ये सफर आपको कैसा लगा ? पसंद आया हो तो यहां क्लिक करें |
Friday, August 27, 2010
मसख़रे की मसख़री सिर माथे
आ मतौर पर हंसोड़ और परिहासप्रिय व्यक्ति को समाज में पसंद किया जाता है। ये लोग चूंकि सामान्यत: हर बात में हंसी-ठट्ठे का मौका तलाश लेते हैं इसलिए ऐसे लोगों को अक्सर विदूषक या मसखरा की उपाधि भी मिल जाती है। हालांकि ये दोनों ही शब्द कलाजगत से संबंधित हैं और नाटक आदि में ठिठोलीबाजी और अनोखी वेषभूषा, बातचीत, हावभाव,मुखमुद्रा आदि से परिहास उत्पन्न कर दर्शकों के उल्लास में वृद्धि करनेवाले कलाकार को ही मसखरा या विदूषक कहा जाता है। हिन्दी में मसखरा शब्द अरबी के मस्खर: से बरास्ता फारसी उर्दू होते हुए आया। में अरबी में भी मस्खर: शब्द का निर्माण मूल अरबी लफ्ज मस्ख से हुआ जिसका मतलब है एक किस्म की खराबी जिससे अच्छी भली सूरत का बिगड़ जाना या विकृत हो जाना। यह तो हुई मूल अर्थ की बात । मगर यदि इससे बने मसखरा शब्द की शख्सियत पर जाएं तो अजीबोगरीब अंदाज में रंगों से पुते चेहरे और निराले नैन नक्शों वाले विदूषक की याद आ जाती है। हिन्दी के मसखरा शब्द का अरबी रूप है मस्खरः जिसके मायने हैं हँसोड़, हँसी-ठट्ठे वाला, भांड, विदूषक या नक्काल वगैरह। जाहिर है लोगों को हंसाने के लिए मसखरा अपनी अच्छी-भली शक्ल को बिगाड़ लेता है। मस्ख का यही मतलब मसखरा शब्द को नया अर्थ देता है।
इसी नए अर्थ के साथ अरब के सौदागरों के साथ यह शब्द स्पेन और इटली में मैस्खेरा बन कर पहुंचता है जहां इसका मतलब हो जाता है मुखौटा या नकाब। अरब से ही यह यूरोप की दीगर जबानों में भी शामिल हो गया और इटालियन में मैस्ख और लैटिन में मैस्का बना । फ्रैंच में मास्करैर कहलाया जहां इसका मतलब था चेहरे को काला रंगना। अंग्रेजी में इसका रूप हुआ मास्क यानी मुखौटा। मध्यकाल में मसखरा शब्द ने मेकअप और कास्मैटिक की दुनिया में प्रवेश पाया और इसका रूपांतर मस्कारा mascara में हो गया जिसके तहत मेकअप करते समय महिलाएं काले रंग के आईलाईनर से अपनी भौहों और पलकों को नुकीला और गहरा बनाती हैं। आवारगी, बेचारगी, दीवानगी की तर्ज पर मस्खरः में ‘अगी’ प्रत्यय लगने से अरब,फारसी में बनता है मस्खरगी यानी मसख़रापन या ठिठोलेबाजी। मगर इसके विपरीत इसमें ‘शुदा’ प्रत्यय लगने से बन जाता है विकृत, रूपांतरित आदि।
हालांकि सेमेटिक भाषा परिवार की होने के बावजूद अरबी ज़बान में मस्ख की मौजूदगी मूलभूत नहीं जान पड़ती। संस्कृत में एक धातु है मस् जिसका मतलब है रूप बदलना, पैमाइश करना। इसके अतिरिक्त इसमें ऊपर का या ऊपरी जैसे भाव भी हैं। याद रहे मस्तक शरीर का सबसे ऊपरी हिस्सा या अंग है। इसी ऊपरी अंग पर ही मुखौटा भी लगाया जाता है जो मसखरे की खास पहचान है। इससे बना है मसनम् जिसका मतलब है एक प्रकार की बूटी (चेहरे पर लेपन के लिए )। हिन्दी-संस्कृत के मस्तक या मस्तकः या मस्तम् ( सिर, खोपड़ी ) शब्द के मूल में भी यही मस् धातु है। गौर करें कि मस्ख से बने मास्क को मस्तक पर ही लगाया जाता है। मस्तिष्क यानी दिमाग़ का मस्तक से क्या रिश्ता है बताने की ज़रूरत नहीं, ज़ाहिर है इसके मूल में भी यही धातु है। माथा, मत्था जैसे देशज शब्द भी इसी की उपज हैं। मस् धातु में निहित रूप बदलने के अर्थ से ही खुलता है एक और शब्द का जन्मसूत्र।
