Thursday, March 6, 2008

बुरी बात नहीं शक्कर में मिलावट...

मिठास में छिपे हैं कई मुल्कों के भी नाम

गुड़ के परिशोधित रूप शक्कर का जन्मस्थान भारत है। हिन्दी में इसके चार रूप मिलते हैं। शक्कर, शुगर , चीनी और मोरस। शक्कर शब्द संस्कृत के शर्करा से निकला है जिसके मायने हैं चीनी, कंकड़ी-बजरी, बालू-रेत या कोई भी बड़ा कण। इसी वजह से संस्कृत में ओले के लिए जलशर्करा जैसा शब्द भी मिलता है। जाहिर सी बात है शक्कर के क्रिस्टल या रवेदार गुण की वजह से ही इसे शर्करा कहा गया होगा। गौरतलब है बेईमान कारोबारी अगर शक्कर में सफेद बजरी की मिलावट करते हैं तो क्या गुनाह करते हैं। आखिर शर्करा में शर्करा ही तो मिला रहे हैं ! अब आपके दांत अगर इससे करकराने लगें तो अलग बात है।
शर्करा ने अरबी जबान में सुक्कर का रूप लिया वहीं फारसी में जाकर यह शकर हो गई । समूचे युरोप में अरबी के जरिये ही इसका प्रवेश हुआ। यह लैटिन मे succharum कहलाई । अंग्रेजी में शुगर और सैक्रीन जैसे रूप भी बने। यही नहीं, रूसी में साख़ार, जर्मन में जुकर और फ्रेंच में सकर जैसे शब्द बनें। अरबी-फारसी के शकरकंद के पीछे भी यही शर्करा
मौजूद है। यही नहीं भारत के अलग-अलग इलाकों में भी इसके कई रूप हैं जैसे कश्मीरी में शकर, गुजराती में साकर, मराठी में साखर और सिन्धी में हकुरू आदि । बाद में शुगर क्यूब, ब्राऊन शुगर जैसे अन्य नाम भी सामने आए। भारत में शकर के असंशोधित रूप को खांडसारी भी कहते हैं।
अब बात चीनी की । जैसा की नाम से ही जाहिर है शक्कर का यह रूप चीन की देन है। एकदम सफेदझक दानों वाली शकर से परिचित हुए तो उन्होंने जाना कि अंग्रेज इसे चीन में बनाते हैं, बस तभी से इसका एक नाम चीनी भी होगया। पूरब में शकर को एक नाम मोरस भी मिला हुआ है। गौरतलब है कि मारीशस में जब करीब ढाई सौ साल पहले अंग्रेजों ने गन्ने की खेती शुरू की तो पूर्वी भारत से हजारों किसानों को गन्ना श्रमिक बना कर मारीशस भेजा गया। मारीशस ही नहीं , फिजी, गुयाना, वेस्ट इंडीज़, केन्या आदि कई देशों में गन्ना उगाने भारतीय मजदूर गए। चूंकि ये एक खास एग्रीमेंट पर वहां भेजे गए थे जिसे देशी ज़बान में गिरमिट कहा जाने लगा और इन श्रमिकों को गिरमिटिया मजदूर का नाम मिल गया। बहरहाल बात मोरस की चल रही थी। शक्कर के मोरस नामकरण के पीछे भी एक देस यानी मारीशस का नाम छुपा हुआ है। शकर की सफेद डली को मिश्री कहा जाता है । इसके पीछे भी इजिप्ट यानी मिस्र का नाम छुपा है। वहां से बनकर आने वाली शक्कर को चीनी की तरह ही देशी नाम दे दिया गया।

10 कमेंट्स:

Unknown said...

इस पोस्ट से शक्कर का एक और नया नाम मोरस से परिचय हुआ, साथ ही मिश्री का सबंध मिस्त्र से है ये भी हाल ही जाना.. धन्यवाद !!
गौरतलब है बेईमान कारोबारी अगर शक्कर में सफेद बजरी की मिलावट करते हैं तो क्या गुनाह करते हैं। आखिर शर्करा में शर्करा ही तो मिला रहे हैं ! अब आपके दांत अगर इससे करकराने लगें तो अलग बात है।इसमें भी मजा आया !!

Unknown said...

एक शब्द है मोरम ,इसका संबंध भी इसी से है क्या?

Udan Tashtari said...

मिश्री का संबंध मिस्त्र से-आज ज्ञात हुआ..अति आभार.

Sanjeet Tripathi said...

चीनी का चीन से रिश्ता
मॉरीशस से मोरस का नाता
और इनके बीच गिरमिटिया मजदूर्…………
शानदार!!!
शुक्रिया!!!!

कुछ दिनों पहले "पहला गिरमिटिया" पढ़ा, अल्टीमेट!!!

दिवाकर प्रताप सिंह said...

क्या बात है - "शर्करा में शर्करा ही तो मिला रहे हैं! अब आपके दांत अगर इससे करकराने लगें तो अलग बात है।"
भैय्या जी ! रस मिलना चाहिये, मिठास होनी चाहिये (मधु मन्मे निष्क्रमणं,मधु मन्मे परायणं.....)इसी लिये जब दाँत करकराता है तब कोफ्त होती है,बस यही बात है!

दिनेशराय द्विवेदी said...

पूर्वार्ध में शर और उत्तरार्ध में किरकिराहट की कर्र फिर भीशर्करायुक्त आलेख से इस शर्मन् का मुंह पानी से भर आया।

Asha Joglekar said...

वाह अजित जी, चीनी और मिश्री का उगम जान कर
बडा अच्छा लगा । मोरस को बारे में भी ।

Anita kumar said...

बहुत ही रोचक और शानदार पोस्ट अजीत जी

Dr. Chandra Kumar Jain said...

BAHUT MEETHI POST...SHUKRIYA.
LEKIN AAJKAL
SUGAR-FREE KA CHALAN HAI...?

Unknown said...

बहस से, विमर्श परामर्श से मिठास तक - कहीं सत्यम ब्रूयात, प्रियम ब्रूयात तो नहीं बता रहे ?

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