Friday, August 17, 2007

कोर्ट कचहरी में अतिक्रमण


हिन्दी का बड़ा आम शब्द है कचहरी जिसका मतलब है न्यायालय , अदालत या कोर्ट। कानूनी झमेलों में पड़ने को आमतौर पर अदालतों के चक्कर काटना कहा जाता है। इसी तर्ज पर कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाना वाक्य भी प्रचलित है इसमें चाहे कोर्ट अंग्रेजी का और कचहरी हिन्दी का शब्द हो मगर दोनों के मेल से मुहावरे का असर पैदा हो गया है। मूल रूप से कचहरी शब्द बना है संस्कृत के कृत्यग्रह से जिसका मतलब होता है अदालत। यह बना है कृत्य+ग्रह की संधि से और फिर कृत्यग्रह > कच्चघर> कच्चहर > होते हुए कचहरी में ढल गया। संस्कृत शब्द कृत्य की धातु है कृ जो मूलतः कर्म क्रिया के अर्थ में प्रयोग होती है। मोटे तौर पर जिसके मायने हैं करना। यह प्रत्यय की तरह भी कई शब्दों में प्रयोग होती है जैसे अंगीकृ यानी अपनाना। इससे ही अंगीकार शब्द बना । अतिकृ यानी बढ़ जाना। इससे ही अतिकृमण शब्द बना। कृ से ही बनता है कृत्य जिसके मायने हैं जो करना चाहिये अथवा उचित, उपयुक्त,युक्तियुक्त व्यवहार। जाहिर है यही न्याय है इसीलिए कृत्यग्रह को न्यायालय की अर्थवत्ता मिल गई। कहने की ज़रूरत नहीं कि कृत्य से बने कचहरी में सुकृत्य करने वालों की नही बल्कि दुष्कृत्य करने वालों की आमदरफ्त ज्यादा होती है।

हिन्दी में ही कोर्ट कचहरी के अर्थ में अदालत और इजलास दोनों शब्द प्रचलित हैं मगर ये दोनों उर्दू से हिन्दी में चले आए हैं। यूं इनका मूल स्थान अरबी का है । इजलास का अरबी में सही रूप इज्लास है।
अब कोर्ट की बात। अंग्रेजी में कोर्ट शब्द आया फ्रेंच के कोर्ट से जिसका मतलब है घिरा हुआ स्थान। न्यायिक गतिविधियों के लिए करीब तेरहवी सदी के आसपास कोर्ट शब्द का अंग्रेजी में प्रयोग शुरू हुआ और कोर्टशिप, कोर्टरूम और फिर हाईकोर्ट, सुप्रीमकोर्ट जैसे शब्द भी बन गए भारत में अंग्रेजी राज कायम होने के बाद जब फिरंगी इंसाफ भी करने लगे तब इस लफ्ज से हिन्दुस्तानी भी परिचित हुए । आज ये तमाम लफ्ज हिन्दी में बडी़ सहूलियत से इस्तेमाल किये जाते हैं।

5 कमेंट्स:

Udan Tashtari said...

अब कचहरी पर हमसे कोई बात करके तो देखे-सब जानते हैं हम. ज्ञानवर्धन का आभार.

Gyan Dutt Pandey said...

कोट का प्रयोग हिन्दी में/भारत में होता है - यथा राजकोट. उसका कोर्ट से कुछ लेना-देना है?

परमजीत सिहँ बाली said...

बढिया जानकाअरी है।बधाई

अनामदास said...

बिहार और झारखंड में कचहरी की अलग बोली होती है, जिसे रेणु जी कचराही बोली कहते हैं. यानी न्यायिक कामकाज के मामले में बोलचाल की भाषा. हमारे पिताजी जब दफ़्तर जाते थे तो कहते थे कि हम कचहरी जा रहे हैं, जबकि उनके विभाग का अदालत से कोई लेना देना नहीं था, ज़ाहिर है, न्याय विभाग के समीप ही उनका दफ़्तर था, इसलिए यह अर्थ रूढ़ हो गया.

इतना ही नहीं, श्रीलंका में तमिल विद्रोहियों के गढ़ माने जाने वाले उत्तरी इलाक़े में बागियों का केंद्र है एक क़स्बा, जिसका नाम है चावा कचेरी. मैंने पता किया तो मालूम हुआ कि वहाँ एक सरकारी दफ़्तर था जहाँ अदालत लगती थी जिसे कचेरी (कचहरी)कहते थे.

आनंद आया.

अनूप शुक्ल said...

अच्छी कोर्ट-कचहरी हुई।

नीचे दिया गया बक्सा प्रयोग करें हिन्दी में टाइप करने के लिए

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