Saturday, January 21, 2012

रैली, रेवड़ और रेड़ मारना

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रै ली, रेला और रेवड़ में क्या फ़र्क़ है ? मूलतः ये सभी शब्द समुच्चयवाची हैं। पतनशील राजनीति के इस दौर में मनुष्य और जानवर में ज्यादा अन्तर नहीं रह गया है । चुनावी दौर की राजनीतिक सभाओं-सम्मेलनों में श्रोताओं की भीड़ जुटाने के लिए सभी राजनीतिक दल गाँव देहात के सीधे-सादे लोगों के सामने तरह-तरह के प्रलोभन देकर (चारा डाल कर) , उन्हें हाँक कर अपने आयोजनों की सफलता का डंका पीटते हैं । राजनीतिक सभाओं के लिए आजकल रैली शब्द बहुत आम हो गया है । रैली स्त्रीवाची संज्ञा है। जब रैली से भी बड़े समूह या जमाव का आयोजन होता है तो उसे रेला कहा जाता है । आजकल मीडिया-सनसनी के दौर में हर चीज़ के आगे “महा” शब्द लगाने का चलन बढ़ा है । रेला से भी बड़े जनसमूह के लिए महारेला शब्द चल पड़ा है । ये तीनों शब्द भारोपीय भाषा परिवार के हैं और रेला और रेवड़ में तो क़रीबी रिश्तेदारी भी है। रैली शब्द में मूलतः कतारबद्ध, अनुशासित लोगों का भाव है वहीं रेला में भी समूह का भाव है मगर इसमें अनुशासन का अभाव है । रेला में धक्कम-धक्का, भीड़-भड़क्का वाला भाव है। रैली या रेला जहाँ मनुष्यों के सन्दर्भ में प्रयुक्त होता है वहीं रेवड़ समूहवाची होते हुए भी सिर्फ़ मवेशियों के जत्थे के लिए प्रयुक्त होता है । रेवड़ का मूलार्थ है मवेशियों की लम्बी कतार ।
बसे पहले रैली की बात । रैली शब्द आज चाहे हिन्दी का जाना-पहचाना और बहुप्रयुक्त शब्द है मगर यह अंग्रेजी से हिन्दी में आया है । रैली का अर्थ है किसी खास उद्धेश्य के लिए मनुष्यों का एक स्थान पर इकट्ठा होना या एक जगह से दूसरी जगह जाना । अमेरिकन हेरिटेज डिक्शनरी के मुताबिक अंग्रेजी का रैली शब्द प्राचीन फ्रैंच के रैलियर आ रहा है जो दो शब्दों re- + alier से मिल कर बना है। अंग्रेजी का re- प्रसिद्ध उपसर्ग है जिसमें फिर से, दोबारा जैसे भाव है । रैलियर के दूसरे पद alier में एकत्र होने का भाव है। प्रसिद्ध जर्मन भाषाविज्ञानी जूलियस पकोर्नी के मुताबिक प्रोटो भारोपीय भाषा परिवार के leig- शब्द से एलियर बना है जिसमें संगठित करना, समूह बनाना, जकड़ना, बान्धना जैसे भाव हैं। अंग्रेजी के कई शब्द इस धातु से बने है जिनमें से कुछ हिन्दी में भी प्रचलित हैं जैसे ऐली / ऐलाई / ऐलाइज़ यानी मित्र, संगी, साथी, मित्रपक्ष, मित्र राष्ट्र, सहयोगी आदि। मिश्रधातु को अंग्रेजी में ऐलॉय कहते हैं, जो इसी मूल से आ रहा है । मिलाने, संगठित होने और प्रकारान्तर से समूवाची संज्ञा का

crowdरेड़ मारना- हिन्दी का एक आम मुहावरा है रेड़ मारना । रेड़ मारना का सामान्य अर्थ है किसी व्यवस्था या वस्तु को बिगाड़ देना, उसका बिगड़ जाना। किसी चीज़ को सही ढंग से प्रयोग नहीं करना। किसी व्यवस्था में अनावश्यक छेड़छाड़ करते हुए उसके मूल स्वरूप को बिगाड़ देना जैसी बातें रेड़ मारना, रेड़ करना या रेड़ पीटना जैसे मुहावरों में व्यक्त होती है। रेल के रेड़ रूप के सन्दर्भ में इसमें निहित धकियाने का भाव रेड़ मारना मुहावरे में गौरतलब है। भाव यही है कि किसी चीज़ के मूल स्वभाव के विपरीत उसके साथ की जाने वाली जोर-जबर्दस्ती या छेड़छाड़ ही रेड़ मारना है। भीड़ के मूल चरित्र यानी अस्तव्यस्तता, अव्यवस्था की नुमाइंदगी करने वाला रेड़ शब्द उसी रेल शब्द से निकला है जिससे भीड़ के अर्थ में रेला शब्द जन्मा है।

