Sunday, November 15, 2009

मियां बराक, ब्रोकर और डीलर [मध्यस्थ-3]

barack_obama_cartoon पिछली कड़ियां-1.मियां करे दलाली, ऊपर से दलील!![मध्यस्थ-2]2.मियांगीरी मत करो मियां [मध्यस्थ-1]

ध्यस्थ के लिए प्रचलित दलाल के लिए अंग्रेजी में ब्रोकर शब्द है। इससे ही मिलता जुलता शब्द है डीलर। गौर करें कि हिन्दी के मध्यस्थ और फारसी के मियांजी शब्दों को अगर छोड़ दिया जाए तो दलाल, बिचौलिया, डीलर, ब्रोकर जैसे तमाम शब्दों का रिश्ता कारोबार या सौदेबाजी से ही जुड़ रहा है। अंग्रेजी के ब्रोकर और डीलर शब्द भी भारतीय भाषाओं में बोले-समझे जाते हैं। डीलर, डीलिंग, डील, स्टॉकडीलर, डीलरशिप, शेयरब्रोकर, स्टॉकब्रोकर, स्टॉक एक्सचेंज, स्टॉकिस्ट, स्टॉक मार्केट जैसे शब्दों का प्रयोग बोलचाल की हिन्दी में खूब होता है। समानार्थी शब्दों पर गौर करें तो पता चलता है कि शब्द निर्माण की प्रवृत्ति अलग-अलग भाषाओं में भी एक सी ही रहती है। दलाल शब्द में छोटे दुकानदार, रिटेलर, खुदरा व्यापारी का जो भाव है वही भाव अंग्रेजी के डीलर और ब्रोकर में भी है। हालांकि इन सभी शब्दों का अर्थ मोटे तौर पर कमीशन एजेंट ही है। इन सभी शब्दों की मूल धातु पर अगर गौर करें तो पता चलता है कि इनमें अंश, टुकड़ा, काटना, विस्तारित करना जैसे भाव समाहित है। खुदरा व्यापारी या फुटकर दुकानदार थोक में सामग्री खरीदता है और फिर उसे कई हिस्सों में बांटता है। विभाजित करने की यह प्रक्रिया एक तरह से उस वस्तु का विस्तार ही है। खुदरा शब्द हिन्दी में फारसी से आया। मूलतः यह संस्कृत के क्षुद्र का रूपांतर है जिसका अर्थ होता है अत्यंत छोटा अंश, कम, तुच्छ यानी छोटी वस्तु, लघु इकाई, टुकड़ा आदि। क्षुद्र से फारसी में बना खुर्द जिसमें यही सारे भाव हैं। गौर करें खुर्दबीन यानी सूक्ष्मदर्शी पर। फारसी के खुर्द का हिन्दी में वर्ण विपर्यय हुआ और बन गया खुदरा। खुदरा व्यापारी का अर्थ हुआ छोटा किरानी, फुटकर सामान बेचनेवाला।
ब्रोकर शब्द की व्युत्पत्ति के बारे में अलग-अलग मत हैं।  ब्रोकर broker एंग्लो-नार्मन brocour या abrocour शब्द का रूपांतर है जिसका अर्थ होता है छोटा व्यापारी, रिटेलर, किरानी, दुकानदार आदि। मूलतः यह वल्गर लैटिन के brocca से रूपांतरित हुआ है जिसका अर्थ होता है नुकीली सलाई, सलाख, छेदना, टुकड़े करना आदि। एक अन्य मत के अनुसार ब्रोकर शब्द स्पैनिश के alboroque का रूपांतर है। अमेरिकन हैरिटेज डिक्शनरी के
dealerअंग्रेजी का ब्रोकर शब्द मूलतः अरबी मूल का है जहां से वह स्पैनी भाषा में पहुंचा
अनुसार इसका अर्थ किसी व्यावसायिक सौदे के सम्पन्न होने की खुशी में होने वाला जलसा या इस मौके पर सौदे के निमित्त दिया जाने वाला उपहार है। इसमें एक मध्यस्थ नज़र आ रहा है, जो सौदा कराने की एवज में उपहार या पारितोषिक प्राप्त करता है। यह दलाल या ब्रोकर है। यूरोप में ब्रोकर शब्द के साथ एक पारम्परिक रस्म यूं ही नहीं जुड़ गई। इस शब्द के अरबी मूल में शुभप्रसंग और मंगलकामना का भाव पहले से विद्यमान है।
