Sunday, September 16, 2007

प्राचीन मुद्रा पर खड़ा है कैश

अंग्रेजी के जो शब्द हिन्दी में धड़ल्ले से बोले समझे जाते हैं उनमें कैश का शमार भी है। कैश यानी नकदी रकम। यह कैश अब रोजमर्रा का हिस्सा ही नहीं हो गया है बल्कि मुहावरा भी बन गया है। इससे बने कई शब्दों जैसे कैशबुक, कैशियर , कैश काऊंटर, कैश पेमेंट आदि का खूब इस्तेमाल होता है।
यह जानना दिलचस्प होगा कि कैश शब्द चाहे अंग्रेजी का हो मगर यह हमें भारत के प्राचीन इतिहास तक ले जाता है, पुरानी परंपरा से जो़ड़ता है। दरअसल कैश का रिश्ता जुड़ता है भारत की प्राचीनतम मुद्रा कार्षापणः से। यह मुद्रा ईस्वीपूर्व भारत में
खूब प्रचलित थी। इसकी लोकप्रियता इस तथ्य से सिद्ध होती है कि भारत के ज्यादातर उत्खनन स्थलों पर कार्षापण मिले हैं। जानकारों का मानना है कि कार्षापणः या कार्षापण की उत्पत्ति हुई है कर्ष से जो प्राचीनकाल में चांदी या सोने की सोलह माशे की माप होती थी। कार्षापण के लिए कार्षिक शब्द भी है। प्राचीन भारतीय व्यापारी रोम और ग्रीक तक कारोबार करते थे। इसी क्रम में ग्रीक व रोमन मुद्राओं का प्रसार प्रचार भारत में बढ़ा और भारतीय मुद्राओं को भी अन्य देशों में स्वीकर्यता मिली हुई थी। कार्षापण का लैटिनीकरण हुआ Capsa के रूप में। इतालवी ज़बान में यह हो गया Cassa और फिर पुर्तगाली में हुआ Caixa । यही अंग्रेजी में कैश हुआ। तमिल में कासू और सिंहली में कासी के रूप में भी यह शब्द है। कार्षापण से तात्पर्य मूलतः तांबे से बने सिक्के से ही था। मगर अलग अलग कालखंडों में सोना, चांदी ,तांबा और जस्ता आदि सभी धातुओं के कार्षापण मिले हैं।
मौर्यकाल में एक कार्षापण का मूल्य बत्तीस रत्ती यानी करीब साढ़े तीन ग्राम शुद्ध चांदी के वज़न के बराबर होता था। इस हिसाब से अर्ध कार्षापण सोलह और चतुर्थांश आठ रत्ती का होता था। आकार की दृष्टि से ये चौकोर , आयताकार या गोल होते थे। उस दौर में सिक्कों की ढलाई की बहुत उन्नत तकनीक नही थी। कई कार्षापणों सिर्फ एक तरफ से ही मुद्रित मिले है। जाहिर है ये किसी गलती की वजह से नहीं बल्कि उस समय की तकनीकी सुविधा के चलते हुआ होगा।

1 कमेंट्स:

रजनी भार्गव said...

आपकी शब्दों की उत्पत्ति की जानकारी बहुत रोचक है.

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