Monday, January 9, 2012

येड़ा… बेंडा…एड्डु…इड्डु

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मुम्बइया ज़बान से हिन्दी में चल पड़े चुनींदा शब्दों में धीरे धीरे ‘येड़ा’ शब्द की व्याप्ति भी होती जा रही है। गौरतलब है कि मुम्बइया ज़बान से आम भारतीय का परिचय बॉलीवुड फिल्मों के जरिये ही हुआ है। कई लोग मुम्बइया को दक्खनी हिन्दी से जोड़ते हैं, लेकिन दोनों में पर्याप्त फ़र्क़ है। मुम्बइया ज़बान के ज्यादातर वे शब्द ही बरास्ता बॉलीवुड फिल्म, हिन्दी में आते हैं, जिन्हें इन फिल्मों में अण्डरवर्ल्ड के लोग बोलते हैं। हिन्दी में दरअसल जो येड़ा सुनाई पड़ता है, वह मराठी में येडा है। गौरतलब है कि मराठी वर्णमाला भी देवनागरी की ही है, पर इसमें कुछ चिह्नों और वर्तनी में अन्तर है। मराठी में ‘ड’ के नीचे बिन्दी लगाकर ‘ड़’ नहीं बनाते, अलबत्ता चलन के आधार पर ‘ड़’ का उच्चार ज़रूर होता है। ठीक वैसे ही, जैसे हिन्दी मे नुक़ता नहीं लगाते, मगर अभ्यस्त लोग “जरूर” को भी “ज़रूर” ही पढ़ते-बोलते हैं।
येड़ा शब्द यूँ तो समूचे महाराष्ट्र की मराठी में व्याप्त है, मगर ‘येड़ा’ शब्द बोली भाषा का है। ‘येड़ा’ का शुद्ध रूप है वेडा जो बना है वेड क्रिया से जिसका अर्थ है मूर्खता, बेवकूफ़ी, आड़ा-बाँका, विचित्र, टेढ़ा-तिरछा, बावला आदि। संस्कृत के वैधेय से जिसके दो अर्थ हैं। पहला है- विधिसंगत अर्थात नियमानुकूल दूसरा है मूढ़, निर्बुद्धि, बुद्धू, मूर्ख आदि। वैधेय बना है विधि से जिसका अर्थ रीति, नियम, कानून, प्रकार, तरीका, कर्ता, ईश्वर, बुद्धि, बिंधना, नियति, भाग्य, साधन आदि होता है। कृपा कुलकर्णी के कोश के मुताबिक ‘वैधेय’ से वेडा बनने का क्रम कुछ यूँ रहा है- वैधेय > वेढेअ > वेड्ढ> वेढ > वेड इस तरह वैधेय से ‘वेड’ क्रिया बनी जिसमें मूल भाव विचित्र रंगढंग वाला था जिसमें आगे चल कर मूर्खता भाव रूढ़ हो गया। वेड का ही संज्ञा रूप वेडा हुआ जिसका अर्थ हुआ मूर्ख। देशी बोलियों में इसका उच्चारण येड़ा होता है। वेड़ा के साथ वाकड़ा का समास “वेड़ा-वाकड़” बनता है। उसी अर्थ में वैसे हिन्दी का “आड़ा-बाँका” होता है।
वेडा की तुलना मालवी, बुन्देली के ‘बेंडा’ शब्द से करें। साथ ही हिन्दी में प्रचलित ‘ऐंडा-बेंडा’ जैसे शब्दों पर भी विचार करें। मालवी में ऐँडा-बेंडा का प्रयोग विचित्र, अजीब, मूर्खतापूर्ण जैसे अर्थों में होता है। बेंडा का अर्थ होता है मूर्ख, पागल। जॉन प्लैट्स के कोश में ‘बेंडा’ की व्युत्पत्ति व्यत्यस्तः से बताई गई है जो मुझे बहुत दुरूह नज़र आ रही है। मराठी वेड़ा की तुलना मालवी ‘बेंडा’ से कर के देखें। मुझे इसमें साम्य नज़र आ रहा है। हिन्दी की बोलियों में प्रचलित बेंडा शब्द के मूल में भी वैधेय है, ऐसा मुझे लगता है। वैधेय की व्याप्ति कन्नड़ के ‘एड्डु’, ‘इड्डु’ में भी हुई है जिसका अर्थ मूर्खता या बेवकूफ़ी है।

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7 कमेंट्स:

प्रवीण पाण्डेय said...

येड़ा का भी इतना सयाना उद्भव

Baljit Basi said...

पंजाबी में अवैड़ा शब्द होता है लगभग आड़ा-बाँका, विचित्र जैसे अर्थों में. यह खास तौर पर बछड़े के लिए प्रयुक्त होता है जो काबू में न आए. अवैड़ा प्यार भी होता है .

विष्णु बैरागी said...

'येडा' पर समझदार बनानेवाली पोस्‍ट। मुझे भी मालवी का 'बेंडा' इसके आसपास लग रहा था। आपने मेरी समझ पर मेरा विश्‍वास बढाया।

Asha Joglekar said...

येडा रे येडा ऐसा महाराष्ट्र के देहाती भाषा में बोलते हैं वहीं से ये सिनमा में घुसा होगा । रोचक पोस्ट ।

Asha Joglekar said...

येडा रे येडा ऐसा महाराष्ट्र के देहाती भाषा में बोलते हैं वहीं से ये सिनमा में घुसा होगा । रोचक पोस्ट ।

Asha Joglekar said...
This comment has been removed by a blog administrator.
Mansoor ali Hashmi said...

'एन्डे-बेंडे' चल रहे है आजकल,
'हाथी-गेंडे' छल रहे है आजकल.

एड़े-गैरे की यहाँ पर पूछ है,
वड्डे-वड्डे जल रहे है आजकल.

'येड़े' बालीवुड में होते है सफल,
हीरो को देखा विफल है आजकल.

मूर्खता और बुद्धिमत्ता साथ-साथ,
अर्थ 'येड़ा' के डबल है आजकल.

‘एड्डु’- ‘इड्डु’ रह गए पीछे बहुत,
"येद्दू-येद्दू" ही 'कमल' है आजकल !

More ....at- http://aatm-manthan.com

mansoor ali hashmi

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