पहले बात मश्वरा की। मश्वरा हिन्दी में फारसी से आया मगर यह है सेमिटिक मूल का शब्द और फारसी में इसकी आमद अरबी से हुई। मश्वरा बना है अरबी के ही शूरा से जिसका अर्थ है परामर्श अथवा ऐसी परिषद जहां सम्मति मिलती हो। शूरा का इस्लामी जगत में बहुत महत्व है पर इस शब्द का इतिहास इस्लामी व्यवस्था से भी हजारों साल पुराना पुराना है। शूरा शब्द में जिस परिषद, उच्चाधिकार प्राप्त समिति का भाव है, उसके मूल में साढ़े चार हजार साल पुरानी पश्चिम एशिया की अक्कादी सभ्यता (प्रकारांतर से सुमेरियाई) है। प्राचीन संस्कृतियों में प्रकृति, पशुपालन और आश्रय से जुड़ी शब्दावली की अर्थवत्ता लगातार विकसित होती रही है जिसके जरिये भाषाएं समृद्ध हुईं। अक्काद भाषा के शुव्वुरू shuwwuru का ही एक रूपांतर है शूरा। अरबी में इसकी धातु है श-व-र ( sh-w-r ) जिसमें चहारदीवारी के भीतर, बंद, घिरा हुआ, सुरक्षित, गुप्त जैसे भाव हैं। इसी के साथ इसमें सार, उद्धरण, निष्कर्ष अथवा निर्णय जैसे भाव भी हैं। इस धातु का रिश्ता मधुमक्खी के छत्ते से भी जुड़ता है। गौरतलब है कि समाज से जुड़े विभिन्न मामलों पर उच्चाधिकार प्राप्त लोगों के समूह परामर्श के अर्थ मे हिन्दी में जो सलाह salah शब्द प्रचलित है उसके मूल में अरबी का सुल्ह sulh शब्द है जिसमें मेल-मिलाप, सामंजस्य जैसे भाव है।
द्वारा एकांत में फैसले लिए जाते हैं। श-व-र धातु में गुप्त मतदान का भाव भी है। गौर करें किसी मुद्दे पर विभिन्न लोगों की राय जानने के लिए वोटिंग का तरीका भी अत्यंत प्राचीन है जिसमें एक सीलबंद डब्बे अर्थात मतपेटी में लोग अपनी राय एक पर्चे पर लिख कर डालते हैं। कालांतर में घिरे हुए स्थान के लिए प्रचलित अक्कादी शब्द शुव्वरू ने विशिष्ट लोगों के समूह के अर्थ मे शूरा का अर्थ ग्रहण किया। पंचायत, परिषद, संसद या समिति जैसे भाव इसमें निहित हुए। कई इस्लामी देशों की संसद या लोकतांत्रिक व्यवस्था शूरा कहलाती है जैसे मजलिस ऐ शूरा जो पाकिस्तानी संसद का नाम है। अक्कादी मूल के शुव्वुरू shuwwuru से ही अरबी का al-mishwara बना है जिसका अर्थ है छत्ता या मधुमक्खी का छत्ता। इसी तरह अरबी में शहद के लिए अल-शव्वार al-shawwar शब्द है। ध्यान रहे, मधुमक्खियों की सामाजिक संरचना पर वैज्ञानिक अरसे से काम कर रहे हैं। मानव समाज के कर्म प्रधान ढांचे की तरह ही इन कीटों का भी महत्वपूर्ण सामाजिक आधार है। मधुमक्खी के छत्तों में रानी मधुमक्खी का एक विशाल कक्ष होता है और उसके इर्दगिर्द बहुत नन्हें कोश होते हैं जिनमें शहद भरा जाता है। इन प्रकोष्ठों में घिरे हुए स्थान का भाव है। मधुमक्खी के छत्तों से शहद प्राप्ति की क्रिया को मजलिस ए शूरा majlis e shoora से प्राप्त निष्कर्ष से तौल कर देखें। शहद को क्या कहेंगे? शहद फूलों के रस का सार है। इसी कड़ी में आते हैं मश्वरा, मशावरात जैसे शब्द जिनमें परामर्श, राय या सुझाव जैसे भाव हैं। जहां मश्वरा किया जाता है वह जगह मश्वुरतखाना कहलाती है। अरबी, फारसी या उर्दू में व्यक्तिनाम के तौर पर मुशीर शब्द भी प्रचलित है जिसका अर्थ है परामर्शदाता, वकील, सलाहकार,पार्षद, मंत्री या मित्र। हिन्दी-उर्दू में प्रचलित मश्वरा शब्द का शुद्ध रूप मश्वुरः है।