स्पैनिश का alboroque दरअसल मूल अरबी शब्द है। गौरतलब है कि मध्यकाल में अरबों ने समूचे भूमध्यसागरीय क्षेत्र पर अपना दबदबा कायम किया था और तब की महाशक्ति स्पेन का एक बड़ा हिस्सा अरबी उपनिवेश था। स्पेन की भाषा-संस्कृति पर अरबों का बहुत गहरा असर है। अरबी शब्द al-baraka (या al-barack) का बना है सेमिटिक धातु b-r-k (बा-रा-काफ) से जिसका अर्थ होता है आशीर्वाद देना, प्रशंसा करना, उपकृत करना, धन्य करना आदि। अरबी के अलावा हिब्रू में भी यह धातु है। al-baraka में भी यही भाव हैं। समृद्धि, वृद्धि या खुशहाली के अर्थ में हिन्दी में इसी मूल से बना बरक्कत शब्द प्रचलित है। मांगलिक अवसरों पर शुभकामना देने के लिए अक्सर मुबारकबाद दी जाती है। यह मुबारक भी इसी मूल से आ रहा है और बराक में मु उपसर्ग लगने से बना है। जाहिर है बराक का अर्थ हुआ शक्तिशाली, विशिष्ट, मांगलिक, समृद्ध आदि। अमेरिका के राष्ट्रपति के नाम के पहले चरण में जो बराक शब्द है वह इसी मूल का है। इस नाम के महत्व को विश्व में इस महाशक्ति की विशिष्ट भूमिका के संदर्भ में देखें तो अल-बराक शब्द से रूपांतरित ब्रोकर शब्द और भी अर्थवान नज़र आता है। दुनियाभर के इस स्वयंभू पंच की सौदागरी को ध्यान में रख कर आप मध्यस्थ, दलाल, ब्रोकर या डीलर क्या कहना चाहेंगे? चाहें तो अंकल सैम की तर्ज पर अमेरिका के लिए मियां सैम विशेषण भी चला सकते हैं।
ब आते हैं डीलर शब्द पर। यह प्रोटो-इंडो यूरोपीय भाषा परिवार का शब्द है और अंग्रेजी के डील से बना है। इसका मतलब है सौदा, हिस्सा, अंश, मात्रा या परिमाण जिनमें अंततः बंटवारा, विभाजन का ही भाव है। इसके अलावा इसमें न्याय करने का भाव भी है। किसी भी किस्म का बंटवारा या विभाजन एक सुलझाव है। इसे न्याय कहना भी तार्किक है। जाहिर है डीलर शब्द का अर्थ हुआ छोटा दुकानदार, सौदेबाज, कमीशन एजेंट आदि। यह बना है पोस्ट जर्मनिक के डैलाज़ dailaz से। लिथुआनी में इसका रूप होता है dalis, डच में यह deel के रूप में उपस्थित है। मूलतः ये सभी शब्द dal जर्मनिक धातु dailiz से निकले हैं। प्रख्यात भाषाविद् जूलियस पकोर्नी के मुताबिक इसकी रिश्तेदारी भारोपीय धातु दा (?) से है। हमारा मानना है कि यह संस्कृत की दल् धातु से मिलती-जुलती होनी चाहिए जिसमें विभक्त होना, विस्तारित होना, फैलना, तोड़ना, ढेर बनाना आदि भाव हैं।  हिस्सा, अंश या विभाजन के रूप में डील की तुलना संस्कृत के दलम् शब्द से करें। दल में बंटवारे का भाव स्पष्ट है। किसी वस्तु को महीन करना, खण्ड खण्ड करना, तोड़ना, पीसना, जैसे भाव दल में हैं। दल से हिन्दी के कई शब्द बने हैं। दलित, दलन, दलना, दलिया, दलगत, दलीय, दल-बदल आदि। राजनीतिक पार्टी के लिए दल शब्द बहुचर्चित है। दलपत एक व्यक्तिनाम है। इसका मूल रूप है दलपति अर्थात किसी समूह या धड़े का स्वामी। अरबी के दलाल में, फारसी के मियांजी में और जर्मनिक के dailiz में समाए न्यायकर्ता के भाव से दलपति की अर्थवत्ता का मिलान करना दिलचस्प होगा। अंग्रेजी के डीलर और अरबी के दलाल शब्द को हिन्दी के दल शब्द की छाया में तौल कर देखें तो एकरूपता दिखाई पड़ती है। ऐसा लगता है सेमिटिक परिवार के दलाल शब्द का रिश्ता भी सस्कृत के दल शब्द से निकले किन्ही शब्दरूपों से रहा होगा।  -जारी
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  • 14 कमेंट्स:

