बात जरा अटपटी सी है मगर है बिल्कुल सही। अंग्रेजी के ass यानी गधा और हिन्दी-उर्दू के सिपाही दोनों लफ्जों का संबंध अश्व (घोड़ा) से है। हिन्दी ,संस्कृत, अंग्रेजी और उर्दू-फारसी ज़बानों के ये शब्द भारोपीय भाषा परिवार के है। जानते हैं कैसा है ये रिश्ता। संस्कृत में अश्व का जो रूप है वह है अश्व: जिसके तीन अर्थ हैं-1. घोड़ा 2. सात की संख्या प्रकट करनेवाला प्रतीक 3. मनुश्यों की दौड (घोडे़ जैसा बल रखने वाले)। इसी तरह संस्कृत शब्द अश्वक का अर्थ भाड़े का टट्टू या छोटा घोड़ा भी होता है जबकि अश्वतर: का मतलब होता है खच्चर । संस्कृत शब्द अश्व का जो रूप प्राचीन इरानी यानी अवेस्ता में मिलता है वह अस्प:है । लगभग यही रूप अस्प बनकर फारसी में भी चला आया। प्राचीनकाल से ही अश्व यानी घोड़ा अपने बल, फुर्ती और रफ्तार के लिए मशहूर रहा है और पर्वी यूरोप,मध्यएशिया से लेकर मंगोलिया तक फौजी अमले का अहम हिस्सा रहा। यही वजह रही कि अश्व के फारसी रूप अस्प पर आधारित एक नया शब्द भी चलन में आया सिपाह जिसका अर्थ है सेना, बल या फौज। गौरतलब है कि संस्कृत अश्व: और अवेस्ता के अस्प: से यहां अ का लोप हो गया मगर बाकी तीनों ध्वनियां यानी स-प-ह बनीं रहीं। इसी सिपाह आधार से उठकर बना सिपाही शब्द जिसका मतलब फौजी, यौद्धा या सैनिक होता है आज फारसी के साथ-साथ अरबी और अंग्रेजी में भी चलता है हालांकि वहां ये sepoy है जो पुर्तगाली के sipae से बना और उर्दू से आया।
अब बात गधे यानी ass की । जिस तरह अश्व: का फारसी रूप बना अस्प उसी तरह अपने मूल से उठकर सुमेरियाई भाषा में यह आन्सू (ansu) बनकर उभरा और फिर वहां से लैटिन में यह आसिनस बनकर पहुंचा जहां इसने एक मूर्ख पशु वाला भाव ग्रहण किया। बाद में ओल्ड जर्मेनिक से होते हुए यह अंग्रेजी के वर्तमान गधे के अर्थ वाले रूप ass में ढल गया। इसी तरह इसका पश्तो रूप बना आस । [संशोधित पुनर्प्रस्तुति]
Sunday, May 11, 2008
गधा, घोड़ा, सिपाही
प्रस्तुतकर्ता अजित वडनेरकर पर 2:50 AM
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
9 कमेंट्स:
अजित
ये संबंध जानना बहुत आवश्यक भी था। अब समझ में आया कि गधे और सिपाही के बीच इतनी समानता क्यों होती आई है।
ज्ञान चक्षु खोलने के लिए बधाई।
अखिल
अखिल भैया,
चुटकी लेने का बढ़िया मौका ढूंढ़ा आपने । जयपुर में अक्सर हमारी पुलिस वालों से लपक-झपट चलती रहती थी। कर्फ्यू के दौरान तो बंदूक तक तन चुकी है हम पर और तब भी हम उन्हें खाकी...कह कर उकसाते रहे थे।
आते रहें सफर में। अच्छा लगता है। जापान में इन दिनों कैसा मौसम है ?
गधा -------> आस।
अब गधे से ही आशा बाकी है!
आप की पोस्ट से बहुत कुछ सीखा
अजित जी,
आपने हमारा फोटो हमसे पूछे बिना कैसे लगा दिया, अब इस पर "दीवानी" का मामला बनता है की "फौजदारी" का? :-)
क़ानून में फौजदारी के मामले शायद मार पिटाई टाईप के होते हैं, ये शब्द कैसे प्रचलित हुआ? क्या पहले फौज में होने वाली आपस की मार पिटाई का हिसाब करने के लिए फौजदारी शब्द का प्रयोग हुआ और फिर क़ानून में इसका व्यापक उपयोग होने लगा?
इस सफर में सिपाही तक तो आ ही गए हैं, कभी समय मिले तो फौज, फौजदारी और इस प्रकार के शब्दों की व्याख्या कीजियेगा |
हमेशा की तरह, ज्ञान बांटने के लिए बहुत आभार |
पुराने जमाने के मास्टर गधे को आदमी बना दिया करते थे। अब तक न जाने कितने आ कर इस नस्ल में मिल गए होंगे।
कृपया स्रोत भी बताया करे ताकी हम भी उस पर प्रकाश डाल सके :)
रोचक है पोस्ट लेकिन
चित्र का कहना ही क्या !
=================
शब्दों को आपकी कल्पना से
ज़बान मिल जाती है.
आभार
डा. चंद्रकुमार जैन
गधे से सिपाही तक... पढ़कर आनंद आया. :)
Post a Comment