अब सलाह की बात। यह शब्द भी परामर्श, राय, सम्मति आदि अर्थों में हिन्दी में प्रयुक्त होता है। सेमिटिक मूल के इस शब्द की सेमिटिक धातु है स-ल-ह (ss-l-hh) जिसमें साधुता, पवित्रता, पुण्य, ईमानदारी, न्याय, नैतिकता, धर्म जैसे भाव हैं। अरबी में इससे ही बना सलाहा ssalahha जिसमें यह सारे अर्थ समाहित हैं। फारसी में इससे बने सालेह शब्द का अर्थ है न्यायप्रिय अथवा धार्मिक। योग्यता, सामर्थ्य, शक्ति, प्रभावी आदि अर्थों में सलाहियत शब्द भी इसी मूल से जन्मा है और इसका प्रयोग हिन्दी में भी होता है। उर्दू में इसी मूल से बने मस्लहत शब्द का इस्तेमाल भी शांति, लाभ, फायदा, सुझाव, परामर्श आदि के अर्थ में होता है। मस्लआ भी इसी कड़ी मे आता है जिसके मायने हैं पदार्थ, घटक, सामग्री या तत्व आदि। परामर्श के अर्थ मे हिन्दी में जो सलाह salah शब्द प्रचलित है उसके मूल में अरबी का सुल्ह sulh शब्द है जिसमें मेल-मिलाप, सामंजस्य, मैत्री जैसे भाव है। गौरतलब है सुल्ह की भावना सलाहा से ही आती है अर्थात दुनियादारी के मामलों में अगर पुण्य, नैतिकता और ईमानदारी का दृष्टिकोण रखा जाए तो उससे मस्लहत अर्थात कल्याण, शांति जैसे तत्व उत्पन्न होते हैं जो लाभकारी हैं। शांतिकाल में ही समाज में सामंजस्य और मेल-मिलाप की भावना पनपती है। हिन्दी में सुलह का रूढ़ अर्थ समझौता अथवा मिलाप है। सलाह का अर्थ भी बेहतर, अच्छा और कल्याणकारी परामर्श ही है। हिन्दी में सुलह-सफाई जैसा मुहावरा भी प्रचलित है जिसमें बिगड़ी बात संभालने, मामला सुलझाने का भाव है। इस्लाम की सूफी धारा का एक खास शब्द है सुलह ऐ कुल अर्थात सर्वधर्म समभाव। मुगल बादशाह अकबर ने अपने प्रसिद्ध मगर अप्रचलित धर्म दीन ऐ इलाही को सुलहकुल ही कहा था। सलाह का एक रूप इस्लाह भी है। सलाह का मराठीकरण सल्ला के रूप में हुआ है। सलाह शब्द का मुहावरेदार इस्तेमाल भी होता है जैसे सलाह देना, मुफ्त की सलाह, सलाहदारी आदि। सलाह के साथ हिन्दी प्रत्यय कार लगा कर परामर्शदाता की तर्ज पर बना सलाहकार शब्द भी खूब प्रचलित है।
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9 कमेंट्स:
धन्यवाद इस ज्ञान के लिए हमेशा की तरह.
सलाह - वाञ्छित या नहीं । उद्गम पवित्र ।
हम तो इन दोनों शब्दों के बहुत शुक्रगुजार हैं।
बढ़िया है पोस्ट.
हिंसा और युद्धोन्माद से जूझती मानवता के लिए शांति के कपोत सी ...एक आशा ...सुलह सफाई !
सामयिक प्रविष्टि ! ज्ञानवर्धक प्रविष्टि !
बंद कमरों के मशवरो के स्वरूप,
फैसले जो हुए अमल करना,
शहद पर हक है हुक्मरानों का,
जो बचे उसपे ही बसर करना.
..........और भी....http://aatm-manthan.com पर...
आपका मशवरा आगे बढ़ाने की कोशिश की है.
# दिनेशराय जी के तो दिल-ओ-जान है ये शब्द.
हमने दाउदी बोहरा समाज के एक व्यक्ति का नाम सालेह सुना था जिसके माने अब पता चला.
हर बार कुछ अलग ही होता है। और अद्बुत भी जी।
सन्धय: का हिंदी अनुवाद
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