Monday, January 19, 2009

हजामत का दिन यानी बालदिवस...

क साल में कितनी बार बाल दिवस मनाया जा सकता है? जवाब है कम से कम महिने में एक बार तो ज़रूर। बात दरअसल चिल्ड्रेन्स डे की नहीं हो रही है बल्कि हजामत की हो रही है। कॉलेज के दिनों में बाल कटवाने के बाद हम यही कहते थे कि बालदिवस मना लिया है। बाल कटवाने को हिन्दी-उर्दू में हजामत कहते हैं और यह खूब प्रचलित शब्द है। वैसे चलताऊ हिन्दी में तो इसके लिए कटिंग शब्द ही लोकप्रिय है जो अंग्रेजी के हेयर-कटिंग से बना संक्षिप्त रूप है। कटिंग बहुत सी चीजों की होती है मगर उसके लिए हमारे यहां कटाई, कटाना जैसे हिन्दी शब्दों से काम चला लिया जाता है मगर हजामत के लिए तो तीन अक्षरों के कटिंग से काम चल जाता है। अंग्रेजी के cut का रिश्ता पुरानी जर्मनिक के kut, मध्यकालीन अंग्रेजी के kitten से है जिसका अर्थ चाकू या चाकू से काटना होता है।

स सिलसिले में हजामत बड़ा दिलचस्प शब्द है। यह बना है अरबी के हजामाह, हजामा या हिजामा से जिनका रिश्ता हज्म धातु से है। हज्म का मतलब होता है काटना, चीरा लगाना, आकार देना या सुधारना। दरअसल यह शब्द प्राचीन अरबी चिकित्साशास्त्र से आया है जिसके तहत शरीर के खास-खास स्थानों पर चीरा लगाकर अशुद्ध रक्त को निकाला जाता था ताकि विभिन्न व्याधियों से मुक्ति मिले ओर शरीर स्वस्थ रह सके। दरअसल यह एक्यूपंक्चर की तरह हजारों साल पुरानी चीनी चिकित्सा पद्धति(कपिंग) है जिसे ताओवादियों ने ईजाद किया था। यूं प्राचीन भारत और यूरोप में भी इस विधि का प्रचलन रहा है। प्राचीन अरब में यूं तो बाल कटवाना अधार्मिक कृत्य समझा जाता था मगर जब भी इसी परिपाटी आम हुई होगी, बाल काटने के लिए भी हजामा शब्द चल पड़ा। इसका फारसी रूप हुआ हजामत और इसे करनेवाले के लिए शब्द बना हज्जाम। इसके यही रूप हिन्दी-उर्दू में

...अरबी हिजामा या ईरानी हजामत का तरीका देखिये इस वीडियो में। भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह पद्धति प्रचलित है...

भी प्रचलित हो गए। हिन्दी में तो हजामत बनाना मुहावरा भी चल पड़ा जिसका अर्थ है जेब खाली कराना, खूब पैसा खर्च कराना। जाहिर सी बात है कि हज्म धातु में शामिल आकार देने का भाव बाल काटने में उजागर हो रहा है और रक्त शोधन संबंधी चिकित्सा संबंधी भाव चीरा लगाने जैसे अर्थ से स्पष्ट है। यह पद्धति भारत में आज भी प्रचलित है और नीम हकीमों के द्वारा अपनाई जाती है। इस पद्धति में शंकु के आकार के कप लेकर सुई से खास तौर पर पीठ पर दोने कंधों के बीच में चीरा लगाया जाता है। इस कप में एक छिद्र होता है जिसके जरिये इसमें से हवा खींच कर निर्वात(वैक्यूम) पैदा किया जाता है ताकि ऊपरी रक्तवाहिनियों से खुद-ब-खुद अशुद्ध रक्त बाहर आने लगता है।