संस्कृत में सियाही के लिए मसि शब्द प्रचलित है। इसका हिन्दी में भी इस्तेमाल होता है। कबीर का मसि-कागद छुए बिना विशाल साहित्य रच देना सबको चमत्कृत करता है। यह मसि भी मस् की देन है। गौर करें मसिलेखन किसी भी सतह पर ही होता है। मसि अपने आप में एक रंग है और प्रकारांतर से लेपन ही। चेहरे को विविध रंगों से रंगना बहुरूपियों का शगल होता है। चेहरा बिगाड़ने के लिए सियाही भी पोती जाती है। जलपोत का सबसे ऊंचे सिरे को मस्तूल कहते हैं जिस पर ध्वज लहराता है और जो हवा बहने की दिशा भी बताता है। मस्तूल mastool अरबी का शब्द है। अंग्रेजी में इसे मास्ट कहते हैं। अखबारों के ऊपरी सिरे पर जिस पट्टी में अखबार का नाम लिखा होता है, उसे भी मास्ट हैड कहते हैं। सड़कों के किनारे बिजली के खम्भे अब हाईमास्ट high mastमें बदल गए हैं। मास्ट शब्द भी भारोपीय मूल का है और इसकी रिश्तेदारी मस् धातु में निहित ऊपरी शब्द से है। भाषा विज्ञानियों नें प्रोटो इंडो-यूरोपीय भाषा परिवार में एक धातु mazdos खोजी है जिसका अर्थ है ऊंचा डण्डा। एटिमऑनलाईन के मुताबिक पोस्ट जर्मनिक में इससे mastaz शब्द बनता है जिसका अंग्रेजी रूपांतर mast हुआ। -संशोधित पुनर्प्रस्तुति
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
12 कमेंट्स:
अच्छी जानकारी..आभार.
मस् से मस्खरा, मस्तिष्क और मस्करा भी कहां की ईंट और रोडे से शब्दों का कुनबा बन गया । रोचक शब्द यात्रा ।
अजित भाई,तुसी ग्रेट हो! क्या जानकारी मिलती है आपके यहां आकर! वाह!
शब्दों का सफर भी मसि-कागद छुए बिना ही होता है।
मस्कारा पर रिस्क तो नहीं ले लिया आपने :)
बड़ी ज्ञानवर्धक पोस्ट है !
शब्दों का 'मास्क' पहन के चेहरा छुपा लिया,
लिखना न सीख पाए तो नुस्ख़ा चुरा लिया,
अब 'मस्खरा' भी कह लो तो परवाह नही हमें,
इलज़ाम हमने आपका 'सर पर' उठा लिया!
बिल्कुल नये रंग हो जाते हैं, शब्दों के यहाँ आकर।
लाजवाब विवेचना...
मसखरा कहीं मस्तिष्क से भी सम्बंधित होगा....आश्चर्यजनक लगा...
बहुत दलेरी का काम किया है आपने, कुछ सोचना पड़ेगा आन लाइन कोष अंग्रेज़ी mask की तीन संभावनाएँ बता रहा है, १.अरबी मसखरा से,२ पुरानी फ्रांसीसी mascurer से और ३ किसी जर्मैनिक श्रोत से जो अंग्रजी mesh का सुजाति है. आपने अरबी मसख को संस्कृत मस् से जोड़ा है , आपके पास सबूत होंगे.
आपने मश्करा या मशकरी शब्द नहीं लिए. शायद यह पंजाबी में ही ज़्यादातर इस्तेमाल होते होंगे. मशकरी का मतलब मखौल, मज़ाक, छेड़खानी है, खास तौर पर लडकियों की. पंजाबी में एक शब्द है, मां-मश्करा, अर्थात जो लड़का आपनी मां को हो लडकियों जैसे मज़ाक करे.
दिलेरी की बात नहीं समझा बलजीत भाई।
मैने सेमेटिक मस्ख के प्रभाव की संभावना जताई है। शब्द व्युत्पत्ति तलाशते हुए हमेशा कोई ठोस प्रमाण हो यह ज़रूरी नहीं। ध्वनि साम्य और अर्थ साम्य के अलावा परिवेशी समानता के आधार पर बात होती है। तमाम भारोपीय धातुएं इन्हीं आधारों पर गढ़ी गई हैं इससे आप भी परिचित होंगे। अलबत्ता वाक्य कुछ बदल कर लिखना था। असावधानीवश उसे ठीक नहीं कर सका। कुछ यूं-
... सेमिटिक धातु मस्ख और संस्कृत के मस् में निश्चित ही एक तार्किक रिश्तेदारी नज़र आती है....
हसी जीवन की समस्याओ को भुलाने के सबसे अच्छा तरीका है ..........
http://oshotheone.blogspot.com/
मुझे महाराष्ट्र का " मस्कर्या गणपति " याद आ गया । यह शब्द भी इसी तरह आया है ।
Post a Comment