Wednesday, January 27, 2010

कुरमीटोला और चमारटोली [आश्रय-28]

सफर की पिछली पोस्ट- थमते रहेंगे गांव, बसते रहेंगे नगर में टोला का उल्लेख हुआ था। उस पर डेट्रायट निवासी बलजीत बासी का कहना था-माप-तौल के भाव वाले 'तुल्' धातु से 'टोल' या 'टोली' समूह के अर्थ कैसे विकसित हुए होंगे, कृपया बताएं। मुझे लगा कि संस्कृत धातु तुल् से विकसित हुए शब्दों पर एक अलग पोस्ट ही बननी चाहिए।
सं स्कृत की तुल धातु से बोलचाल की हिन्दी में प्रचलित कई शब्द जन्मे हैं। तुल् धातु में मूलतः भार-पिंड, वज़न लेना, मापना, ऊपर उठाना, विचार, चिन्तन-मनन जैसे भाव हैं। किन्ही दो वस्तुओं, पहलुओं के गुण-दोषों के बारे में विचार करने को तुलना कहते हैं जो इसी मूल से आ रहा है। तुल् धातु में इसीलिए चिन्तन का भाव भी है। तुल् धातुweighing_the_balance_587x30 में सभी जड़, जंगम पदार्थों का भाव भी है जिनमें परिमाण और भार है। तुल् से बने तोलः, तोलम् का अर्थ होता है वह भार, वस्तु जिसे तराजू में तोला जाता है। यह तोल उस परिमाप में भी उजागर होता है जिससे किसी पदार्थ के भार अथवा परिमाण की तुलना की जाती है, उसे मापा जाता है और उस पदार्थ को भी तोल कहा जाता है जिसका भार किया जाना है।

सोना चांदी के भार की माप के लिए तोला शब्द प्रचलित है जो संस्कृत के तोलः,तोलम या तोलकः से बना है। एक तोला यानी बारह माशा के बराबर का वज़न होता है। गौरतलब है तुल् धातु से ही बना है तौल या तोल जैसे शब्द जिसका अर्थ तुलनीय पदार्थ से है। यह किसी भी परिमाण या आकार में हो सकता है। तोल का ही अगला रूप होता है टोल जिसमें ईंट या पत्थर के बड़े खंड का भाव है। स्पष्ट है कि तुल् धातु में निहित मात्रा, परिमाण, पदार्थ, खंड या पिंड वाले भाव का विस्तार ही टोल, टोला या टोली में भी नज़र आ रहा है जो हिन्दी के बहुप्रचलित शब्द हैं। तुल् धातु के विस्तार से समुच्चय का भाव उभरता है।
छोटी बस्ती या मोहल्ले के अर्थ में टोला शब्द भी हिन्दी में इस्तेमाल होता है। टोल या टोला छोटे आवासों का संकुल होता है। टोल या टोली समूह के अर्थ में लोगों के झुण्ड, मंडली या समुच्चय को ही कहते हैं। जॉन प्लैट्स के हिन्दुस्तानी-उर्दू-इंग्लिश 6852934 कोश में टोला या टोली का अर्थ आवास-संकुल ही है। जाति विशेष के समूहों की बस्ती के आधार पर टोलियों के नाम होते हैं जैसे बंगाली टोला, कुरमीटोला, बामनटोला आदि। यह जगह बाड़े से घिरी हुई होती है। मोनियर विलियम्स के कोश में संस्कृत के तोलकः शब्द का उल्लेख है जिसमें किसी बुर्ज के इर्दगिर्द बनी चहारदीवारी का भाव है। बृहत प्रामाणिक कोश के अनुसार टोला शब्द संस्कृत के तोलिका से बना है जिसका अर्थ घेरा, बाड़ा है। इसमें लोगों की बड़ी बस्ती, शहर का एक हिस्सा, महल या पाड़ा का भाव है। मूलतः तोलिका से पहले टोली शब्द बना जिसमें छोटा समूह, पिंड, समूह या जत्थे का भाव है। इसका पुरुषवाची हुआ टोला जिसमें बड़े घेरे में बसनेवाली आबादी या बस्ती का भाव समा गया।
तुल् धातु से बना है तराजू के लिए तुला शब्द। तुला का अर्थ होता है एक सीधी टहनी या डंडी जिसके सिरों पर पलड़े बांध कर भार परीक्षण किया जाता है। तुलसी के पवित्र पौधे के नाम का मूल भी यही तुल् धातु है। इसके पत्ते जिस डाली पर लगते हैं वह एकदम सरल रैखिक, सीधी होती है। संभवतः यही वजह हो इस नाम के पीछे। वैसे तुलसी एक पवित्र पौधा है और इसका ओषधीय महत्व है। विभिन्न खाद्य पदार्थों में तुलसीदल डालकर उन्हें शुद्ध किया जाता है।  तुल् धातु में जांच परीक्षण, चिन्तन-मनन का जो भाव है वह तुलना शब्द में उजागर हो रहा है। तुलनीय वह है जिसका परीक्षण किया जाना है। एक संज्ञानाम है अतुल जिसका अर्थ है जिसकी किसी से तुलना न की जा सके अर्थात जिसका परीक्षण करना कठिन हो। अतुलनीय शब्द भी इसी कड़ी से आ रहा है। तराजू का प्रमुख काम किसी एक मानक के आधार पर दूसरे पदार्थ को समान सिद्ध करना। तुल् से ही बना है संतुलन शब्द जो सम्+तुलन से बना है जिसका अर्थ है किसी परिस्थिति में समान या सम्यक रूप से निर्वाह करना। शारीरिक संतुलन, वैचारिक संतुलन, सामाजिक संतुलन ये तमाम शब्द युग्म इस शब्द की महिमा बताते हैं। प्राचीनकाल में किसी व्रत या अनुष्ठान के बाद राजा या धनिकों द्वारा अपने शरीर के बराबर स्वर्णभार दान करने की परम्परा थी जिसे तुलादानम् कहा जाता था।
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20 कमेंट्स:

Udan Tashtari said...

धन्यवाद ज्ञानवर्धन का.

Baljit Basi said...

धन्यवाद अजित जी, पंजाबी में एक कहावत है, "हसदी ने फुल मंगया, सारा बाग़ हवाले कीता." दरअसल छोटी बस्ती या मोहल्ले के अर्थ में टोला शब्द मैंने पंजाबी में नहीं सुना, पंजाब की किसी जगह के नाम पर यह शब्द लगा हो, यह भी मेरे दिमाग में नहीं आता. बाकी सब शब्द तो हिंदी वाले ही हैं. 'तुल' तो अंग्रेजी लीवर के अर्थ में आता है. तुल का मतलब बराबर भी है. लेकिन पंजाबी में तोलने वाली चीज 'तुला' नहीं 'तकड़ी ' है. 'तुला' लट्ठे जोड़ कर बनाई किश्ती है, "नै भी डूंघी, तुला पुराना' तोलने वाले को 'तोला' कहते हैं.
गुल्ली-डंडा में डंडे से गुल्ली को उठा मारने को टुल लगाना कहते हैं. 'टुल लगाना' मुहावरे का मतलब अनुमान लगाना भी है और 'टुल लगना' का मतलब ऐसे ही काम ठीक हो जाना.
प्राचीनकाल में तो राजे तुलादानम् करते थे, आज कल के बनने वाले 'राजे' इलैक्शनों से पहले आपने भार के बराबर सिक्के तुलवा कर लेते हैं, कई बेचारे लड्डुओं से काम चलाते हैं!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

पोस्ट तो बढ़िया है लेकिन कोई सिरफिरा लीगल नोटिस न भेज दे!

शरद कोकास said...

"पल में तोला पल में माशा " मुहावरे का प्रचलन भी इसी तरह हुआ है । माशे से पहले रत्ती होता है । पुराने समय के इन मानकों पर एक पोस्ट की दरकार है । हिन्दी में तुला में लगाये जाने वाले पल्ले को तगाड़ी भी कहते हैं । टोला और टोली में भी बड़े- छोटे का भाव है यह सामाजिक व्यवस्था की ओर भी इशारा करता है ।

दिनेशराय द्विवेदी said...

एक होता था खेल बचपन में, सतोलिया!

