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Thursday, November 4, 2010
तालियां, जोरदार तालियां-दीपावली की शुभकामनाएं
[शब्दों का सफ़र के पाठकों के लिए दीवाली की यह बधाई भेजी है वरिष्ठ पत्रकार-लेखक विजय मनोहर तिवारी ने। पुस्तक चर्चा स्तम्भ के जरिए सफ़र के साथी उनसे परिचित हैं। इस बधाई में जिन नामों से पाठक अपरिचित हैं, उनके चरित्र के बारे में गूगल पर जानकारियां उपलब्ध हैं।]
नेता मसरूफ हैं। अफसरों को भी सांस लेने की फुरसत नहीं। सरकारी नौकर-चाकर भी दिन-रात लगे हैं। देश बड़ा है। सेवा आसान नहीं। सब मिलकर कर रहे हैं। देश की सेवा। जनता देश में ही रहती है। इसलिए जनता की सेवा भी हो जाती है। सब साहब लोग त्योहार के वक्त भारी व्यस्त हैं। दीपावली पर शुभकामना संदेश और तोहफे मेरे पास रखकर भूल गए। चलिए, मैं ही सबको दिए देता हूं। तालियां बजाते जाएं। हौसला बना रहेगा...
पहली शुभकामना दूर-देहात के बच्चों को। वे बच्चे जो सचिन और सानिया जैसे बनना चाहते हैं। दम है इसलिए ख्वाहिश है। पर हालत की पूछिए मत और हालात जाकर देखिए। न मैदान, न कोच। न सडक़, न बिजली। कोई बात नहीं। रात के बाद सुबह होती है। सपने देखो। बड़े सपने। वी केन डू एवरीथिंग। पता है ये किसकी शुभकामना है? माननीय सुरेश कलमाड़ी की। तालियां...
और वो कारगिल वाले पीछे क्यों हैं? लीजिए ये गुलदस्ता। मुबारक हो। अरे, आंखों में आंसू? कोई याद आ गया। तो रोइए मत, सिर ऊंचा करिए। वे देश के लिए शहीद हुए। हमें उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। वो बहादुर थे। हमें आप पर गर्व है। ये लीजिए ताजे फूलों का गुलदस्ता। अब पूछिए ये किसने भेजा? नहीं मालूम? मुंबई से अशोक चव्हाण ने। महाराष्ट्र के महामुख्यमंत्री हैं वे। तालियां...
वो पीछे डरे-सहमे कौन खड़े हैं? अच्छा-अच्छा, कश्मीरी पंडित हैं। आगे आओ भाई। आप ये दीए ले लो। जलाओ इन्हें। सुना है दीपावली में दीप भी है और अली भी? यह गंगा-जमुनी संस्कृति बेमिसाल है? दीप और अली। मुबारक हो। जलाओ न दीप। जानते हो इतनी मोहब्बत से ये दीप-बत्ती कौन भेज रहा है? ये श्रीनगर से गिलानी साहब ने दिल से भेजी है। जोरदार तालियां...
दानिशमंदों से गुजारिश है कि वे आतिशबाजी लेने आगे आएं। हैप्पी दिवाली। आपको कहने की पूरी आजादी है। अरे भई हक है आपका। हां-हां कहिए। कुछ भी कहिए। कह दीजिए कि नार्थ-ईस्ट पर इंडिया का कोई हक नहीं। आतिशबाजी लीजिए। कुछ कह भी दीजिए और इसका मजा लीजिए। ले भी लीजिए। बड़े जतन से भेजी हैं मोहतरमा अरुंधति राय ने। तालियां...
अब संघ वाले पथ संचलन करें। फूलों के वंदनवार आपके लिए। दीपपर्व पर शुभकामनाएं। मायूस हैं आप? अच्छा इंद्रेशजी। गनीमत समझो। अभी चंद्रेशजी, नंद्रेशजी, गिरजेशजी, अवधेशजी के नाम नहीं जुड़े। हमें क्या जोडऩा ही तो है। भटकते रहिए अदालत में आप। अदालत में हमारी आस्था है। यहां मामले जरा लंबे ही चलते हैं। ये स्पष्ट संदेश है चिदंबरम् साहब की जानिब से। तालियां...