टिंग के लिए अंग्रेजी में शेव शब्द भी है। मगर हिन्दी समाज की अदभुत माया है कि शेव शब्द का इस्तेमाल सिर्फ दाढ़ी के बाल काटने के लिए होता है। शब्द प्राचीन इंडो-यूरोपीय भाषा परिवार की धातु ker बड़ी महत्वपूर्ण है। संस्कृत की कृ धातु इसी श्रंखला की कड़ी है। अंग्रेजी में कैंची को कहते हैं सीज़र । हिन्दी की कतरनी और अंग्रेजी की सीज़र आपस में मौसेरी बहने हैं। shave का रिश्ता भी लैटिन के scabere से है जिसमें काटने, खुरचने का भाव समया है। प्राचीन भारोपीय धातु ker का ओल्ड जर्मनिक में रूप हुआ sker जिसका मतलब होता है काटना, बांटना। अंग्रेजी के शेअर यानी अंश , टुकड़े, हिस्से आदि और शीअर यानी काटना इससे ही बने हैं।

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14 कमेंट्स:

नितिन | Nitin Vyas said...

जानकारी अच्छी लगी

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } said...

आज तो मुझे कई काम करने है हजामत ,कटिंग ,हेअर कटिंग ,शेव . आपने तो व्यस्त कर दिया
ह्ज़्म के बारे मे जान कर अच्छा लगा . जामामस्जिद के पास भी एक नीम हकीम यही कारनामा करते है

विवेक सिंह said...

आज मुझे भी यह काम निपटाना है . बडा फालतू बोझ दे दिया है :)

दिनेशराय द्विवेदी said...

भाई, अपनी हजामत तो रोज सुबह सुबह खुद बना लेते हैं, पर औरों की बनाना नहीं सीख पाए। जब कि वह खास कर धंधे वालों के लिए बहुत जरूरी है। सीखे यूँ नहीं कि डरते रहे कि दूसरे की खाल न कट जाए। जब कि हमारे यहाँ कहावत है,
'मूंड मुड़े काहू को, सीखे बेटा नाऊ को।

Vinay said...

वह हजामत पर लेख और जानकारी बढ़िया रही


लाजवाब रचना है, लिखते रहें

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गुलाबी कोंपलें | चाँद, बादल और शाम | तकनीक दृष्टा/Tech Prevue | आनंद बक्षी | तख़लीक़-ए-नज़र

Udan Tashtari said...

बेहतरीन-अब शेव करवा कर आता हूँ याने कि हजामत न कि सिर्फ दाढ़ी. :)

sanjay vyas said...

समृद्ध करने वाला लेख. शेव हिन्दी में तो सिर्फ़ दाढ़ी बनाने के अर्थ में ही रूढ़ हुआ है पर अंग्रेज़ी में इसके उपयोग व्यापक है और उन्ही में से एक है हेड-शेविंग यानी मुंडन. कृपया आगे स्पष्ट करें कि मुंडन के लिए राजस्थान में लोक व्यवहार में प्रचलित शब्द 'भदर' के मूल में क्या है?

Unknown said...

waah ! acchi jaankaari

mamta said...

जानकारी और लेख तो अच्छा है पर वीडियो बड़ा भयानक है । चलाया था पर बीच मे ही बंद कर दिया ।

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत बढिया जानकारी.

रामराम.

Abhishek Ojha said...

बहुत खूब !

roushan said...

जब जब हजामत शब्द सुनेंगे आपकी जानकारी और ये वीडियो जरूर याद आ जाएगा
शुक्र है एक शब्द शेव भी है

महेन said...

मज़ेदार जानकारी हमेशा की तरह मगर मुझे लगता है कि आपकी लिखने की गति मेरे पढने की गति से ज़्यादा है. कई पोस्ट पढ़ ही नहीं पाता. kitten (बिल्ली के बच्चे) की उत्पत्ति भी क्या यहीं से हुई है छोटे के सन्दर्भ में?

Sachindra Kumar said...

वाह वाह अभी अभी शाम को ही ...हजामत और बाल दिवस बनाकर आ रहा हूँ मैं भी...अगले शनिवार इस रूप मैं परिचय दूँगा आपको...अच्छी जानकारी

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