    Anonymous said...

    In matters of language, you should give concrete evidences and not just resort to speculation. In your various posts, I find a tendency to find the ultimate source of every word in Sanskrit- this is shere linguistic chauvinism. Try to be more objective and scietific otherwise your whole effort will come to naught.--Baljit Basi

    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

    आज तो पता लग ही गया कि ब्रोकर या डीलर क्या होता है?

    मनोज कुमार said...

    शानदार और मनमोहक।

    निर्मला कपिला said...

    मियांगिरी अपने स्वभाव की तरह बहुत व्यापक विवरण लिये है धन्यवाद्

    अजित वडनेरकर said...

    @ Baljit Basi
    यह आपकी दूसरी टिप्पणी है। सफर पर आने का शुक्रिया। मैं भाषा विज्ञानी नहीं हूं। दुनिया का उद्गम भारत से हुआ, हर भाषा संस्कृत से जन्मी, ऐसी हास्यास्पद धारणा रखनेवालों में कम से कम मैं नहीं हूं। किसी शब्द के बारे में देशी-विदेशी विद्वानों के हरसंभव उपलब्ध मतों और दृष्टिकोण से गुज़रकर ही मैं लिखता हूं। जब विशेषज्ञों का दृष्टिकोण भी अस्पष्ट होता है तब अपनी धारणा (संभावना के स्तर पर) रखता हूं। आपको ऐसा क्यों लग रहा है कि मैं हर शब्द का उद्गम संस्कृत से मानता हूं? मैं हर पोस्ट के साथ शब्द संदर्भों के हाईपर लिंक भी लगाता हूं। और किस प्रमाण की ज़रूरत है आपको। आप भी तो कोई ठोस उदाहरण दीजिए इस बात का।

    आप अनानिमस टिप्पणी क्यों लिख रही हैं (या रहे है)। क्या आपका जुड़ाव भी भाषा के क्षेत्र से है? कृपया अपना ईमेल आईडी भी लिखें।

    शुभकामनाएं।

    Anonymous said...

    भाई साब
    आप जो काम कर रहे है,वो अद्वितीय है.शानदार.इस तरह का काम सिखा नहीं जा सकता.ऊपर वाले की नेमत है आप पर.भाषा के विज्ञानी नहीं भाषा के पितामह है आप .आप की प्रशंसा में जितना कहा जाये कम है.आज की पोस्ट भी शान दार है. अमित

    Abhishek Ojha said...

    आज बराक का मतलब भी जान गए !

    डॉ टी एस दराल said...

