बने हाट के भी कुछ रूप हैं जैसे पंजाबी में हट्टी का मतलब दुकान होता है। मशहूर मसालेवाले जो अब बड़े कार्पोरेट हो गए हैं – एमडीएच, वो दरअसल महाशियां दी हट्टी है अर्थात् महाशय जी की दुकान । कई गांवों शहरों के नाम भी बाज़ारों की जमावट या व्यापार केंद्र के रूप में इस शब्द की वजह से बन गए जैसे गौहाटी जो गुवाहाटी भी कहलाता है। हाट पीपल्या या अटारी । गुवाहाटी नामकरण के पीछे गूवा यानी सुपारी और हाटी यानी हाट या बाज़ार है। गौरतलब है कि असम में सुपारी की पैदावार होती है।


[दिल्ली गाजियाबाद नोएडावालों से अनुरोध है कि अट्टापीर के बारे में प्रामाणिक जानकारी हो तो ज़रूर भेजें या अपने ब्लाग पर छापें। ]
आपकी चिट्ठियां अगली कड़ी के साथ। कुछ ज़रूरी बातें भी करनी हैं आपसे।

15 कमेंट्स:

अनामदास said...

बहुत सुंदर और सही. अट्टालिका और अट्टाहास जैसे शब्दों में ऊँची इमारत और ऊँची हँसी का आभास है.

Gyan Dutt Pandey said...

अट्टालिका>अट्टा>अड्डा>खड्डा
यही रूट बनेगा अन्तत: - आखिर सब गर्त में जाना ही है!:)

Rajesh Roshan said...

बड़े दिनों बाद कमेन्ट कर रहा हू क्योंकि कुछ लोगो को पढ़कर बस यही कहने का मन होता है... बेहतरीन. उनमे से एक आप हैं. पिछली पोस्ट अट्टालिका को जानना और उसके बाद अट्टा पीर के बारे में ये जानकारिया अच्छी लगी. आपकी हर पोस्ट पढता हू. भले कमेन्ट करू या न करू.
You are simply superb.

Udan Tashtari said...

वहीं नोयडा में अट्टा बाजार है...इसी में कनेक्ट होगा दीखे है.

Dr. Chandra Kumar Jain said...

बेहद प्रभावशाली और
शोधपरक मोड़ दिया है
आपने कल की चर्चा को.
अड्डे के प्रकारों का विवरण
भी बहुत रोचक है.
--------------------------
गुवाहाटी का यह अर्थ तो
आज ही समझ में आया.
--------------------------
अजित जी ! ये सफ़र भी
ब्लागर्स का 'अड्डा' बन गया है.
देखिये न, मैं स्वयं
इस अड्डे में आए बगैर
न हट पता हूँ, न हाट जा पता हूँ.
--------------------------
सच, कितना हट कर और डट कर
जानकारी से अटा हुआ बना देते हैं
आप हर पड़ाव को !
शुभकामनाएँ
डा.चन्द्रकुमार जैन

Dr. Chandra Kumar Jain said...

मुझे पता है की ऊपर मेरी
टिप्पणी में 'पता' को 'पाता' ही
पढ़ा जाएगा.....फिर भी....शुक्रिया.
=============================
डा.चन्द्रकुमार जैन

Arun Arora said...

और ये हमारा शब्द अड्डा है जी :)

Sajeev said...

सही है कोई न कोई अड्डा तो चाहिए होता है रंग ज़माने के लिए, वैसे जब ब्लॉग्गिंग का अड्डा जम जाए तो बाकि सब अभासिये लगते हैं, यहाँ कैनवास बहुत बड़ा जो है :)

कुश said...

पांडे जी के समीकरण से सहमत

संजय शर्मा said...

नॉएडा में अट्टा पीर अड्डा पीर ही माना जाय .क्योंकि १९८० तक यह जगह [अट्टा पीर } बेहद सुनसान था , वहां बाज़ार नही केवल एक मजार था जो आजतक अट्टा [ सेक्टर १८ ] के बीच चौराहे पर मौजूद है .कहा जा सकता है मजार के पास बाज़ार खड़ा कर दिया गया .बाज़ार में मजार नही था , अब है . जो आपके दोनों अर्थ [बाज़ार + अड्डा ] सही साबित कर रहा है .
अट्टा पीर मजार से जिले के तीस-बतीस गाँव में से किसी एक गाँव की दुरी दो तीन किलोमीटर से कम नही है . स्वाभाविक है इसे अड्डा कहा गया हो .

डॉ .अनुराग said...

अड्डे टीन के झोपडे भी हो सकते है या पान के खोखो के पीछे की बेंच .....या चाय की लारिया..

Ashok Pandey said...

शब्‍दों की व्‍युत्‍पत्ति और उनके विकास के बारे में बहुत ही रोचक अंदाज में जानकारी दे रहे हैं। अपने नाम को सार्थक कर रहा है आपका चिट्ठा। जानकारी मनोरंजन के साथ दी जाये तो उसकी पठनीयता बढ़ जाती है।

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

अजित भाई
शुक्रिया इन जानकारियोँ के लिये --
"बकलमखुद" और "शब्दोँ का सफर" सँग्रहणीय ब्लोग बनते जा रहे हैँ !

Anonymous said...

काशिका में शब्द है 'अड़ी' ।

डा. अमर कुमार said...

वाकई, बहुत मेहनत करते हैं आप !
शुभकामनायें !

नीचे दिया गया बक्सा प्रयोग करें हिन्दी में टाइप करने के लिए

Post a Comment


Blog Widget by LinkWithin