कौन गांव के गरीब। आगे आ जाओ। रास्तो दो इन्हें। हमारे अन्नदाता हैं ये। इन्हेंं साहब ने मिठाइयां भेजी हैं। मेमसाब ने खुद बनाई हैं। लीजिए। मुबारक हो। भैया साब-मेमसाब के लिए दुआएं करना। भगवान से प्रार्थना करें कि वे मुसीबतों से निजात पाएं। अरे उन्हें नहीं जानते? सुनो तो सही, ये डिब्बे आए हैं भोपाल के श्रीमान् अरविंद जोशी और श्रीमती टीनू जोशी के बंगले से। तालियां...
क्या पांडाल में लाचार मरीज भी हैं। आओ, आओ। आराम से आगे आ जाओ। आपको हुजूर ने दवाएं भेजी हैं। पार्टनर की फैक्टरी की ही बनी हैं। आपकी सेहत उम्दा हो जाएगी। पांच नई स्कीमें आ रही हैं सेंट्रल से। ये लीजिए भारी पैकेट है। घर भर के लिए दवाएं। दीवाली मुबारक। पैकेट पर तो पढि़ए डॉक्टर योगीराज शर्मा का नाम लिखा है। भूल गए क्या? जोरदार तालियां...
आखिरी बधाई भोपाल के गैस पीडि़तों को। एक लिफाफा है। शायद ग्रीटिंग है। अरे वाह। क्या लिखा है कसम से। आप खुशनसीब हैं, जो भारत में जन्में। एक प्राचीन सभ्यता, एक महान् देश। वीरों और महावीरों की भूमि। तीज-त्योहारों के देश में हे मनुष्य, आपको नमन् है। क्या भाषा है। मोतियों से अलफाज। पर भेजा किसने है? न्यूयार्क से? अच्छा वॉरेन मार्टिन एंडरसन साहब हैं। तालियां...
अरे ये ढेर तो बहुत बड़ा है। देखिए, इतनी व्यस्तता के बाद भी सज्जनों ने शुभकामनाएं भेजी हैं। बाकायदा लैटरहेड पर। कई तो राजकीय चिन्ह वाले लिफाफों में। इन्हें फाइलों में रखना। पहले किसी ने भेजे थे? पीढिय़ां याद रखेंगी। गर्व करेंगी। अपने पूर्वजों पर। महान् पूर्वज। ऐसे पूर्वज जिन्हें बड़े-बड़े लोग शुभकामनाएं भेजा करते थे। बधाई। एक बार फिर जोरदार तालियां...
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10 कमेंट्स:
सब बजा ही रहे हैं....
सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
-समीर लाल 'समीर'
मेरी ओर से और आपके माध्यम से, सभी को शुभ कामनायें।
शुभकामनाएं अजित भाई !
अब तालियाँ तो बजानी ही पडेंगी । आपको व आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें।
इतनी सारी तालियों के दरम्यान दीपों की लौ महफूज़ रहे !
शुभकामनाएं !
अल्टीमेट, एकदम मारक.
शुभकामनाएं.
बहुत अच्छा रहा यह शब्दों का सफ़र ...दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
दीवाली की फुलझड़ियों के बीच होली की फुहारों का भी अहसास हो गया। बेशक धांसू पटाखें है आपके, विजय भाई।
दीपावली की सभी को शुभकामनाएं।
दीपावली के इस शुभ बेला में माता महालक्ष्मी आप पर कृपा करें और आपके सुख-समृद्धि-धन-धान्य-मान-सम्मान में वृद्धि प्रदान करें!
और हम सब अपने लिये कब तालियां बज़ायेंगे, हमारा भी तो कुछ दोष, कमियां होंगी, उसका क्या हुज़ूर....भूल गये..
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