    अजित जी, शब्दों के उदगम और अर्थ पर बहुत महत्त्वपूर्ण जानकारी जुटाई है आपने.
    इस उपयोगी जानकारी के लिए आभार.
    मेरे ब्लॉग पर आने के लिए धन्यवाद.
    कृपया एक बार फिर पधारें.

    dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } said...

    डीलर है तो दलाल के आस पास लेकिन बुरा नहीं लगते है

    Anonymous said...

    Thank you very much for taking notice of my comments.In fact I regularly read your posts and really appreciate your attempts that uncover covert and subtle relationships between words of different languages.My objection was that you could not prove Hindi'dal' and English 'deal' as cognate words.In some other posts too,I found this tendency.Tracing history of words often becomes a very slippery job and one is likely to fall prey to linguistic chauvinism which one should avoid.I dont have much practice of writing/typing Hindi otherwise I could have given comments in Hindi.You have sent me your latest post via email, how am a anonymous? I shall continue to send my comments.-Baljit Basi

    padmja sharma said...

    Ajit ji ,
    shabdon ki yah yatra achhi lagi .

    अजित वडनेरकर said...

    @Baljit Basi
    बेनामी से मेरा अभिप्राय कमेंट बॉक्स में आपके द्वारा अनानिमस वाला आप्शन सिलैक्ट करने से था। आपका नाम बलजीत तो नीचे लिखा दिख भी रहा है और उससे ही मैं संबोधित भी हूं। अगर आप अनानिमस सिलेक्ट करेंगे (या करेंगी) तो मुझे आपका ईमेल आईडी कैसे मिलेगा?अगर आपका इलेक्ट्रानिक आईडी मेरे पास नहीं है तो मैं आपको अनानिमस ही मानूंगा न!!! आपको गूगल अकाऊंट सिलैक्ट करना चाहिए। मैने आपको कोई पत्र आपके मेल आईडी पर नहीं भेजा। सफर की जो पोस्ट आपको आपके मेल बाक्स में मिलती हैं वे तो फीड बर्नर के जरिये मिल रही होंगी। उसके जरिये आपका आईडी मेरे पास तो नहीं आता न...

    अनॉनिमस वाला आप्शन वही लोग उपयोग करते हैं जो अपनी पहचान गुप्त रखना चाहते हैं। उम्मीद है मेरा बिंदु समझेंगे (या समझेंगी)। कृपया अपना आईड़ी ज़रूर बताएं।

    डील को लेकर मैने कोई निश्चयात्मक बात नहीं कही है। अंश, हिस्सा, भाग की अर्थ साम्यता के चलते तुलना भर की गई है। एक इशारा किया है, संभावना जताई है। डील का भारोपीय संदर्भ अगर पोलास्की बताते हैं तब उस प्रोटो इंडोयूरोपीय रूट से संबंधित संस्कृत या अवेस्तन शब्द या धातु तलाशना स्वाभाविक होगा। अगर मुझे दल् धातु से ध्वनि और अर्थसाम्य नज़र आया और इसकी तरफ मैने संभावना जताई तो यह बेहद स्वाभाविक बात है। इसमें भाषायी कट्टरता या एक अलग किस्म का ....वाद देखना गलत है। व्युत्पत्ति विज्ञान में बड़े बड़े नामों ने इन्हीं वादों के झमेले में बड़े बड़े गड़बड़झाले किए हैं। शब्दों का सफर ऐसी किसी भी किस्म की मुहिम का हिस्सा नहीं है। यह तो महज़ यायावरी है। सैरसपाटा है। निर्मल आनंद है। फिर भी चाहूंगा कि अपनी बात का प्रमाण दें और हिन्दी में लिखें तो सुविधा होगी। इंडिक ट्रांसलिट्रेशन टूल या इसी कमेंट बाक्स के ऊपरवाले बाक्स में आप लिखें तो वो देवनागरी में ट्रांसलिट्रेट हो जाता है।

    Baljit Basi said...
    This comment has been removed by the author.
    Baljit Basi said...

    Giving my identity is not a big deal for me!
    Baljit Basi

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