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Monday, February 27, 2012
सफ़र के दूसरे पड़ाव का विमोचन
स फ़र के सभी साथियों को बहुत बहुत बधाइयाँ । आप सबकी सहभागिता और शुभकामनाओ से शब्दों का सफ़र के दूसरे पड़ाव यानी दूसरा खण्ड छप कर तैयार है और आज दिल्ली के इंडिया इंटरनैशनल सेंटर में हिन्दी के ख्यात साहित्यकारों और अन्य गणमान्य लोगों की मौजूदगी में इसका विमोचन होना है । शब्दों का सफर शुरू से शब्दव्युत्पत्ति-विवेचना को अकादमिक बोझिलता से बचाते हुए आमफ़हम हिन्दी भाषी तक पहुँचाने की अपनी ईमानदार पहल और विषय आधारित प्रस्तुतियों के लिए जाना जाता रहा है ।
शब्दों का सफ़र का न सिर्फ़ स्वागत हुआ बल्कि शब्द व्युत्पत्ति और विवेचना की पद्धति को लोगों ने भरपूर सराहा । खुशी की बात है कि भाषाविज्ञान पढ़ाने वाले या पढ़ा चुके वरिष्ठ हिन्दी प्राध्यापकों ने भी शब्दों का सफ़र को प्रोत्साहित किया । साथियों के आग्रह पर वर्ष 2011 में शब्दों का सफ़र का पहला पड़ाव हिन्दी के सबसे पड़े प्रकाशन समूह राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुआ । इसी वर्ष सफ़र के दूसरे पड़ाव की पाण्डुलिपि को राजकमल प्रकाशन का प्रतिष्ठित कृति-पाण्डुलिपि सम्मान भी प्राप्त हुआ । किसी भी कृति के लिए प्रकाशन-वर्ष के भीतर पहली आवृत्ति का समाप्त हो जाना उसकी कामयाबी का पैमाना होता है । प्रकाशन के सात माह के भीतर सफ़र की सभी प्रतियों को पाठकों ने हाथों हाथ अपने संग्रह में सहेज लिया । दूसरी आवृत्ति भी अगस्त 2011 के अन्त तक बाज़ार में आ गई । ...और अब 2012 की 28 फ़रवरी को सफ़र का दूसरा पड़ाव ( पहली आवृत्ति ) बस आपके हाथों में पहुँचने ही वाला है ।
पाण्डुलिपि में भरपूर सावधानियाँ बरतने के बावजूद इसमें कमियाँ रह गई होंगी । कविता, कहानी या उपन्यास की तुलना में सन्दर्भ-रचना के हर चरण में मुश्किल आती है, इस तथ्य के मद्देनज़र आप उदारतापूर्वक इस रचना- प्रयास का हमेशा की तरह स्वागत करेंगे, यह अपेक्षा है । सुधार लगातार चलती रहने वाली प्रक्रिया है । आप सबके उत्साहवर्धन से सफ़र लगातार आगे बढ़ रहा है ।
[दाएँ-विश्व पुस्तक मेला में “शब्दों का सफर”]
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16 कमेंट्स:
बधाई हो जी। बहुत-बहुत बधाई हो! ऐसे कई पड़ावों का इंतजार है। :)
बधाई हो ...अजित जी !
यह तो होना ही था ....:)
अजित जी, हार्दिक बधाई. आप के साथ ही हम सभी 'फैन्स' के लिए भी आज बहुत ख़ुशी का दिन है. बहुत बहुत शुभकामनाएँ!
बधाई एवं शुभकामनाएं
अतिशय बधाईयाँ, यह श्रंखला हिन्दी साहित्य के सफर में मील का पत्थर साहित होगी।
बधाई भाई साहब। यह वाकई खुशी की बात है।
बहुत बहुत बधाई!
और प्राप्त हो रही रॉयल्टी की भी! जो शायद हिंदी किताबों के लिहाज से अपवाद स्वरूप है!
बहुत बधाई । जल्दी ही ऑर्डर करेंगे ।
बहुत बधाई । जल्दी ही ऑर्डर करेंगे ।
बहुत बधाई । जल्दी ही ऑर्डर करेंगे ।
बधाई .
ब्लोगर्स भी किसी से कम नहीं .
शुभेच्छाओँ के लिए सफ़र के सभी साथियों का बहुत बहुत शुक्रिया...
सफ़र चलता रहेगा मुसलसल ....
बहुत बहुत बधाई --में आंग्लभाषा का अध्यापक हूँ -मेरा मानना है --
English is must but हिंदी first
जै जै !
हार्दिक बधाई अजित जी!
बादवाली पोस्ट पहले पढी और पहलेवाली पोस्ट अब पढ रहा हूँ - बादवाली पोस्ट पढलेने और उस पर टिप्पणी करने के बाद।
बधाइयाँ ही बधाइयॉं। अकूत बधाइयॉं।
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