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } said...

तुलादान अपने वज़न के बराबर सोना ,रिजर्व बैक लूट्ना पडेगा .

सपोलिया तो अब भी है लेकिन बचपन नही .(वकील साहिब )

निर्मला कपिला said...

सुन्दर ग्यानवर्द्धक धन्यवाद और शुभकामनायें

Sulabh Jaiswal "सुलभ" said...

सम्यक सम्पूर्ण चर्चा रही तुला से टोला तक. तुलादानम् और तुलसी का महत्व संग्रहनीय है. भार और टोल एक दुसरे के लिए बने हैं. अभी अभी झंडात्तोलन तो भी हुआ है.

Sulabh Jaiswal "सुलभ" said...

शरद कोकस जी, द्विवेदी जी और बलजीत जी के मुहावरे ने टिप्पणियों की सार्थकता को सिद्ध किया. आभार

संजय भास्‍कर said...

सुन्दर ग्यानवर्द्धक धन्यवाद और शुभकामनायें

अजित वडनेरकर said...

अच्छी जानकारी दी है बलजीत भाई। पंजाब में तुल् धातु के समूहवाची अर्थ ने किसी बस्ती का रूप चाहे न लिया हो मगर यह भी दिलचस्प है कि मध्य और पूर्वी प्रांतों में जहां कहीं पंजाबी समूह बसे वे इलाके पंजाबी टोला, पंजाबी गली या पंजाबी बाग नामों से जाने गए।

अजित वडनेरकर said...

शरद भाई, आप ठीक कहते हैं। टोला या टोली के फर्क को पोस्ट में रेखांकित किया है। इसमें सामाजिक भेद भी स्पष्ट है। तोला, माशा, रत्ती को पहले इसी पोस्ट में लेने का विचार था। मगर विस्तार की वजह से इस पर अलग पोस्ट बनाना तय किया। सिक्का शृंखला के अंतर्गत इन पर पहले से लिखना तय है। देखें कब बारी आती है।

Gyan Dutt Pandey said...

बढ़िया लगी पोस्ट। अतुलनीय!

CSCK said...
This comment has been removed by the author.
CSCK said...

संस्कृत पाठशाला को भी टोल कहते है ।इसमे भी कोई टालम-टोल है क्या ?
विजय शर्मा

Baljit Basi said...

इसका भरोपी मूल है *tel-, *tol- जिससे अंग्रेजी शब्द,tolerate, extol, thole आदि बने. -The Century Dictionary and cyclopaedia

अजित वडनेरकर said...

बलजीत भाई,
सेंचुरी में इसे देखा, पर इसकी तार्किक व्याख्या नहीं हो पा रही है।
टोला वहां भी है, उन्हीं संदर्भों में मगर टोल, टॉलरेट, एस्टॉल जैसे शब्दों के अर्थ से साम्यता में उलझन है।
कृपया स्पष्ट करें।

Baljit Basi said...

Plesae check this:
http://dictionary.reference.com/browse/extoll

Word Origin & History:
extol
1494, "to lift up," from L. extollere, from ex- "up" + tollere "to raise," from PIE *tel-, *tol- "to bear, carry" (cf. Gk. talantos "bearing, suffering," tolman "to carry, bear," telamon "broad strap for bearing something," Atlas "the Bearer" of Heaven;" Lith. tiltas "bridge;" Skt. tula "balance," tulayati "lifts up, weighs;" L. tolerare "to bear, support," latus "borne;" O.E. þolian "to endure;" Arm. tolum "I allow"). Fig. sense of "praise highly" is first attested 1509.

उम्मतें said...

अजित भाई
यहां बस्तर में , इलेक्शन ड्यूटी के बाद , सकुशल घर वापसी , जश्न का कारण हुआ करती है ! देखिये ना , थककर चूर हूँ पर नेट पर हाजिर हूँ !
मैंने आपके आलेख पढ़ लिए हैं 'बोलके' मेरी उपस्थिति दर्ज कर लीजियेगा :)

Himanshu Pandey said...

आपकी प्रविष्टि, बलजीत की टिप्पणियाँ दोनों ने जानकारी बढ़ाई !
आभार ।

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