भाव यहाँ साफ़ नज़र आ रहा है। संघ, महासंघ, सभा, संघठन, दल, पार्टी, टीम, समूह आदि के अर्थ में लीग league शब्द हिन्दी में खूब जाना-पहचाना है और लगभग हिन्दी-उर्दू का ही जान पडता है । हिन्दी में लीग शब्द मुस्लिम लीग के सन्दर्भ में या खेल की टीमों के सन्दर्भ में इस्तेमाल होता है। लीग में भी मूलतः एक दूसरे के साथ आना, बराबरी से ले जाना, साथ बैठना जैसे भाव हैं। इसके अलावा रिलीज़न जैसा शब्द भी इसी मूल से आ रहा है। धार्मिक, सामाजिक या नैतिक आधार पर बाध्य करने के लिए अंग्रेजी में ओब्लाइज़ शब्द है। हिन्दी इसका प्रयोग अहसान जताने के अर्थ में खूब होता है। यह भी इसी मूल का है ।
ब बात हिन्दी के रेला, महारेला की । हिन्दी के विभिन्न शब्दकोशों में रेला देशज शब्द समूहवाची है। रेला का सम्बन्ध रेल से है जिसके सामासिक रूपों रेल-पेल, रेलमपेल, रेल-ठेल से हिन्दी समाज बखूबी वाकिफ़ है। हिन्दी के रेल शब्द में बहाव या प्रवाह का आशय निहित है। रेल-पेल या रेलमपेल जैसे शब्दों में ऐसे जन-जमाव या भीड़-भड़क्के का भाव है जहाँ लोग एक दूसरे को ठेल रहे हों। रेला शब्द में भी प्रवाह, धारा या बहाव का भाव है। पानी का रेला यानी प्रचण्ड आवेग के साथ गतिमान जलराशि। लोगों का रेला यानी आगे बढ़ता जन समूह। रेला शब्द की व्युत्पत्ति राल्फ़ लिली टर्नर संस्कृत के रय से मानते हैं जिसका अर्थ है तेज बहाव, तेज गति, द्रुतगामी, शीघ्रता आदि। रय बना है से। देवनागरी का अक्षर दरअसल संस्कृत भाषा का एक मूल शब्द भी है जिसका अर्थ है जाना, पाना। जाहिर है किसी मार्ग पर चलकर कुछ पाने का भाव इसमें समाहित है। इसी तरह के मायने गति या वेग से चलना है जाहिर है मार्ग या राह का अर्थ भी इसमें छुपा है। की महिमा से कई इंडो यूरोपीय भाषाओं जैसे हिन्दी , उर्दू, फारसी अंग्रेजी, जर्मन वगैरह में दर्जनों ऐसे शब्दों का निर्माण हुआ जिन्हें बोलचाल की भाषा में रोजाना इस्तेमाल किया जाता है।
में निहित आगे बढ़ने का भाव ही फ़ारसी के रौ शब्द में भी झलक रहा है। फ़ारसी का रौ धुन, लगन, गति, प्रवाह या धारा का सूचक है। अपनी ही रौ में लगे रहना जैसे वाक्य से इसका आशय स्पष्ट है। सिन्धी में इसका रूप रौ / राऊ है तो हिन्दी में यह रौ ही है। मैथिली में यह रेड़ है जिसका अर्थ है धक्का देना। गुजराती में रेड़वु है जिसका अर्थ है बाढ़, तेज धार आदि। सिन्धी में एक रूप रेलो है तो नेपाली में यह रेलणु है। इसी कड़ी में आता है रेवड़ शब्द जिसका अर्थ है मवेशियों का समूह। इसमें पशुओं का कतारबद्ध आगे गति करने का भाव है। जॉन प्लैट के हिन्दुस्तानी, उर्दू, इंग्लिश कोश के मुताबिक यह संस्कृत की रेव् धातु से आ रहा है। यह भी से सम्बन्धित है। रेव् में कतार, गति, जाने का भाव है साथ ही इसमें छलांग लगाने, उछलने कूदने के अर्थ भी निहित हैं। रेवड़ के परिप्रेक्ष्य में ये सभी अर्थछटाएँ तार्किक हैं। रेला और रेवड़ में धकेलने का का भाव भी है। रेले में लोग एक दूसरे को धकेलते हैं और रेवड़ में पशु धक्कामुक्की करते हुए आगे बढ़ते हैं। आज की चुनावी राजनीति भी विभिन्न दलों का महारेला या महारेवड़ हैं जहाँ लोकतन्त्र के नाम पर एक दूसरे को धकियाते हुए सब आगे बढ़ रहे हैं।

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7 कमेंट्स:

अमरनाथ 'मधुर'امرناتھ'مدھر' said...

शब्द रैला सीधे सादे या बावले के अर्थ में भीप्रयोग होता है| इस पर भी रोशनी डालने का कष्ट करें |

परमजीत सिहँ बाली said...

ज्ञानवर्धक पोस्ट।आभार।

प्रवीण पाण्डेय said...

प्यार प्यार में अंग्रेजी की कितनी रेड़ मार दी..हम हिन्दुस्तानियों ने..

विष्णु बैरागी said...

रैली के मूल भाव को परास्‍त (या कि विस्‍तारित) करते हुए अब तो 'वाहन रैली' भी होने लगी है।

अजेय said...

बहुत खूब. Raid- de- Himalaya !

Mansoor ali Hashmi said...

[ऋ से देवनागरी का ऋ अक्षर दरअसल संस्कृत भाषा का एक मूल शब्द भी है जिसका अर्थ है जाना, पाना।]

'ऋ' के मैने अर्थ को ''जानाँ को पाना'' मानकर,
'रौ' में अपनी चल दिया, पाने की मन में ठानकर,
रास्ते में इक 'ऋषि' बोले 'मुसाफिर ठहर जा !
'शब्दों' की है ' मरीचिका' 'वडनेरकर' का यह 'सफ़र' !!

http://aatm-manthan.com

Patali-The-Village said...

ज्ञानवर्धक पोस्ट। धन्यवाद।

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